प्रधान मंत्री कोष[वापस जाएं]

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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष

पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए जनवरी, 1948 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना की गई थी। प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल अब प्रमुखतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है। यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है और इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है। कोष की धनराशि बैंकों में नियत जमा खातों में रखी जाती है। कोष से धनराशि प्रधान मंत्री के अनुमोदन से वितरित की जाती है। प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का स्थाई खाता संख्या (पैन नं.) AACTP4637Q है। विगत 7 वर्षों का आय-व्यय का विवरण निम्नानुसार है:-
 
                                                                                                                                                                                                    (
करोड़ रु में.)

        वर्ष

कुल आय (नवीन योगदान ब्याज आय, वापसी)

कुल व्यय (दंगे, बाढ़, सूखा, भूकंप, चक्रवात, सुनामी, चिकित्सा आदि के लिए राहत)

      शेष

2008-09 ()

353.49

216.31

1611.62

2009-10 ()

185.11

120.26

1652.83

2010-11 ()

155.61

182.31

1625.64

2011-12 ()

200.79

128.41

1698.00

2012-13 ()

211.41

181.52

1727.79

2013-14
(बिना जाँचा)

377.04

297.15

1995.01

2014-15
(बिना जाँचा 16-05-2014 तक)

6.82

9.63

2038.01


= लेखापरीक्षित

(अद्यतन 16-05-2014 तक किया गया)
 

राष्ट्रीय रक्षा निधि

राष्ट्रीय रक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु नकद एवं वस्तुओं के रूप में प्राप्त स्वैच्छिक दान की जिम्मेदारी लेने और उसके इस्तेमाल पर निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय रक्षा कोष स्थापित किया गया था। इस कोष का इस्तेमाल सशस्त्र बलों (अर्द्ध सैनिक बलों सहित) के सदस्यों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए किया जाता है। यह कोष एक कार्यकारिणी समिति के प्रशासनिक नियंत्रण में होता है। इस समिति के अध्यक्ष प्रधान मंत्री होते हैं और रक्षा, वित्त तथा गृह मंत्री इसके सदस्य होते हैं। वित्त मंत्री इस कोष के कोषपाल होते हैं तथा इस विषय को देख रहे प्रधान मंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव कार्यकारिणी समिति के सचिव होते हैं। कोष का लेखा भारतीय रिजर्व बैंक में रखा जाता है। यह कोष जनता के स्वैच्छिक अंशदान पर पूरी तरह से निर्भर होता है और इसे किसी भी तरह की बजटीय सहायता नहीं मिलती है। इस कोष के लिए ऑनलाइन अंशदान स्वीकार किए जाते हैं। इस प्रकार के अंशदान archivepmo.nic.in/drmanmohansingh, archivepmo.nic.in/drmanmohansingh वेबसाइटों तथा भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट www.onlinesbi.com के माध्यम से किए जा सकते हैं। एकत्रण खाता संख्या 11084239799 है जो भारतीय स्टेट बैंक, इंस्टीट्यूशनल डिविजन, चौथी मंजिल, संसद मार्ग, नई दिल्ली के पास है।

कोष को एक स्थाई खाता संख्या (पैन)- AAAGN0009F आवंटित किया गया है।

पिछले पांच वर्ष के दौरान राष्ट्रीय रक्षा कोष का आय और व्यय का विवरण इस प्रकार है:-
  
(करोड़ रु में.)

वर्ष

व्यय

प्राप्तियां

शेष

31.03.2009

33.72

57.82

723.82

31.03.2010

19.25

65.49

770.06

31.03.2011

9.98

68.78

834.45

31.03.2012

45.14

73.05

862.52

31.03.2013

5.72

76.69

941.50

 
राष्ट्रीय रक्षा कोष के अंतर्गत आने वाली स्कीम:-

1. प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बल और अर्ध सैनिक बलों के मृत व्यक्तियों की विधवाओं और आश्रितों के लिए तकनीकी और स्नातकोत्तर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति स्कीम अनुमोदित की है । यह स्कीम सशस्त्र बलों के संबंध में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है । जहां तक अर्ध सैनिक बल और रेल संरक्षण बल के कार्मिकों का संबंध है, स्कीम क्रमश: गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है ।

राष्ट्रीय रक्षा कोष से कार्यान्वित की जाने वाली “प्रधानमंत्री की छात्रवृत्ति स्कीम” की मुख्य विशेषताएं

(क) यह स्कीम सशस्त्र बलों (अर्ध सैनिक बलों सहित) पर लागू होगी। मासिक छात्रवृत्ति (क) भूर्तपूर्व सैनिकों (केवल अधिकारी रैंक से नीचे), 

(ख) उनकी विधवाओं, (ग) उन कार्मिकों की विधवाएं जिनकी मृत्यु सेवाकाल के दौरान सेवा की प्रकृति में मौजूद कारणों से हुई है और (घ)अर्ध सैनिक बल और रेल संरक्षण बल के सेवा कालीन कार्मिकों के आश्रितों और विधवाओं को दी जाएगी। छात्रवृत्ति तकनीकी संस्थाओं (उपयुक्त ए आई सी टी ई/यू जी सी अनुमोदन प्राप्त चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, इंजीनियरिंग, एम बी ए, एम सी ए, ओर अन्य समतुल्य तकनीकी व्यवसायों) के लिए मान्य होगी। विधवाओं के आश्रितों और उपर्युक्त (ख) और (ग) में उल्लिखित कारणों से सेवाकाल के दौरान मृत कार्मिकों की विधवाओं के लिए रैंक की कोई बाध्यता नहीं होगी। इस स्कीम से सभी अर्ध सैनिक बल के आश्रित भी लाभान्वित होंगे। इस तरह 4000 छात्रवृत्तियां रक्षा मंत्रालय द्वारा नियंत्रित बलों के लिए होंगी और 1000 छात्रवृत्तियां गृह मंत्रालय एवं अन्य द्वारा नियंत्रित बलों के लिए होंगी।

 (ख) छात्रवृत्ति बालकों के लिए प्रतिमाह 1250 रु. और बलिकाओं के लिए प्रतिमाह 1500 रु. होगी। इस स्कीम का 14 नवंबर, 2006 को प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया। अब तक नए मामलों के रुप में 18442 बालकों और बालिकाओं को इस स्कीम का लाभ मिला हैं। बालकों एवं बालिकाओं के 21863 मामलों के लिए छात्रवृत्तियां नवीकृत की गई है।

2. सियाचीन बेस कैंप के अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने 6 करोड़ रु. की लागत पर जवानों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए सियाचीन के अस्पताल में सी टी स्कैन मशीन और उनके मनोरंजन के लिए 2 बड़े होम थियेटरों के संस्थापन की घोषणा की। होम थियेटरों के लिए कोष का कार्य रक्षा मंत्रालय को सौंपा गया है। सी टी स्कैन मशीनें रक्षा मंत्रालय द्वारा अपने स्वयं के स्रोतों से संस्थापित की गई हैं।

3. प्रधानमंत्री ने आई एन एस विराट पर अपने कार्यक्रम के दौरान वायुयान संबंधी कैरियर में चिकित्सा और स्वस्थता सुविधाओं को उन्नत करने की घोषणा की। रक्षा मंत्रालय इस संबंध में कार्य कर रहा है। रक्षा मंत्रालय की सिफारिश के आधार पर 35.15 लाख रु. दिए गए हैं।

4. प्रधानमंत्री ने तीन संस्थाओं-क्वीन मैरी टेक्निकल इंस्टिट्यूट, किरकी, पुणे और अशक्त सैनिकों के पुनर्वास में लगे पैराप्लेजिक रीहैबिलिटेशन सेंटर, मोहाली के उन्नयन के लिए 7.53 करोड़ रु. का अनुदान स्वीकृत किया हैं। कोष का कार्य रक्षा मंत्रालय को सौंपा गया है।

5. प्रधानमंत्री ने कूकी इन कॉम्प्लेक्स, इम्फाल में समुदाय हॉलव संग्रहालय और पुस्तकालय के निर्माण के लिए 1.44 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया है। कोष का कार्य मणिपुर सरकार को सौंपा गया है।

6. प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के अपने दौरे के समय निम्नलिखित में सुधार के लिए 90 लाख के अनुदान की घोषणा की। देहन, सेंगी, लिकाबाली और मिसामारी में 2 डिविजन क्षेत्र में (रसोई उपकरण और आवास सुविधाएं शामिल करने के लिए) पारगमन सुविधा और आर ए एल पी (शेष अरुणाचल प्रदेश) क्षेत्र में संचार सुविधाओं में (सुबनसिरी घाटी, सियांग घाटी, सियांग घाटी, लोहित घाटी और देबांग घाटी में सुरक्षित उपग्रह संचार की खरीद) सुधार किया जाएगा। निधि जारी कर दी गई है।

7. प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड केंद्रीय कल्याण कोष के लिए 20 करोड़ की राशि स्वीकृत की ताकि कॉर्पस का संवर्धन किया जा सके। कोष का प्रयोग कल्याण कार्यों और अनुग्रह अनुदान का व्यय पूरा करने के लिए किया जाएगा। कोष का कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड मुख्यालयों को सौंपा गया है।

8.  एस पी जी परिवार कल्याण कोष को 15 लाख  का वार्षिक अनुदान जारी किया गया है ताकि वे अपने कार्मिकों और उनके परिवार के हितों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्य कर सकें।

(अद्यतन 31-01-2014 तक किया गया)