भाषण [वापस जाएं]

October 11, 2013
जकार्ता, इंडोनेशिया


इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोज में प्रधानमंत्री का संबोधन

मैं महामहिम को भारत के बारे में उनके स्नहेपूर्ण शब्दों और भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद देता हूं। हम आपके हार्दिक स्वागत और उदार आतिथ्य सत्कार से बेहद प्रभावित हैं।

महामहिम, आपने अपने देश के महत्वपूर्ण समय के दौरान और क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव की अवधि के दौरान महान दूरदृष्टि एवं बुद्धि के साथ इंडोनेशिया का नेतृत्व किया है। आपके नेतृत्व में इंडोनेशिया का लोकतंत्र मजबूत हुआ है, इसकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि हुई है, इसकी क्षेत्रीय भूमिका बढ़ी है तथा इसकी वैश्विक हैसियत में विस्तार हुआ है। हमने प्रत्येक उपलब्धि में आपकी अचूक छाप देखी है जो भारत ने आसियान के साथ संबंध में हासिल किया है। आप उस रणनीतिक भागीदारी के रचयिता रहे जो 2005 में आपकी ऐतिहासिक भारत यात्रा के दौरान हमारे देशों के बीच स्थापित हुई। 2011 में हमारे गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आपकी भारत यात्रा उन आधुनिक एवं प्राचीन बहुमुखी रिश्तों की पुष्टि हुई जो हमें विशेष रिश्ते से बांधे हुए हैं। महामहिम, हमारे सभ्यतागत संबंधों के लंबे इतिहास में हमारा वैश्विक दृष्टिकोण प्रारंभिक सदियों में हिंदू और बौद्ध धर्म की तथा पिछले कुछ सौ वर्षों से इस्लाम की साझा आध्यात्मिक विरासत रहा है। हमारी जनता के दिल रामायण की चौपाइयों के साथ धड़कते हैं। हमारे देश में ओडिशा में समुद्री रेशम मार्ग की याद दिलाने वाली बाली यात्रा अब भी जीवन का अंग है।

हम एक दूसरे की कला, वास्तुशिल्प, संगीत और भाषा के जरिए समृद्ध हुए हैं। हमने आजादी के संघर्ष में तथा अपनी स्वतंत्रता के पहले संघर्ष में एक दूसरे का ताकत दी है। उसके शीघ्र बाद, हमने विश्व में भाइचारे और एकता के लिए मिलकर काम किया। सिर्फ यह समृद्ध विरासत ही नहीं बल्कि असाधारण रेंज के साझा हितों से भी हमारे आज के रिश्तों को प्रगाढ़़ता और गर्मजोशी मिली है। हमारे दोनों देश दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में हैं तथा दोनों में बहुलवादी लोकतंत्र है जिनकी साझा विकास आकांक्षाएं हैं एवं सामान्य चुनौतियों का सामना करते हैं। हम दो प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं भी हैं जो अपने कायाकल्प को पूरा करने के लिए शांतिपूर्ण एवं स्थिर अंतर्राष्ट्रीय माहौल चाहते हैं।

अपने क्षेत्र के भविष्य को रूप देने के लिए हमारी भारी साझा जिम्मेदारी है जो गतिशीलता एवं आशावाद का भंडारगृह है लेकिन हमें अनसुलझे सवालों और बदलाव की अनिश्चितता से भी जूझना है। पिछले दशक में हमारे संबंध और सहयोग बढ़े हैं तथा मानव प्रयास एवं हमारे रिश्ते के हर आयाम में प्रगाढ़ता आई है। फिर भी आज इससे पहले हमारी चर्चा से प्रदर्शित हुआ कि आपसी हित के लिए मिलकर काम करने असीम क्षमता है जो अभी तक इस्तेमाल नहीं की गई है।

मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में, हम इस क्षमता को पूरी तरह हासिल करेंगे। महामहिम, आसियान सचिवालय का घर होने के नाते इंडोनेशिया एशिया की उस एकता और इसकी विविधता, मूल्यों को परिभाषित करता है जो भारत के लिए भी अजीज है। इंडोनेशिया की विदेश नीति का सिद्धांत ”हजारों मित्र और कोई शत्रु नहीं” भी भारत के दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात सारा विश्व एक परिवार है की प्रतिध्वनि देता है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि एशिया अपने पुनरुत्थान में विश्व को शांति, भाइचारे और समृद्धि की राह दिखाएगा। यह भाइचारे की भावना ही आप, महामहिम द्वारा रचित गीत में खूबसूरती से आई है जो इस शाम सुनाया गया था जो भारत में स्पंदन पाता है तथा एशिया और विश्व में हमारे लिए वायदा करता है।

इन शब्दों के साथ महामहिम, दोस्तों, देवियों और सज्जनों, मैं आपको टोस्ट में आमंत्रित करता हूं।

- महामहिम राष्ट्रपति सुसीलो बाम्बैंग युधोयोनो और मैडम एनी बाम्बैंग युधोयोनो के व्यक्तिगत अच्छे स्वास्थ्य और खुशी के लिए,

- हमारे दोनों देशो के लोगों के कल्याण, प्रगति और समृद्धि के लिए तथा

- भारत एवं इंडोनेशिया के बीच अटूट मैत्री और भागीदारी के लिए।