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October 10, 2013
ब्रुनेई दारूस्सलाम


11वें भारत आसि‍यान शि‍खर सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री का शुरूआती बयान

प्रधानमंत्री ने ब्रूनेई दारुस्सलाम में 11वें भारत आसि‍यान शि‍खर सम्‍मेलन को संबोधि‍त कि‍या। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के शुरूआती वक्‍तव्‍य का मूलपाठ नीचे दि‍या जा रहा है:-

"11वें भारत आसि‍यान शि‍खर सम्‍मेलन के अवसर पर आपके इस सुंदर देश में आप सबके साथ आना मुझे बहुत आनंददायक महसूस हो रहा है। हम सबके लि‍ए बढ़ि‍या मेजबानी और मेरे प्रति‍नि‍धि‍मंडल तथा मेरे लि‍ए हार्दि‍क स्‍वागत और मेजबानी की बढ़ि‍या व्‍यवस्‍था की गई है जि‍सके लि‍ए मैं ब्रूनेई दारुस्सलाम के महामहि‍म सुल्‍तान और जनता को धन्‍यवाद देता हूँ।

मैं आप सबको भी पि‍छले दि‍सम्‍बर में स्‍मारक शीर्ष सम्‍मेलन आयोजि‍त करने के लि‍ए धन्‍यवाद देता हूँ। इस अवसर पर हमने भारत आसि‍यान संबंधों को बुलंद कि‍या और इन्‍हें रणनीति‍क भागीदारी तक पहुंचाने के लि‍ए हमारा मार्ग प्रशस्‍त हुआ।

सभी देशों की सुरक्षा और एशि‍याई पड़ोस में साझा समृद्धि‍ हमारे समान हि‍तों में शामि‍ल हैं। दुनि‍या के वि‍भि‍न्‍न भागों में जो आर्थि‍क संकट और उठापटक चल रही है, उससे हमारी प्रभावशाली भागीदारी का महत्‍व साबि‍त होता है। पूर्व और दक्षि‍ण पूर्व एशि‍या के साथ हमारे संबंधों का पि‍छले दो दशकों में वि‍स्‍तार हुआ है। हम आपसी संबंधों को और ज्‍यादा बढ़ाना ही नहीं चाहते, बल्‍कि‍इन्‍हें क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संस्‍थागत रूप देना चाहते हैं तथा ऐसा माहौल बनाना चाहते है जो स्‍थि‍रता, सुरक्षा और हमारे क्षेत्र के आर्थि‍क वि‍कास के अनुरूप हो।

महामहि‍मगण, यह हमारे लि‍ए गर्व की बात है कि‍आसि‍यान देशों ने एकीकरण और सहयोग में हमें ही नहीं बल्‍कि‍पूरे क्षेत्र को रास्‍ता दि‍खाया है। भारत के लि‍ए हमारी पूर्व की ओर देखो नीति‍के वास्‍ते यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और भवि‍ष्‍य में क्षेत्रीय तंत्रों के वि‍कास में इसे केन्‍द्र में रखना होगा। साथ ही, इसे खुला और समावेशी होना है। क्षेत्र के लि‍ए हम आपकी दूरदृष्‍टि‍और महत्‍वकांक्षाओं में शामि‍ल हैं और 2015 के आसि‍यान आर्थि‍क समुदाय की तरफ आगे बढ़ने में हम आपके साथ हैं।

महामहि‍मगण, दो दशक पहले भारत और आसि‍यान ने सहयोग का एक व्‍यापक एजेंडा बनाया था और व्‍यापक रूपरेखा तैयार की थी जि‍सका अनुसरण कि‍या जाना था। आज हम अपने संबंधों के शुरूआत के तीसरे दशक के कि‍नारे खड़े हैं। अपनी उपलब्‍धि‍यों को देखते हुए तथा संबंधों को रणनीति‍क भागीदारी तक बढ़ाए जाने के बाद हम महसूस करते हैं कि‍हमारे बीच सहयोग और बढ़ाया जा सकता है। मेरा ख्‍याल है कि‍यह उपयुक्‍त अवसर होगा कि‍मैं एलान करूं कि‍भारत ने आसि‍यान देशों के लि‍ए अलग से एक मि‍शन खोलने का फैसला कि‍या है। इसके लि‍ए एक पूर्णकालि‍क राजदूत होगा। मुझे उम्‍मीद है कि‍आप सबका सहयोग हमारे इस प्रयास को मि‍लेगा।      महामहि‍मगण, हम लोग पि‍छली बार दि‍ल्‍ली में मि‍ले थे। तब से हुए महत्‍वपूर्ण घटनाक्रमों को देखते हुए मैं उनके महत्‍व पर प्रकाश डालना चाहूंगा। भारत आसि‍यान मुक्‍त व्‍यापार समझौते पर हस्‍ताक्षर करने के लि‍ए इसी वर्ष के आखि‍र तक तैयार है। इस पर जल्‍दी ही अमल कि‍या जाएगा। इस समझौते से माल और सेवाओं के बारे में हमारी आर्थि‍क भागेदारी को बढ़ावा मि‍लेगा और यह कदम इसमें पूरक सि‍द्ध होगा। भारत के चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स एंड इस्‍ट्रीज के प्रयासों का भी मैं स्‍वागत करता हूं जि‍न्‍होंने आसि‍यान इंडि‍या बि‍जनेस काउंसि‍ल को फि‍र से सशक्‍त बनाने के कदम उठाए है और जो आसि‍यान इंडि‍या ट्रेड एंड इनवेंस्टमेंट सेंटर खोलने जा रहे है। इन उपायों से हमारे देशों के बीच व्‍यापार संबंधों को बढ़ावा मि‍लेगा। पि‍छले साल भारत और आसि‍यान देशों के बीच 76 अरब अमरीकी डॉलर का व्‍यापार हुआ था। मुझे पूरा भरोसा है कि‍हम वर्ष 2015 तक व्‍यापार का लक्ष्‍य बढ़ाकर 100 अरब अमरीकी डॉलर कर सकेंगे और 2022 तक इसे बढ़ाकर दोगुना कर देंगे।

हमारे संबंधों की एक बड़ी और महत्‍वपूर्ण कड़ी है कनेक्‍टि‍वि‍टी। हमारे बीच टामू-कलेवा-कलेमयो क्षेत्र में भारत-म्‍यांमार-थाइलैंड त्रि‍कोण राजमार्ग लगभग बनने वाला है। 71 पुलों की मरम्‍मत की जा रही है और कलेवा से यारगई तक के 120 कि‍मी लंबे खंड को अपग्रेड करने का काम जल्‍दी शुरू हो जाएगा। हम थाइलैंड और म्‍यांमार के साथ मि‍लकर काम करेंगे ताकि‍यह परि‍योजना वर्ष 2016 तक पूरी हो जाए।

इस राजमार्ग को लाओस, कंबोडि‍या और वि‍यतनाम तक बढ़ाना उपयोगी रहेगा। इससे आसि‍यान देशों के बीच संबंध और बेहतर होंगे और वि‍शेष आर्थि‍क क्षेत्र जैसे मॉडलों पर काम हो सकेगा। इसमें नए-नए प्रकार के वि‍त्‍तीय और संस्‍थागत तंत्रों की जरूरत पड़ेगी। मुझे उम्‍मीद है कि‍हमारे मंत्री और अधि‍कारी इन वि‍चारों पर आगे वि‍चार-वि‍मर्श करेंगे।  आसि‍यान कनेक्‍टि‍वि‍टी कोरडि‍नेटिंग कमेटी और भारत के बीच पहली बैठक इसी वर्ष हुई थी। इसमें एक सॉफ्ट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर एक कार्य समूह की स्‍थापना का फैसला कि‍या गया था। मेरा सुझाव है कि‍हमारे अधि‍कारी आसि‍यान भारत आवाजाही परि‍वहन समझौते पर चर्चा शुरू करें और वर्ष 2015 तक इसे पूरा करने का लक्ष्‍य बनाएं। मुझे उम्‍मीद है कि‍प्रस्‍तावि‍त समुद्री परि‍वहन कार्यबल समूह का जल्‍दी ही गठन कर दि‍या जाएगा।

महामहि‍म, आसि‍यान ने इस वर्ष के लि‍ए हमारे लोग और हमारा भवि‍ष्‍य एक साथ को अपना वि‍षय चुना है। यह वि‍षय सचमुच ही उपयुक्‍त है। भारत आसि‍यान रणनीति‍क भागीदारी ने जनता से जनता स्‍तर के संबंध जरूर चलने चाहि‍ए। हमें नीति‍गत ऐसा माहौल बनाना है जि‍ससे हमारे उद्यमी और व्‍यावसायि‍क लोग एक-दूसरे के यहां आ-जा सके।

मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि‍हमारा छात्रों, कि‍सानों, राजनयि‍कों, मीडि‍या और सांसदों के आदान-प्रदान का कार्यक्रम बहुत कामयाब रहा और आसि‍यान तथा भारत के बीच वि‍चारकों का आदान-प्रदान हो सका। इससे दोनों क्षेत्रों के बीच समझदारी वि‍कसि‍त होती है और उत्‍पादक भागीदारी बनती है। मुझे आप सबको इस बात की सूचना देते हुए खुशी हो रही है कि‍जैसा पि‍छले वर्ष एलान कि‍या गया था, हमने नई दि‍ल्‍ली में एक आसि‍यान भारत केंद्र खोला है जो इन प्रयासों में पूरक सि‍द्ध होगा।

आसि‍यान के साथ और 2010 से 2015 के बीच दोनों देशों के लि‍ए हमने जो कार्य योजना बनाई थी, उसकी अनेक सहयोग परि‍योजनाओं के लाभ हमें मि‍लने लगे है। हमने वि‍यतनाम में एक सेटेलाइट ट्रेकिंग और डाटा रि‍सेप्शन स्‍टेशन तथा डाटा प्रोसैसिंग फैसि‍लि‍टी की स्‍थापना की थी। यह परि‍योजना इंडोनेशि‍या में टेलीमीटरी ट्रेकिंग और कमांड स्‍टेशन को भी उच्‍चीकृत करता है। इसे अप्रैल 2014 तक पूरा कि‍या जाना है। सीएलएमवी देशों में चार आईटी केंद्र भी खोले जाने की परि‍योजनाएं चल रही हैं। भारत में एक रि‍सोर्स सेंटर बनाने की परि‍योजना भी तैयार की गई है।

महामहिम, नालंदा विश्‍वविद्यालय को फिर से शुरू करने में सहायता प्रदान करने के लिए मैं आपको धन्‍यवाद देता हूं। नालंदा, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया की साझी विरासत है। विश्‍वविद्यालय का शैक्षिक सत्र अगले वर्ष से शुरू हो रहा है।इसे सफल बनाने के लिए आसियान छात्रों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी का मैं स्‍वागत करूंगा।

महामहिम, भारत और आसियान के बीच बढ़ती रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा चुनौतियों की प्रतिक्रिया में है और यह आसियान देशों के साथ भारत के प्रगाढ़ होते द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग में सहायक है। मुझे खुशी है कि भारत और आसियान में अंतर्देशीय अपराधों के संबंध में सहयोग के लिए आठ प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है और हम अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने की प्रक्रिया में है।

महामहिम, इससे पहले कि मैं अपनी बात खत्‍म करूं मैं इस साल  भारत को आसियान देश समन्‍वयक बनाने के लिए ब्रुनेई दारूस्‍सलाम द्वारा निभाई गई भूमिका की तहेदिल से सराहना करता हूं। आसियान भारत रणनीतिक भागीदारी की विशिष्‍ट रूपरेखा के कार्यान्‍वयन में सहयोग देने के लिए मैं आसियान के महासचिव और उनकी टीम द्वारा दी गई सहायता की  भी सराहना करता हूं।  अंत में, मैं वर्ष 2014 में आसियान की अध्‍यक्षता करने वाले म्‍यांमा, हमारे आसियान साथियों, की सफलता की कामना करता हूं और उन्‍हें सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त करता हूं।"