भाषण [वापस जाएं]

May 29, 2013
टोक्यो, जापान


जापान के प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित भोज में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए भाषण का मूल पाठ

मैं प्रधानमंत्री एबे की स्‍नेहपूर्ण और उदार भावनाओं के प्रति आभारी हूं। मेरी पत्‍नी को और मुझे टोक्‍यो आकर अत्‍यधिक प्रसन्‍नता हुई है। पिछले दो दिनों में इस यात्रा के दौरान उदार भाव से हुए आदर-सत्‍कार से हम अभिभूत हैं। इससे मेरी व्‍यक्तिगत मित्रता और दोनों देशों के बीच लगातार बन रहे संबंधों के प्रति मेरी धारणा की पुष्टि होती है।

महामहिम प्रधानमंत्री जी, सत्‍ता में आने के बाद आपने जापान की अर्थव्‍यवस्‍था को पुनर्जीवित करने और विदेशी संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में साहसिक और निर्णायक कदम उठाए हैं। आपने देश में विश्‍वास और आशा की किरण जगाई है और देश के बाहर सम्‍मान और प्रशंसा अर्जित की है। जहां तक भारत का संबंध है प्रधानमंत्री के रूप में आपने पहले के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंधों के साहसिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया था और आप उस दृष्टिकोण का अनुसरण करने तथा भारत के साथ मित्रता में अटल रहे हैं।

जापान की प्रत्‍येक यात्रा से मुझे दोनों देशों के संबंधों में शक्ति और उत्‍साह प्रतीत होता है। यह युगों से दोनों देशों की जनता के बीच स्‍नेह और प्रशंसा भाव पर आधारित है। 1893 में जापान की यात्रा के बाद भारतीय युवाओं को दिए गए स्‍वामी विवेकानंद के संदेश और सैंकड़ों साल पहले ओकाकुरा काकुजो द्वारा भारत की खोज में हम देखते हैं कि जब भारतीय और जापानी एक साथ आते हैं तो दोनों में अटूट रिश्‍ता बन जाता है।

हमें केवल अपना आध्‍यात्मिक और सांस्‍कृतिक अपनत्‍व ही नहीं जोड़ता बल्कि लोकतंत्र और अंतर्राष्‍ट्रीय शांति के प्रति हमारी समान वचनबद्धता भी हमें एक साथ लाती है। हमारी साझेदारी की सफलता हमारे लोगों की समृद्धि के लिए महत्‍वपूर्ण है और एशिया प्रशांत क्षेत्र के शांतिपूर्ण और स्‍थायी भविष्‍य के लिए आवश्‍यक है।

इस दृष्टि के अनुसरण में दोनों देशों ने छह साल से भी अधिक समय पहले रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की स्‍थापना की। तब से राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक बातचीत में विस्‍तार हुआ है। डेडिकेटेड फ्राइट कोरिडोर तथा दिल्‍ली-मुम्‍बई इंडस्‍ट्रीयल कोरिडोर जैसी बड़ी परियोजनाएं हमारी आकांक्षा तथा हमारी साझेदारी की असीम संभावनाओं को दर्शाती हैं। हमारा व्‍यापक आर्थिक साझेदारी समझौता हमारे आर्थिक संबंधों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलता है। हमारी साझेदारी में सुरक्षा सहयोग नया अध्‍याय जोड़ रहा है।

क्षेत्रीय आर्थिक समन्‍वय तथा सुरक्षा और स्‍थायित्‍व, जापान और भारत के साझा लक्ष्‍य हैं। पूर्व एशिया शिखर सम्‍मेलन तथा अन्‍य क्षेत्रीय मंचों पर जापान के साथ सहयोग को भारत महत्‍व देता है। हम एक साथ संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के नए ढ़ांचे की कामना करते हैं।

महामहि‍म, इन असाधारण दो दिनों में हमने रणनीतिक साझेदारी के स्‍थायी महत्‍व की पुष्टि की है। हमने व्‍यापार तथा निवेश बढ़ाकर अपने आर्थिक संबंधों का विस्‍तार करने का निश्‍चय किया है और हम प्रगतिशील रूप से अपने सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने पर सहमत हैं। मुझे विश्‍वास है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच असाधारण संबंध का भविष्‍य में उपयोगी और लाभकारी फल मिलेगा।

देवियों और सज्‍जनों, मैं इन शब्‍दों के साथ महामहि‍म जापान के प्रधानमंत्री और श्रीमती एबे के स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण की कामना करता हूं। मैं जापान की जनता की समृद्धि और प्रगति तथा विस्‍तारित रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की सफलता की भी कामना करता हूं।