भाषण [वापस जाएं]

March 27, 2013
डरबन


5वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन के बाद प्रधानमंत्री का वक्तव्य

5वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का पूर्ण अधिवेशन कल दक्षिण अफ्रीका के शहर डरबन में संपन्न हो गया। सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मीडिया को एक वक्तव्य जारी किया। इस वक्तव्य का मूल पाठ निम्न प्रकार से है:-

"मैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति श्री जैकब जुमा और वहां की जनता को 5वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए किए गए शानदार प्रबंध और आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।

मैं डरबन की स्थानीय सरकार और वहां की जनता का भी इस शानदार स्वागत के लिए धन्यवाद करता हूं। भारत की इस शहर के साथ विशेष घनिष्टता रही है, क्योंकि यह डरबन ही था जिसने लगभग 120 वर्ष पहले, मई, 1893 में हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका पहुंचने पर स्वागत किया था।

ब्रिक्स मंच का सन् 2009 में यक्तरिनबर्ग में पहले शिखर सम्मेलन के बाद से काफी विस्तार हुआ है। हमारे एजेंडे में अब विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें वैश्विक आर्थिक गतिविधियां, शांति और सुरक्षा, वैश्विक प्रशासन की राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं का सुधार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, टिकाऊ विकास और खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा शामिल हैं। हमने अभी-अभी ही इनमें से अनेक मामलों पर अत्यधिक सफल चर्चा संपन्न की है।

पिछले वर्ष के दौरान ब्रिक्स के अध्यक्ष के नाते भारत का विशेष ध्यान ब्रिक्स के देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सार्थक योगदान करने के लिए ब्रिक्स की क्षमता पर प्रकाश डालना था। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि ब्रिक्स के हमारे सहयोगियों की सहायता से हम 2012 में नई दिल्ली में हुए शिखऱ सम्मेलन में अपनाई गई एक आदर्श कार्य योजना को कार्यान्वित कर सके हैं।

मुझे यह देख कर अत्यधिक संतोष हो रहा है कि नई दिल्ली में सर्वप्रथम उठाए गए एक मुद्दे को डरबन शिखर सम्मेलन के दौरान साकार रूप दिया गया है। यह मुद्दा था विकसित देशों में आवश्यकता से अधिक बचत को असंरचना क्षेत्र में फिर से निवेश करने का तरीका अपनाया जाए। हमारे वित्त मंत्री अब इस परियोजना का ब्यौरा विकसित करने पर काम करेंगे।

आज की हमारी चर्चा से विश्व के अनेक मुद्दों जैसे पश्चिम एशिया में स्थिति और वैश्विक आर्थिक विकास में सुधार के प्रयास आदि पर हमारे विचारों की समानता का पता चलता है। इन प्रयासों के परिणामों से ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग की वचनबद्धता का पता चलता है। इस सम्मेलन के परिणाम स्वरूप ब्रिक्स व्यापार परिषद और चिंतकों के समूह के गठन के साथ-साथ अफ्रीका में परियोजनाओं का वित्त पोषण बढ़ाने और टिकाऊ विकास के लिए हमारे विकास बैंकों के बीच समझौता शामिल हैं।

अफ्रीका की धरती पर ब्रिक्स का यह पहला शिखर सम्मेलन होने के नाते यह उचित होगा कि इसमें एक विशेष ब्रिक्स-अफ्रीकी घटना को शामिल किया जाए और मैं आशा करता हूं कि आज अफ्रीकी नेताओं के साथ होने वाली हमारी चर्चा के दौरान दिलचस्पी ली जाएगी। मैं इस शिखर सम्मेलन के आतिथ्य और इसकी सफलता के लिए सराहनीय दिशा-निर्देश के लिए राष्ट्रपति जुमा का एक बार फिर धन्यवाद करता हूं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता स्वीकार करने के लिए मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।"