भाषण [वापस जाएं]

February 20, 2014
नई दिल्‍ली


तेलंगाना विधेयक और शेष आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज पर प्रधानमंत्री का बयान

तेलंगाना विधेयक और शेष आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

"अध्यक्ष महोदय:

मैंने विपक्ष के नेता और अन्य सभी सदस्यों खासतौर से आंध्र प्रदेश के सदस्यों के विचार ध्यानपूर्वक सुने। गृहमंत्री पहले ही उन कदमों का उल्लेख कर चुके हैं जो हमारी सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों, खासतौर से सीमांध्र की समस्याएं दूर करने के लिए उठाएगी।

मैं इस संबंध में कुछ और घोषणाएं करता हूं।

प्रथम, केंद्रीय सहायता के उद्देश्यों के लिए, 13 जिलों वाले शेष आंध्र प्रदेश को पांच वर्ष की अवधि के लिए विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया जाएगा जिसमें चार जिले रायलसीमा के और तीन जिले उत्तर तटीय आंध्र के होंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


दूसरी, विधेयक में पहले ही निर्धारित किया गया है कि केंद्र सरकार विभाजन के बाद दोनों राज्यों में औद्योगीकरण और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए कर छूट सहित समुचित राजकोषीय उपाय करेगी। ये छूट कुछ अन्य राज्यों को दी जा रही छूट की तरह ही होंगी।

तीसरी, विधयेक में पहले ही कहा गया है कि शेष आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों, विशेष रूप से रायलसीमा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में विशेष विकास पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। यह विकास पैकेज ओडिशा में के-बी-के (कोरापुट-बोलनगीर-कालाहांडी) विशेष योजना तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड विशेष पैकेज की तरह ही होगा।

चौथी, मैं माननीय सदस्यों को पुनः आश्वासन देता हूं कि यदि पोलावरम प्ररियोजना के लिए सुगम और पूर्ण पुनर्वास और पुनर्स्थापना (आर एंड आर) के लिए कोई और संशोधन आवश्यक हुए तो जल्द से जल्द प्रभावी किए जाएंगे। हमारी सरकार पोलावरम परियोजना निष्पादित करेगी। इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

पांचवी, नए राज्य के बनाने के लिए दिन अधिसूचित तिथि से संबंधित इस तरह से नियत किया जाएगा ताकि कार्मिक, वित्त और परिसंपत्तियों एवं देनदारियों के वितरण के संबंध में तैयारी करने का काम संतोषजनक ढंग से पूरा किया जा सके।

छठी, विभाजन के बाद शेष आंध्र प्रदेश में पहले वर्ष, खासतौर से नियुक्ति दिन और भारत सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने की अवधि के दौरान होने वाले संसाधन के अंतर की पूर्ति 2014-15 के लिए नियमित बजट में की जाएगी।

महोदय, मुझे आशा है कि ये अतिरिक्त घोषणाएं न सिर्फ तेलंगाना के सृजन के लिए बल्कि सीमांध्र की निरंतर समृद्धि और कल्याण के लिए भी हमारी अटल प्रतिबद्धता प्रदर्शित करेंगी।"