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February 6, 2014
नई दि‍ल्‍ली


केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों के कुलपति‍यों के सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री का भाषण

नई दि‍ल्‍ली में आज केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों के कुलपति‍यों के सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

"केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों के कुलपति‍यों का यह सम्‍मेलन लगभग एक साल पहले हुए सम्‍मेलन के बाद होने जा रहा है। मैं राष्‍ट्रपति‍ जी को केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों के प्रदर्शन सुधारने में उनकी रुचि‍ और प्रयास के लि‍ए धन्‍यवाद देता हूं।

जैसा कि‍ मैंने पि‍छले सम्‍मेलन में कहा था यूपीए सरकार ने शि‍क्षा पर काफी जोर दि‍या है। हमने अप्रत्‍याशि‍त स्‍तर पर देश में शैक्षणि‍क सुवि‍धाओं का वि‍स्‍तार कि‍या है। हमने अपने समाज के वंचि‍त वर्गों के लि‍ए शि‍क्षा तक पहुंच तथा गुणवत्‍ता सुधारने के अनेक कदम उठाए है। हमने शि‍क्षा के सभी स्‍तरों- प्राथमि‍क, माध्‍यमि‍क तथा उच्‍च पर प्रयास कि‍या है। हमने व्‍यावसायि‍क शि‍क्षा तथा कौशल वि‍कास में भी प्रमुख कदम उठाए है।

पि‍छले 10 वर्षों में कि‍ए गए प्रयासों ने मजबूत शि‍क्षा प्रणाली बनाने तथा आधुनि‍क, उदार तथा समृद्ध देश बनाने की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम आधार दि‍या है। अब कमि‍यों को दूर करने, खासकर गुणवत्‍ता की कमी को दूर करने, पर ध्‍यान देने की जरूरत है। मैं मानता हूं कि‍ इस तरह के सम्‍मेलन से हमें इस कार्य में बड़ी मदद मि‍लेगी।

जैसा कि‍ मैं समझता हूं इस सम्‍मेलन के कार्य विषय में केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों में शि‍क्षा की गुणवत्‍ता सुधारने तथा उच्‍च शि‍क्षा में पहुंच, समानता तथा गुणवत्‍ता सुधारने के लि‍ए टेक्‍नॉलोजी का इस्‍तेमाल शामि‍ल है। मैं यह भी समझता हूं कि‍ यह कार्य विषय कुलपति‍यों तथा मानव संसाधन वि‍कास मंत्रालय की सलाह से तैयार किया गया। इस प्रारंभि‍क तैयारी से सम्‍मेलन को और अधि‍क उत्पादक बनाने में मदद मि‍लेगी। इसके अति‍रि‍क्‍त, सम्‍मेलन के ढांचे में तीन कार्य दल गठि‍त करने की व्‍यवस्‍था है जो वि‍चार-वि‍मर्श के बाद अपनी रि‍पोर्ट देंगे। इससे सम्‍मेलन की कार्यवाही पर अधि‍क ध्‍यान होगा और सि‍फारि‍शों पर और अधि‍क कार्रवाई की जा सकेगी।

केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालय हमारी उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थागत प्रणाली के महत्‍वपूर्ण घटक हैं। स्‍वतंत्रता के बाद से देश में 46 केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालय स्‍थापि‍त कि‍ए गए है और पि‍छले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने 26 केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालय स्‍थापि‍त कि‍ए हैं। सरकार केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों को परि‍वर्तन की एजेंसी के रूप में देखती है। अनेक वि‍श्‍ववि‍द्यालय दूरदराज तथा पि‍छड़े क्षेत्रों में स्‍थापि‍त कि‍ए गए है ताकि‍ देश के कम वि‍कसि‍त हि‍स्‍सों में उच्‍च शि‍क्षा तक पहुंच में सुधार हो सके। इन वि‍श्‍ववि‍द्यालयों से आशा की जाती है कि‍ वे छोटे व्‍यावसायि‍क केन्‍द्र, वि‍ज्ञान और टेक्‍नॉलोजी पार्क तथा औद्योगि‍क परामर्श केन्‍द्र स्‍थापि‍त कर आस-पास के क्षेत्रों में शैक्षणि‍क माहौल बनाएंगे। इसलि‍ए केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों का उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्रों के रूप में उभरना महत्‍वपूर्ण है।

मुझे खुशी है कि‍ यह सम्‍मेलन केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों में शि‍क्षा के स्‍तर को सुधारने में उद्योग तथा शैक्षि‍क जगत के संपर्कों को बढ़ाने पर वि‍शेष रूप से वि‍चार वि‍मर्श करेगा। स्‍पष्‍ट रूप से यह एक ऐसा क्षेत्र है जि‍समें हमारी उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली पि‍छड़ गई है। वैश्‍वि‍क अनुभव बताता है कि‍ इस तरह के संपर्कों से वि‍श्‍ववि‍द्यालयों तथा उद्योग दोनों को मजबूती मि‍लती है। वि‍श्‍ववि‍द्यालय शोध के लि‍ए मूल्‍यवान संसाधनों तक पहुंचते है जबकि‍ उद्योग जगत धन पोषि‍त शोध के परि‍णामों से लाभ उठाता है। मैं समझता हूं कि‍ हमें अपने देश में उद्योग जगत तथा शि‍क्षा जगत की साझेदारी को प्रोत्‍साहि‍त करने के लि‍ए नए तरीके ढूंढने की जरूरत है। मैं केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों से अपेक्षा करता हूं कि‍ वे इस क्षेत्र में अग्रणी भूमि‍का नि‍भाए क्‍योंकि‍ यह शोध की गुणवत्‍ता सुधारने का नि‍श्‍चि‍त मार्ग साबि‍त होगा।

यह सम्‍मेलन शि‍क्षा का स्‍तर सुधारने के साधन के रूप में रैंकिंग एजेंसि‍यों के साथ तालमेल के मसले पर भी वि‍चार करेगा। यह एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है जि‍स पर हमारे उच्‍च शि‍क्षण संस्‍थानों को और ध्‍यान देना होगा। उच्‍च शि‍क्षा के हमारे संस्‍थानों को उन तौर-तरीकों से अवगत होना पड़ेगा जो गुणवत्‍ता संबंधी परि‍णामों को मात्रात्‍मक रूप दें तथा संस्‍थान के गुणवत्‍ता प्रदर्शन को आंका जा सके। आज बहुत कम संस्‍थान हैं जो वि‍श्‍व स्‍तर पर उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र के रूप में मान्‍य हैं। रैंकिंग एजेंसि‍यों के साथ सुधार संबंधी सहयोग से इस हालत में परि‍वर्तन हो सकता है।

शि‍क्षा तक पहुंच, समानता तथा गुणवत्‍ता सुधारने के लि‍ए टेक्‍नोलॉजी के इस्‍तेमाल के वि‍षय में हम सभी जानते है कि‍ शि‍क्षा तक पहुंच बढ़ाने तथा शि‍क्षा का स्‍तर सुधारने के लि‍ए सूचना तथा संचार टेक्‍नॉलोजी की उपयोगि‍ता का व्‍यापक इस्‍तेमाल करने की जरूरत है। शैक्षि‍क संस्‍थानों ने क्षमता नि‍र्माण में भी सूचना तथा संचार टेक्‍नोलॉजी बहुत उपयोगी हो सकती है। इसको मानते हुए हमारी सरकार ने 2009 में सूचना तथा संचार टेक्‍नोलॉजी के जरि‍ए राष्‍ट्रीय शि‍क्षा मि‍शन शुरू कि‍या। इस मि‍शन ने केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों तथा अन्‍य उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को ई-कंटेंट वि‍कसि‍त और लागू करने का अप्रत्‍याशि‍त अवसर दि‍या और इसका परि‍णाम यह हुआ कि‍ शि‍क्षा तक पहुंच बढ़ी और गुणवत्‍ता में भी सुधार हुआ। अब तक लगभग 400 वि‍श्‍ववि‍द्यालय तथा 20,000 कॉलेजों को इस मि‍शन के तहत उच्‍च गति‍ की ब्रॉडबैंड कनेक्‍टि‍वि‍टी प्रदान की गई है। मैं आशा करता हूं कि‍ आप अपने वि‍चार-वि‍मर्श में इस मि‍शन के बेहतर इस्‍तेमाल के तौर-तरीकों की तलाश करेंगे।

मैं हमारी सरकार की ओर से शुरू कि‍या गया राष्‍ट्रीय उच्‍चतर शि‍क्षा अभि‍यान की चर्चा भी करना चाहूंगा। यह उच्‍च शि‍क्षा के अवसरों तक व्‍यापक पहुंच बनाने में बड़ी भूमि‍का नि‍भाएगा। यह कार्यक्रम शि‍क्षा तथा शोध की गुणवत्‍ता सुधारने के लि‍ए राज्‍य वि‍श्‍ववि‍द्यालयों पर अधि‍क ध्‍यान दे रहा है। इसका उद्देश्‍य 286 राज्‍य वि‍श्‍ववि‍द्यालयों तथा राज्‍यों के 8500 कॉलेजों को अवसंरचना अनुदान उपलब्‍ध कराने के अलावा 278 नए वि‍श्‍ववि‍द्यालय तथा 388 नए कॉलेज स्‍थापि‍त करना है और 13वीं योजना के अंत तक 266 कॉलेजों को मॉडल डि‍ग्री कॉलेजों में बदलना है। इससे 20,000 नए फैकल्‍टी‍ पदों का सृजन होगा और इसे 12वीं तथा 13वीं योजना अवधि‍ में समर्थन दि‍या जाएगा।

कई अन्‍य वि‍षय हैं जि‍न पर न केवल केन्‍द्रीय वि‍श्‍ववि‍द्यालयों बल्‍कि‍ सामान्‍य रूप से हमारी उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लि‍ए ध्‍यान देना आवश्‍यक है। हमारे उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को और अधि‍क शोध पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। हमें फैकल्‍टी‍ में कमी की समस्‍या सुलझाने के तौर-तरीके भी तलाशने की आवश्‍यकता है क्‍योंकि‍ इससे उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली पर काफी असर पड़ता है। हमें यह सुनि‍श्‍चि‍त करने की आवश्यकता है कि‍ देश में उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को उत्‍तरदायि‍त्‍व की आवश्‍यकता से समझौता कि‍ए बि‍ना स्‍वायत्‍ता मि‍ले। मुझे वि‍श्‍वास है कि‍ यहां इन वि‍षयों पर वि‍चार-वि‍मर्श होगा।

मैं आपके उपयोगी विचार-विमर्श की कामना करता हूं। मुझे कोई संदेह नहीं कि‍ राष्‍ट्रपति‍ जी के सक्षम नि‍र्देशन में हम उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली के सभी पक्षों को मजबूत बनाने के नए तौर-तरीके तलाश कर लेंगे।"