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नई दिल्ली में आज राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम (एनएडब्ल्यूएडीसीओ) के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-
"आज हम अपने देश में अल्पसंख्यकों के हितों को बढ़ाने के प्रयास में एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मुझे खुशी है कि मैं राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम प्रारंभ होने के मौके पर आयोजित समारोह का हिस्सा हूं। आप सभी जानते हैं कि राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम एक संस्थान है, जिसे हमारी सरकार ने मुसलमान समुदाय के हित के लिए वक्फ संपत्तियों को विकसित करने के लिए स्थापित किया है।
आज ही पृथक रूप से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की स्थापना की आठवीं वर्षगांठ है। पहली सयुंक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए-ए) सरकार के सत्ता में आने के दो वर्ष के अंदर यह कदम उठाकर हमने प्रारंभिक संकेत दिया था कि हम अल्पसंख्यकों के विकास के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम भी हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
मैं इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में शानदार काम करने के लिए अपने मित्र और सहयोगी रहमान खान साहब तथा उनकी टीम की सराहना करना चाहूंगा। वर्ष 2006 में स्थापना के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा किए गए दूरगामी प्रयासों के अनेक उदाहरणों में एनएडब्ल्यूएडीसीओ एक है।
इस निगम की स्थापना पाँच सो करोड़ रूपए की प्राधिकृत हिस्सा पूंजी से की गई है। इससे पारदर्शी तरीके से समुदाय के उद्देश्यों के लिए वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों जैसी सुविधाएं स्थापित करने किए वित्तीय संसाधन जुटाने में सहायता मिलेगी।
मुझे बताया गया है कि भारत में आज 4.9 लाख पंजीकृत वक्फ संपत्तियां हैं जिनकी सालाना आय लगभग 163 करोड़ रूपए है। इनमें कई संपत्तियों के पास और लाभ कमाने की क्षमता है। ऐसे लाभों का इस्तेमाल मुसलमान समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास में किया जा सकता है। सच्चर समिति के अनुमानों के अनुसार यदि इन संपत्तियों का उचित तरीके से विकास किया जाता है तो संपत्ति के मूल्य पर सालाना दस प्रतिशत के लाभ अनुमान के अनुसार इन संपत्तियों से सालाना 12 हजार करोड़ रू.की आय प्राप्त की जा सकती है। यह विशाल क्षमता है जिसे हासिल करने के लिए एनएडब्ल्यूएडीसीओ प्रयास करेगा।
हमारी सरकार ने हाल में वक्फ कानून में संशोधन किया है। आशा है कि संशोधनों से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता आएगी और मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए वक्फ की जमीन के विकास और उपयोग लायक माहौल बनेगा।
संशोधित कानून ने केंद्रीय वक्फ परिषद् (सीड्ब्ल्यूसी) की भूमिका को मजबूती दी है। केंद्रीय वक्फ की स्थापना राज्य वक्फ बोर्डो के कामकाज तथा वक्फ संपत्तियों के उचित प्रशासन से संबंधित मामलों में सरकार को सलाह देने के लिए की गई है। परिषद के पास राज्य वक्फ बोर्डो के कामकाजी प्रदर्शन, खासकर उनके वित्तीय कामकाज, वक्फ संपत्तियों के सर्वे, वक्फ इकरारनामों की देखरेख तथा वक्फ संपत्तियों पर अधिग्रहण रोकने जैसे मामलों पर राज्य वक्फ बोर्डो को निर्देश देने का अधिकार है। वक्फ संपत्तियों के अलगाव को रोकने, बिक्री, उपहार, बंधक तथा गैर-कानूनी कागजात वाली संपत्तियों की अदला-बदली को रोकने जैसी बातों को ध्यान में रखते हुए वक्फ संपत्तियों की लीज की प्रक्रिया पारदर्शी बनाई गई है।
इन प्रयासों में एनएडब्ल्यूएडीसीओ भी जुड़ गया है और मुझे विश्वास है कि निगम वक्फ संपत्तियों के विकास के लिए उचित माहौल का पूरा इस्तेमाल करेगा।
अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा तथा उनके हितों को आगे बढाने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की प्रतिबद्धता अडिग रही है। जैसा की मैंने कुछ दिन पहले राज्य अल्पसंख्यक आयोग सम्मेलन में कहा था, हमने सच्चर समिति की अधिकतर सिफारिशों को लागू किया है। 15 सूत्री कार्यक्रम तथा बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम ऐसे बड़े कदम हैं जिनका जोर विकास संबंधी उन कठनाईयों को दूर करने पर है जिनसे कुछ अल्पसंख्यक ग्रसित हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए छात्रवृति योजनाएं भी महत्वपूर्ण प्रयास है। अंत में, मैं एनएडब्ल्यूएडीसीओ तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को उनके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं। मुझे विश्वास है कि उनका काम हमारे देश के सभी हिस्सों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में ठोस योगदान देगा।
धन्यवाद। जय हिंद।"