भाषण [वापस जाएं]

January 25, 2014
नई दिल्ली


जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मीडिया के लिए बयान

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान मीडिया के लिए निम्नलिखित बयान दिया:-

"प्रधानमंत्री आबे का भारत में स्वागत करना बहुत खुशी की बात है। हमें खुशी है कि उन्होंने इस वर्ष हमारे गणतंत्र दिवस समारोह पर मुख्य अतिथि बनने का हमारा निमंत्रण स्वीकार कर लिया। पिछले महीने जापान के महाराजा और महारानी की भारत यात्रा के साथ श्री आबे की भारत यात्रा से हमारी रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी को गति मिली है।

जापान भारत की लुक ईस्ट नीति का केंद्र है। वह हमारे आर्थिक विकास और शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध एशिया एवं दुनिया के लिए हमारे प्रयास में मुख्य भागीदार है। हमारे साझा मूल्यों और हितों में, मजबूत और आर्थिक रूप से सक्षम जापान और तेजी से बढ़ रहे भारत के बीच भागीदारी क्षेत्र की भलाई के लिए प्रभावी ताकत बन सकती है।

प्रधानमंत्री आबे और मैंने व्यापक वार्षिक शिखर बैठक संपन्न की। हमने अपने राजनीतिक रिश्ते के प्रगाढ़ होन और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विस्तार पर संतोष प्रकट किया। हमारे आपसी समुद्री अभ्यास स्थापित होकर अब वार्षिक रूप ले चुके हैं और हमने इस वर्ष मालाबार अभ्यास में जापान की भागीदारी का स्वागत किया है।

परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग के लिए समझौते की दिशा में पिछले कुछ महीनों में तेजी से प्रगति हुई है। यूएस-2 एम्फिबियन विमान पर हमारे संयुक्त कार्य समूह ने भारत में इसके उपयोग और सह-उत्पादन पर सहयोग के तौरतरीकों की तलाश के लिए बात की है। अधिक व्यापक रूप से, हम उन्नत प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मैंने प्रधानमंत्री आबे के साथ कायाकल्प की इन परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और उनको अपनी आकांक्षाओं से अवगत कराया।

जापान विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के लिए भारत की उन सर्वाधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में विशिष्ट भागीदार है जो हमारी सरकार ने हाल के वर्षों में शुरू किए हैं -पश्चिमी समर्पित माल गलियारा, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा, आइआइटी हैदराबाद और नियोजित चेन्नई-बंगलुरू औद्योगिक गलियारा। हमने इन फ्लैगशिप परियोजनाओं पर विचार किया है। मैंने प्रधानमंत्री आबे के साथ उन उपायों का मूल्यांकन किया है जो हमने सामान्य रूप से और विशेष रूप से इन परियोजनाओं में भारत की सफलता की गाथा के साथ जापान का सहयोग सुगम बनाने के लिए किए हैं। इन परियोजनाओं और कई अन्य परियोजनाओं में, जापान की विदेशी निवेश सहायता ने कायाकल्प करने वाली भूमिका निभाई है जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं।

भारत में जापानी कंपनियों की उपस्थिति पिछले 16 प्रतिशत बढ़ गई। हालांकि मुझे विश्वास है कि हमारे कारोबारी रिश्तों में ऐसी बहुत सी क्षमता है जिसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसलिए मैंने भारत में जापानी निवेश बढ़ाने की मांग की है। हमने इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र के साथ-साथ ऊर्जा-दक्ष और ऊर्जा की बचत करने वाली प्रौद्योगिकियों के निर्माण और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में ठोस सहयोग के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया।

हमारे दोनों देशों के बीच पर्यटन एवं नागरिक विमानन क्षेत्र में सहयोग महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा है। हमारी वार्ता में, प्रधानमंत्री आबे और मैंने एक वर्ष पहले हस्ताक्षरित सामाजिक सुरक्षा समझौते के तेजी से कार्यान्वयन के जरिए जनता के बीच भागीदारी को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। मैंने सजायाफ्ता कैदियों के तबादले और आपराधिक मामलों पर आपसी कानूनी सहायता जैसे क्षेत्रों में हमारे कानून प्रवर्तन सहयोग के लिए लंबित कानूनी ढांचे को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए उनका समर्थन मांगा।

हमने अपने पड़ोस में संयुक्त विकास और कनेक्टिविटी परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशी और आसियान एवं पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन संबंधी प्रक्रियाओं में समन्वय एवं सहयोग पर चर्चा की जहां हमारे साझा हित हैं। हमने अपने विदेश मंत्रियों को निर्देश दिया है कि इन मामलों पर सार्थक चर्चा की जाए। मैंने नालंदा विश्वविद्यालय परियोजना के लिए जापान का समर्थन जारी रखने का अनुरोध किया है। हमने ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में अपने साझा हितों और चुनौतियों पर भी चर्चा की।

हमने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा अपने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और निरंतर प्रगति एवं समृद्धि के लिए आशा प्रकट की। हम जी-4 रूरपेखा के अंदर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए अपने प्रयास जारी रखने तथा जी-20 के जरिए वैश्विक वृद्धि एवं समृद्धि के लिए कार्य करने पर भी सहमत हुए।

हमारे गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री आबे की भारत यात्रा से हमारी रणनीतिक भागीदारी पुनः मजबूत हुई है तथा हमारे संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। उन्होंने जापान में महत्वपूर्ण संसद सत्र की पूर्व संध्या पर ऐसा किया जिससे इस बात का पता चलता है कि वे इस संबंध के लिए बहुत अधिक प्रतिबद्ध हैं। मैं इसके लिए उनका हार्दिक आभारी हूं।"