भाषण [वापस जाएं]

January 13, 2014
फतेहाबाद, हरियाणा


हरियाणा के फतेहाबाद में गोरखपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना की इकाई 1 तथा 2 की आधारशिला रखने के अवसर पर प्रधानमंत्री का भाषण

हरियाणा के फतेहाबाद में गोरखपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना की इकाई 1 तथा 2 की आधारशिला रखने के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

“मुझे बहुत खुशी है कि मुझे एक बार फिर हरियाणा की जनता के बीच आने का मौका मिला है। करीब 15 दिन पहले, मैं परमाणु ऊर्जा साझेदारी के लिए विश्व केंद्र और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना के सिलसिले में झज्जर आया था। आज हरियाणा में एक और बड़ी राष्ट्रीय परियोजना को लागू करने में पहला कदम रखे जाने के अवसर पर मैं आपके सामने उपस्थित हुआ हूं।

गोरखपुर-हरियाणा परमाणु ऊर्जा परियोजना के पहले चरण में कुल 1400 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां होंगी। पहले चरण का काम लगभग 21,000 करोड़ रुपए की लागत से साल 2020-21 तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण को भी लागू किया जाएगा जिससे परियोजना की कुल क्षमता दोगुनी होकर 2800 मेगावाट हो जाएगी।

आप सबके और हरियाणा सरकार के सहयोग के बिना इस परियोजना की शुरुआत संभव नहीं थी। देश के इस हिस्से में यह इस तरह की पहली परियोजना होगी। इससे पैदा होने वाली आधी बिजली हरियाणा के लोगों के इस्तेमाल के लिए होगी और हरियाणा के शहरों, गांवों और उद्योगों की बिजली की जरूरतों को पूरा करने में काम आएगी। आर्थिक विकास के मामले में हरियाणा ने अन्य राज्यों से जो बढ़त बना रखी है उसे इस परियोजना से और मजबूती मिलेगी।

मैं हरियाणा की जनता को आज एक खास बात के लिए बधाई देना चाहूंगा। आपने इस परियोजना को समर्थन देकर ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।

भारत के आर्थिक विकास और जनता का जीवन बेहतर बनाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हमारा देश तेज़ी से आर्थिक विकास में आगे बढ़े । तेज़ आर्थिक विकास हमारे नौजवानों के लिए अच्छे रोज़गार के पर्याप्त मौके पैदा करने के लिए बहुत ज़रूरी है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में पिछले 9 सालों में देश की सालाना विकास दर औसतन 7.9 प्रतिशत रही है। हमने विकास की यह तेज़ रफ्तार इस दौरान दुनिया भर में दो बार आई आर्थिक मंदी के बावजूद हासिल की है। परंतु हम विकास की यह रफ्तार तभी बरकरार रख सकते हैं, जब हम अपने कारखानों, अपने खेतों और अपने घरों में ऊर्जा और खासतौर पर बिजली की आपूर्ति बढ़ा सकेगा।

इसके लिए, हमें देश में उपलब्ध ऊर्जा के सभी ज़रियों का इस्तेमाल करना होगा, जैसे पनबिजली, ताप विद्युत, गैस, पवन, सौर  और परमाणु । साथ ही, हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम प्रदूषण को काबू में रखें ताकि हमारे पर्यावरण को नुकसान न पहुँच पाये।

परमाणु ऊर्जा का एक साफ-सुथरा ज़रिया है, जिससे पर्यावरण पर बहुत कम असर पड़ता है। इस परियोजना के लिए अपना सहयोग देकर हरियाणा के लोगों ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह सूझबूझ से काम लेते हैं और नई टेक्नोलाजी के इस्तेमाल से बेवजह नहीं डरते हैं।

पिछले 10 सालों के दौरान बिजली उत्पादन की भारत की क्षमता में जितनी बढ़ोत्तरी हुई है। उतनी उससे पहले के करीब 55 सालों में भी नहीं हुई थी। यह हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। लेकिन देश में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए हमें अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है।

परमाणु बिजली, बिजली के सबसे भरोसेमंद और साफ-सुथरे ज़रियों में से एक है। भारत दुनिया के उन गिने चुने देशों में है जिन्होंने परमाणु ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की टेक्नोलाजी हासिल कर ली है। आज हमारे देश में 4800 मेगावाट परमाणु ऊर्जा पैदा करने की स्थापित क्षमता है। हमें उम्मीद है कि अगले 10 सालों में हम देश में 27,000 मेगावाट से भी ज्यादा परमाणु ऊर्जा बनाने की क्षमता हासिल करने में कामयाब हो जाएंगे।

हरियाणा में लगाई जा रही यह परमाणु ऊर्जा परियोजना हमारे देश के वैज्ञानिकों द्वारा देश में ही विकसित टेक्नोलाजी पर आधारित है। इस बात पर हम सब को गर्व है। इस परियोजना में जो टेक्नोलाजी इस्तेमाल में लाई गई है वह बेहद अच्छी है और उसका परीक्षण अच्छी तरह से किया जा चुका है। जैसे रिऐक्टर यहां लगाए जाएंगे वैसे ही गुजरात के काकरापार और राजस्थान के रावतभाटा में भी स्थापित किए जाएंगे।

इस परियोजना में सुरक्षा के सबसे नए और अच्छे तरीके भी अपनाए जाएंगे। हमारी सरकार परमाणु सुरक्षा का ख़ास ख्याल रखती है। हमने अपने सभी परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं  में सुरक्षा का स्तर बहुत ऊंचा रखा है। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि परमाणु ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाते वक्त, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि कभी भी सुरक्षा के विषय में कोई कमी न आने पाए।

यही नहीं, पिछले सालों के दौरान हमने अपनी सभी परमाणु परियोजनाओं  के लिए किये गए सुरक्षा उपायों की गहरी समीक्षा भी की है और उनके डिजायन और संचालन में सुरक्षा के बहुत सारे नए इंतजाम जोड़े हैं। हम लगातार अपनी सुरक्षा व्यवस्था की तुलना अन्य देशों से करते रहते हैं ताकि इस मामले में दुनिया के सबसे अच्छे देशों में भारत गिना जाए।

हमारी ऊर्जा की जरूरतों के पूरा होने के लिए और ख़ास तौर पर परमाणु ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भी जरूरत है। लेकिन बहुत लंबे समय तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने परमाणु टेक्नोलाजी तक भारत की पहुँच नहीं होने दी। सन् 2008 में हमारी सरकार ने अन्य देशों के साथ परमाणु टेक्नोलाजी के व्यापार की शुरूआत करने में कामयाबी हासिल की थी । इसी वजह से आज नई टेक्नोलाजी वाली परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं लगाना हमारे लिए मुमकिन हुआ है और हमें सस्ती दरों पर परमाणु ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति भी मिल रही है।

हमने इस बात का ख़ास ख्याल रखा है कि इस परमाणु ऊर्जा परियोजना से इस क्षेत्र के लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा पहुंचे और उनकी सुरक्षा में कोई कमी न आए। इस परियोजना के लिए इस इलाके का चुनाव काफी सोच-विचार के बाद किया गया और परियोजना को मंजूरी देने से पहले यहाँ पर्यावरण पर प्रभाव जैसे मुद्दों पर अच्छी तरह से जांच कर ली गई है। इसको लागू करने में मकान में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को उसके रहने की जगह से नहीं हटाया जाएगा।

जिन लोगों की ज़मीन इस परमाणु संयंत्र के लिए ली जाएगी उन्हें मुआवजे के अलावा 33 वर्षों तक सालाना तौर पर एक और रकम भी दी जाएगी। पहले चरण के दौरान आठ से दस हजार लोगों को विभिन्न ठेकेदारों के ज़रिए रोजगार मिलने की उम्मीद है। स्थानीय तौर पर रोजगार और कारोबार के दूसरे नए अवसर भी पैदा होंगे। उन लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी जिन पर इस परियोजना की वजह से असर पड़ेगा।

सामुदायिक विकास के कई कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इनमें गोरखपुर में एक अस्पताल का निर्माण, स्थानीय खेल स्टेडियम को आधुनिक बनाना, आसपास के गाँवों तक संपर्क सड़कों का विकास, कौशल विकास के कार्यक्रम और एक और डीयर पार्क और हर्बल पार्क का विकास शामिल हैं।

इस परियोजना पर अब तक हुई प्रगति के लिए मैं भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम और परमाणु ऊर्जा विभाग की तारीफ करना चाहूँगा और उन्हें इस परियोजना की सफलता के लिए शुभकामनाएं देना चाहूँगा।

मैं मुख्यमंत्री श्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा और हरियाणा सरकार को भी उनके नेतृत्व और राष्ट्रीय महत्व वाली इस बड़ी परियोजना को हरियाणा में लाने के लिए की गई कोशिशों के लिए धन्यवाद देना चाहूँगा। हुड्डा साहब हरियाणा के विकास के लिए बराबर काम करते रहे हैं और यह परियोजना इस बात की एक और मिसाल है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस परियोजना से आने वाले सालों में हरियाणा और भारतवर्ष के लोगों की खुशहाली में काफी बढ़ोत्तरी होगी।

जय हिन्द।"