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प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान मीडिया को दिये वक्तव्य का मूल पाठ इस प्रकार है:-
महामहिम राष्ट्रपति यूधोयोनो के आमंत्रण पर इस सुंदर देश की पहली सरकारी यात्रा पर आ कर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई है। मैंने राष्ट्रपति की बुद्धिमता, उनके दूरदर्शी नेतृत्व और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने में उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की हमेशा सराहना की है।
हमारी पूर्व की ओर देखने की नीति में इंडोनेशिया भारत का अत्यंत मूल्यवान सहयोगी है। क्षमता में हमारे द्विपक्षीय संबंध समृद्ध हैं और इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है। दो बड़े लोकतंत्र और उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में द्विपक्षीय क्षेत्रीय तथा वैश्विक मंचों पर हमारे परस्पर हित और दायित्व हैं। समुद्री सुरक्षा के मामले में भी हमारे हित साझा हैं। मैं अपनी इस यात्रा को राष्ट्रपति यूधोयोनो की 2005 और 2011 की भारत यात्रा द्वारा शुरू की गई तेजी को अवसर के रूप में देखता हूं।
आज अपनी बातचीत में हमने दोनों देशों तथा क्षेत्र के लिए रणनीतिक साझेदारी की महत्ता को माना है। हमारे संबंधों में हुई प्रगति पर हमने संतोष व्यक्त किया और भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी रास्ते तय करने की आवश्यकता समझी। इसके लिए राष्ट्रपति यूधोनोवो और मैंने राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और जनता के स्तर पर तथा अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर संबंध प्रगाढ़ बनाने पर सहमति व्यक्त की।
हमने अपने राजनीतिक आदान-प्रदान में तेजी लाने की प्रक्रिया को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। इसके लिए हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सार्थक और परस्पर लाभकारी सुरक्षा सहयोग के लिए व्यापक कार्य योजना बनाएं। हमने आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक द्रव्य तथा मानव तस्करी की समस्या से निपटने में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का फिर से निश्चय किया है। मैंने प्रत्यार्पण संधि और परस्पर कानूनी सहायता संधि की इंडोनेशिया द्वारा शीघ्र पुष्टि करने का अनुरोध किया। आज हस्ताक्षरित आपदा प्रंबंध तथा मादक पदार्थों की आवाजाही रोकने संबंधी आशय पत्र से हमारे बढ़े सुरक्षा सहयोग को अधिक बल मिलेगा।
पिछले सात वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में हुई चौगुनी वृद्धि से हमारे आर्थिक संबंधों की अपार संभावना दिखती है। मैंने महामहिम राष्ट्रपति से द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता पूरा करने के अलावा जोर देकर कहा कि व्यापार में वृद्धि और निवेश प्रोत्साहन से हमारे आर्थिक संबंधों को व्यापकता मिलेगी। हम इस बात पर सहमत हुए कि सुधार संपर्क, सेवा तथा निवेश में भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौता के शीघ्र लागू होने तथा क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी इस दिशा में महत्वपूर्ण होंगे।
हमने मूल्यवान अंतरिक्ष सहयोग पर भी ध्यान दिया और हम आशा करते हैं कि भविष्य में इस दिशा में हमारे संबंध और प्रगाढ़ होंगे। मैंने राष्ट्रपति को जकार्ता तथा बांदा अक में स्थापित केंद्रों के सफल अनुभव के बाद पापूआ में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने में इंडोनेशिया की सरकार को सहायता देने के बारे में अपनी पेशकश से अवगत कराया।
हमने एक दूसरे के विश्वविद्यालयों में भारतीय तथा इंडोनेशियाई अध्ययन पीठ स्थापित करने का भी फैसला किया है तथा छात्रवृत्ति कार्याक्रमों, शैक्षणिक संस्थानों में सम्पर्क सुलभ कराने तथा प्रशिक्षण अनुसंधान में साझेदारी को प्रोत्साहित करने का भी फैसला किया है।
मैंने राष्ट्रपति यूधोयोनो को आसियान के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में मजबूत समर्थन की सराहना से भी अवगत कराया। हम आसियान में इंडोनेशिया के नेतृत्व तथा व्यापक क्षेत्रीय सहयोग तथा समन्वय में तेजी लाने के एशोसियेशन के प्रयासों को महत्व देते हैं। मैं यह भी याद दिलाना चाहूगां कि ब्रुनेई में भारत-आसियान शिखर बैठक में खाद्य सुरक्षा तथा भारत और आसियान के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रपति ने मूल्यवान सुझाव दिए और इस संबंध में ठोस प्रस्ताव की दिशा में काम करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
मैं फिर कहूंगा कि अपने क्षेत्र में शांति और साझी समृद्धि के लिए भारत-आसियान साझेदारी एक शक्ति है। हम महत्वपूर्ण क्षेत्रीय, बहुपक्षीय तथा वैश्विक मंचों पर इंडोनेशिया के साथ निकटता से कार्य करने के प्रति आशांवित हैं।
मैं एक बार फिर राष्ट्रपति यूधोनोवो को उपयोगी बातचीत और उदार सत्कार के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि हमारी बातचीत और समझौतों पर आज हुए हस्ताक्षर से भारत और इंडोनेशिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को एक नया आयाम मिलेगा।