भाषण [वापस जाएं]

September 11, 2013
नई दिल्ली


लाइबेरिया की राष्‍ट्रपति की भारत में राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मीडिया वक्‍तव्‍य

लाइबेरिया की राष्‍ट्रपति की भारत में राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन‍ सिंह का मीडिया वक्‍तव्‍य:-

"भारत में अपने पहले दौरे पर आईं लाइबेरिया की राष्‍ट्रपति सरलीफ का स्‍वागत करना हमारे लिए गर्व की बात है। उनके विचारों को अफ्रीका समेत समूचे विश्‍व में बड़े सम्‍मान के साथ सुना जाता है। उनके नजरिए और नेतृत्‍व ने लाइबेरिया में राजनैतिक पुर्नजागरण, आर्थिक पुनरूद्धार और विकास में अहम यागदान दिया है, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बल मिला है। हमारे लिए यह सम्‍मान की बात है कि उन्‍होंने शांति, निशस्‍त्रीकरण तथा विकास के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2012 का इंदिरा गांधी पुरस्‍कार लेना स्‍वीकार कर लिया है। हमारे राष्‍ट्रपति द्वारा उन्‍हें कल सम्‍मानित किया जाएगा।

भारत और लाइबेरिया के बीच मधुर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। हमारी शासकीय वार्ताएं, व्‍यापार, निवेश सम्‍पर्क तथा नागरिकों के साथ विचारों का परस्‍पर आदान-प्रदान बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। राष्‍ट्रपति सरलीफ और मैंने आपसी संबंधों की समीक्षा की है और हम अपनी साझेदारी की पूरी संभावनाओं को सच्‍चाई में बदलने के वास्‍ते साथ मिलकर काम करने के लिए वचनबद्ध हैं।

हमने कृषि अनुसंधान, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, लघु एवं मध्‍यम उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा और कौशल विकास सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस संबंध में एक नया संयुक्‍त आयोग हमारा मार्गदर्शन करेगा और हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा करेगा। तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग के लिए आज समझौता पत्र पर हस्‍ताक्षर हुए, जिससे इस दिशा में संरचनात्‍मक सहयोग का रास्‍ता साफ होगा और इसमें भारत का अनुभव लाइबेरिया के लिए प्रासंगिक सिद्ध होगा।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने की विपुल संभावनाएं हैं। लाइबेरिया में भारत का निवेश, विशेषकर खनन में निरन्‍तर बढ़ रहा है। मैंने राष्‍ट्रपति सरलीफ से अनुरोध किया है कि वे लाइबेरिया के राष्‍ट्रीय विकास के लक्ष्‍यों और नीतियों के अनुरूप कृषि, आधारभूत संरचना, हाइड्रोकार्बन, खनन और विनिर्माण के क्षेत्र में भारतीय निवेश का मार्ग प्रशस्‍त करें।

हाल के वर्षों में भारत ने मानव संसाधन और क्षमता निर्माण के माध्‍यम से लाइबेरिया के विकास में सहयोग किया है। लाइबेरिया में विद्युत पारेषण एवं वितरण परियोजना के वित्‍तपोषण में 144 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण की श्रृंखला पर हस्‍ताक्षर के आज के फैसले से हमारी परस्‍पर सहभागिता में और वृद्धि होगी। हम लाइबेरिया के लिए भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण स्‍लॉट में भी वृद्धि करेंगे। भारत, लाइबेरिया में एक सूचना प्रौद्योगिकी केन्‍द्र, एक व्‍यावसायिक प्रशिक्षण केन्‍द्र, एक कृषि विज्ञान केन्‍द्र और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक प्रशिक्षण केन्‍द्र की स्‍थापना करेगा।

हमने भारत-अफ्रीकी साझेदारी को पुख्‍ता तथा समसामयिक बनाने के अपने परस्‍पर लक्ष्‍यों के अनुरूप भारत-अफ्रीका शिखर मंच के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया है।

हम विश्‍वभर में खासकर अफ्रीकी उपमहाद्वीप में शांति और स्‍थायित्‍व को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं। हमारे बीच विकासशील देशों की उम्‍मीदों पर खरा उतरने के लिए वैश्विक प्रबंधन को भी सुदृढ़ करने पर सहमति बनी है। हमने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन की तत्‍काल आवश्‍यकता सहित अनेक वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया है। पुनर्गठित एवं विस्‍तारित सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए हमारी उम्‍मीदवारी पर लाइबेरिया के समर्थन की भारत सराहना करता है।

राष्‍ट्रपति सरलीफ की यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने की हमारी संयुक्‍त कोशिशों को एक नया बल मिला है। हमारी आज की वार्ता ने आने वाले समय में दोनों देशों के बीच राजनैतिक सूझबूझ और हमारे आर्थिक रिश्‍तों की नींव को और मजबूत किया है।"