भाषण [वापस जाएं]

August 2, 2013
तिरूमायम, तमिलनाडु


बीएचईएल के पावर प्‍लांट पाइपिंग यूनिट और हाई-प्रेशर ब्‍वाइलर प्‍लांट यूनिट-2 का प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण

प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने आज तमिलनाडु स्थित बीएचईएल के पावर प्‍लांट पाइपिंग यूनिट और यूनिट-2 हाई-प्रेशर ब्‍वाइलर प्‍लांट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उनके संबोधन का मूलपाठ नीचे दिया जा रहा है:-

"मुझे यहां आकर बीएचईएल के पावर प्‍लांट पाइपिंग यूनिट और कंपनी के तिरूचिरापल्‍ली स्थित हाई-प्रेशर ब्‍वाइलर प्‍लांट की दूसरी यूनिट का लोकार्पण करते हुए सचमुच ही बहुत खुशी हो रही है।

भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स सार्वजनिक क्षेत्र की हमारी एक महारत्‍न कंपनी है। इसमें हमारे देश के औद्योगिक विकास में बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका और खासतौर से ऊर्जा क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरा विश्‍वास है कि कंपनी की इन दोनों यूनिटों के चालू हो जाने के साथ इस कंपनी ने हर वर्ष उत्‍पादन का 20 हजार मेगावाट क्षमता का वार्षिक लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लिया है। इसके लिए मैं अपने सहयोगी भारी उद्योग मंत्री और सार्वजनिक उद्यम मंत्री श्री प्रफुल्‍ल पटेल तथा भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स के अधिकारियों को इस महत्‍वपूर्ण उपल‍ब्धि के लिए बधाई देता हूं।

मैं अपने सम्‍मानित मित्र और सहयोगी वित्‍त मंत्री श्री पी. चिदंबरम को भी बधाई देता हूं जो भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्‍स को यह नया पावर प्‍लांट पाइपिंग यूनिट तिरूमायम में खोलने के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स को समझाया बुझाया था। तिरूमायम पुड्डुकोटई जिले का एक पिछड़ा हुआ ब्‍लॉक है। इस क्षेत्र ने अपने सर्वांगीण विकास के लिए अनथक प्रयास किये हैं। इससे जाहिर होता है इस क्षेत्र के लोगों के लिए श्री चिदंबरम इतने ज्‍यादा चिंतित रहे हैं। इससे यह वायदा भी सच साबित हो जाता है कि हमारे देश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार कितनी कृतसंकल्‍प है।

नए निर्माण यूनिट के चालू हो जाने से इस क्षेत्र के लोगों को अनेक लाभ होंगे। इलाके के युवा वर्ग को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा अप्रत्‍यक्ष रूप से भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जो छोटे व्‍यापारियों, सेवा प्रदाताओं द्वारा शुरू किये जाएंगे। विनिर्माण यूनिटों में काम करने के लिए नए अप्रेंटिस भर्ती किये जाएंगे जिससे उनकी दक्षता का विकास होगा।

हमारे देश को अभी विनिर्माण क्षेत्र में काफी कुछ करने की जरूरत है। हमें विनिर्माण का काफी विस्‍तार करने की जरूरत है, जो सचमुच ही और सकल घरेलू उत्‍पाद के विकास के अनुरूप होगा। इसके जरिए ही तेजी से बढ़ रही श्रम शक्ति को उत्‍पादक रोजगार में बड़े पैमाने पर लगाया जा सकेगा। बीएचईएल देश की सिर्फ अग्रणी विनिर्माण कंपनी ही नहीं है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था को ज्‍यादा प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक बनाने में सहायता कर रहा है और विनिर्माण क्षेत्र के विस्‍तार में अपना अंशदान कर रहा है।

बिजली की मौजूदा कमी को पूरा करने और हमारी बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे लिए बड़े पैमाने पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम की जरूरत है। सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान अक्षय ऊर्जा सहित एक लाख मेगावाट से भी अधिक अतिरिक्‍त बिजली उत्‍पादन का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश में लगभग 55,000 मेगावाट अतिरिक्‍त बिजली का उत्‍पादन किया गया जो 10वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान अतिरिक्‍त बिजली उत्‍पादन के दुगने से भी अधिक है। इसमें से केवल भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स ने लगभग आधी बिजली का उत्‍पादन किया। इससे पता चलता है कि हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के मुख्‍य क्षेत्रों में से एक के लिए यह कंपनी प्रमुख भूमिका निभाती है।

मुझे यह बताया गया है कि भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स अपनी उत्‍पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कई नए उपायों पर काम कर रहा है। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स की नई इकाइयों का आज का यह लोकार्पण इन्‍हीं प्रयासों का परिणाम है। मैं समझता हूं कि तीन लाख वर्ग मीटर से भी अधिक क्षेत्र में फैले कंपनी का त्रिची परिसर कुल मिलाकर एशिया के सबसे बड़े परिसरों में एक है।

जलवायु परिवर्तन आज पूरे विश्‍व में एक चिंता का विषय बन गया है। भारत उन देशों में शामिल है जिस पर जलवायु परिवर्तन की समस्‍या का सबसे गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हमारे लिए प्रौद्योगिकीय खोजों के जरिए अपने कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाने के उपाय और संसाधन विकसित करने की जरूरत है। हमारे देश में 50 प्रतिशत से अधिक बिजली उत्‍पादन कोयले पर आधारित है, जो ग्रीनहाउस गैसों का एक प्रमुख उत्‍सर्जक है। मुझे इस बात की खुशी है कि भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स ने स्‍वच्‍छ कोयला प्रौद्योगिकीयों के विकास के लिए हमारे अभियान के अनुसार एक अति महत्‍वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए काम शुरू किया है।

जवाहरलाल नेहरू राष्‍ट्रीय सौर मिशन के अंतर्गत 13वी पंचवर्षीय योजना के अंत तक 20,000 मेगावाट सौर बिजली उत्‍पादन करने का लक्ष्‍य रखा गया है। इसकी सफलता के बल पर भारत की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने की संभावना तैयार हुई है और जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के हमारे प्रयासों में काफी मदद मिली है। मुझे पूरी आशा है कि भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स, जो अभियंत्रण विशेषता, विनिर्माण प्रक्रिया और सराहनीय मानव संसाधन पर आधारित है, वह न केवल बिजली उत्‍पादन के रूप में सौर ऊर्जा की अगुवाई करेगा बल्कि भारत में सौर बिजली प्रौद्योगिकी के विकास में भी अपना योगदान करेगा। यह व्‍यावसायिक दृष्टिकोण से एक कठिन निर्णय है, किन्‍तु इससे हमारे देश का दीर्घकालिक हित सुनिश्चित होगा।

मैं तमिलनाडु, पुडुक्‍कोतई और तिरूमायम के लोगों के अच्‍छे भविष्‍य के लिए शुभकामनाओं के साथ अपनी बात समाप्‍त करना चाहता हूं। आपका राज्‍य एक प्रगतिशील राज्‍य है और यह शेष भारत के लिए कई संदर्भों में अनुकरणीय है। मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में तमिलनाडु के लोगों के लिए और भी अधिक सफलताएं मिलेंगी और अधिकाधिक समृद्धि आएगी।

मैं भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स के लिए भी और भी अधिक सफलताओं की कामना करता हूं।"