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नई दिल्ली में आज विनिर्माण पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण का मूल पाठ:-
आज हमने उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों की चर्चा की है, जो हमारे देश में विनिर्माण क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारे देश को आगे रखे हुए हैं। मैं राष्ट्रीय विनिर्माण स्पर्धा परिषद के डॉ. कृष्णमूर्ति और उनकी टीम को विनिर्माण क्षेत्र की क्षमताओं में सुधार के लिए किए गये उत्कृष्ट कार्य के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। ये लोग विभिन्न सेक्टरों की समस्याओं को संबद्ध मंत्रालयों के ध्यान में लाकर समाधान में मदद कर रहे हैं।
अगले दशक तक हमारी विकास रणनीति की रीढ़ होगी। हम अपनी अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन देख रहे हैं। हमारी आबादी में कृषि क्षेत्र का हिस्सा 50 प्रतिशत है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 15 प्रतिशत से कम है। भविष्य में यदि हमें 8-9 प्रतिशत की दर से विकास करना है तो यह विनिर्माण क्षेत्र में सतत विकास के जरिए ही होगा। खासकर श्रम प्रोत्साहित विनिर्माण में। केवल विनिर्माण ही उन लोगों को समाहित करेगा जो बेहतर जीवन यापन के अवसरों की आवश्यकता समझते हैं।
निसंदेह विनिर्माण के कुछ ऐसे निश्चित क्षेत्र हैं जिनमे पिछले 20 वर्षों में बहुत प्रगति हुई है। इन क्षेत्रों में ऑटोमोबिल, ऑटो उपकरण, फार्मास्युटिकल, धातु तथा सीमेंट प्रमुख हैं।
लेकिन, हम परम्परागत उद्योगों तथा उभर रहे क्षेत्रों में अपनी मजबूती का लाभ उतना नहीं उठा सके हैं जितना उठाना चाहिए था। इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में हमारी विनिर्माण क्षमता नहीं के बराबर है। हम कच्चे सामान तथा प्राथमिक सामान निर्यात करते हैं और हमारे आयात में अधिकता विर्निर्माण की है।
हमें इस स्थिति में सुधार लाना है। विनिर्माण क्षेत्र की प्रगति में आ रही बाधाओं को दूर करना है और अपनी मजबूती का भरपूर लाभ उठाना है।
इस्पात और कपड़ा क्षेत्र में हमें अपना प्रदर्शन बेहतर करना होगा। मैं सुझाव देता हूं कि इस्पात और कपड़ा मंत्रालय इस दिशा में कार्रवाई करते हुए कार्य योजना तैयार करेंगे।
इलैक्ट्रिक तथा हाईब्रिड ट्रांसपोर्ट, नागरिक विमान उत्पादन और एडवासं मैटिरियल के बारे में मैं सहमत हूं कि हमें भविष्य के लिए कार्य शुरू करना चाहिए। भले ही इसमें समय लगे या अनिश्चितता हो। इस दिशा में प्रस्तावित समूह अपना काम करते हुए आगे बढ़ सकते हैं।