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बर्लिन में भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी वार्ता के दूसरे दौर की समाप्ति पर मीडिया को जारी प्रधानमंत्री के वक्तव्य का मूल पाठ्य यह हैः-
महामहिम चांसलर एंजेला मरकेल, अंतर-सरकारी वार्ता में शामिल माननीय प्रतिनिधिगण। मुझे बर्लिन आकर प्रसन्नता हुई है। मैं चांसलर मरकेल को अंतर-सरकारी वार्ता के दूसरे दौर के आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं। वे आतिथ्य में शालीन हैं, विचारों में प्रगाढ़ और भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के प्रतिबद्ध हैं जैसा कि मैं उन्हें पिछले आठ वर्षों से जानता हूं।
हमारे संबंधों की रणनीतिक मजबूती हमारे समान मूल्य, एक दूसरे की आकांक्षाओं और हितों के प्रति संवेदनशीलता और बढ़ती हुई अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता से मिलती है। हाल के वर्षों में उच्चस्तरीय सहभागिता से अनेक क्षेत्रों में हमारे सहयोग में गुणात्मक वृद्धि हुई है।
आर्थिक सहयोग हमारे संबंधों की महत्वपूर्ण विशेषता है। विश्व स्तर पर जर्मनी हमारा बड़ा आर्थिक सहयोगी है। मैंने भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और अपनी योजना को आधुनिक बनाने तथा मैन्यूफैक्चरिंग और बुनियादी क्षेत्रों को उन्नत करने में जर्मनी की सहभागिता को प्रोत्साहित किया है। बुनियादी क्षेत्र की हमारी योजनाओं में अगले पांच वर्षों में दस खरब डॉलर का निवेश होना है। मैंने जर्मनी में सेवा क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में बढ़ रही भारतीय मौजूदगी के लिए समर्थन और खुलापन चाहा है। हम संतुलित भारत-यूरोपीय यूनियन, व्यापक व्यापार और निवेश समझौते को शीघ्र पूरा करने की महता पर सहमत हुए हैं। हम रक्षा क्षेत्र में टैक्नोलॉजी हस्तांतरण, सह-विकास और सह-उत्पादन को लेकर सहयोग के प्रति आशान्वित हैं। उच्च टैक्नोलॉजी व्यापार से भारत के लिए जर्मन निर्यात नियंत्रण आगे और आसान होगा। आज नागरिक सुरक्षा के लिए टैक्नोलॉजी पर वैज्ञानिक सहयोग समझौता हुआ है। इससे हमारे सुरक्षा सहयोग में एक नया अध्याय जुड़ता है। मुझे इस बात की बेहद प्रसन्नता है कि हम बातचीत करके उच्च टैक्नोलॉजी साझेदारी समूह बनाने पर सहमत हुए हैं।
समेकित विकास, जन आधिकरिता और सतत विकास भारत में प्रमुख राष्ट्रीय प्राथमिकताएं हैं। इस यात्रा के दौरान हुए समझौते न केवल इन उद्देश्यों का समर्थन करते हैं बल्कि हमारे संबंधों की व्यापकता और विविधता को भी दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए भारत में हरित ऊर्जा गलियारे के विकास के लिए आशय की संयुक्त घोषणा 21वीं शताब्दी की चुनौतियों से निपटने के प्रति हमारी समान वचनबद्धता में मील का पत्थर साबित होगा।
हम सहमत हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरियों से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है ताकि हम वित्तीय जोखिम में कुछ जोड़े बगैर तेजी से उबर सकें। मैं यूरोपीय मंदी के थमने और स्थायित्व के प्रति आशान्वित हूं। मैं यूरो क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में चांसलर मरकेल के नेतृत्व की सराहना करता हूं। मैंने भारत की 7.5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत की वृद्धि बनाए रखने के सरकारी प्रयास को भी साझा किया।
चांसलर मरकेल और मैंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वर्तमान वास्तविकताओं को दर्शाते हुए सुधार के लिए जी-4 के जरिए प्रयास जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। हमने अफगानिस्तान के स्थाई, शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य के लिए सतत अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। हम सीरिया में हिंसा की समाप्ति और ईरानी परमाणु मसले का शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हैं। हम कोरियाई प्रायद्वीप सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व में समान दिलचस्पी की आवश्यकता समझते हैं।
आज हुई बातचीत ने हमारे दो लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए मजबूत और उदीयमान भविष्य के प्रति मेरे दृढ़ विश्वास को फिर बढ़ाया है। विश्व के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थायित्व और समृद्धि के लिए भारत और जर्मनी महत्वपूर्ण हैं। मुझे भारत-जर्मनी साझेदारी की उज्ज्वल संभावनाओं के बारे में कोई संदेह नहीं है।