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इटली सरकार द्वारा अपनाए गए कदम के संबंध में माननीय सांसदों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर कोई दो राय नहीं हो सकती।
हमारी सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इटली सरकार का यह कदम स्वीकार्य नहीं है। ये सभी राजनैतिक कायदों का उल्लंघन है और एक स्वायत्त सरकार के प्रत्यायित प्रतिनिधियों द्वारा हमारे उच्चतम न्यायालय को दी गई प्रतिबद्धता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
यह कृत्य आपसी विश्वास पर आगे बढ़ने वाले हमारे द्विपक्षीय रिश्ते के हित में भी नहीं है।
इसलिए हमारी सरकार ने इस बात पर बल दिया है कि कि इटली के प्राधिकारी माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष दिए गए वचन का सम्मान करें और भारत में सुनवाई का सामना कर रहे दो आरोपियो को वापस भेजे। अगर वो अपना वचन नहीं रखते हैं तो इसका असर इटली के साथ हमारे संबंधों पर पडेगा।
मैं सभी सांसदों से भी आग्रह करूंगा कि वो इस मामले को पूरी गंभीरता से ले और इस मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार का साथ दे।