प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा
प्रबंधित कराई गई सामग्री
राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र
द्वारा निर्मित एंव संचालित वेबसाइट
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की ओर से मीडिया के लिए जारी किए गए वक्तव्य का मूल पाठ निम्नलिखित है:-
"हमारे देश की राजकीय यात्रा पर आए प्रधानमंत्री डेविड कैमरून का स्वागत करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। प्रधानमंत्री डेविड कैमरून की गहरी निजी प्रतिबद्धता और नेतृत्व ने भारत और ब्रिटेन की महत्वपूर्ण साझेदारी को सशक्त गति प्रदान की है। कार्यभार संभालने के कुछ महीने बाद वह 2010 में प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार भारत यात्रा पर आए थे, जिसने भविष्य की हमारी व्यापक भागीदारी की बुनियाद रखी, जो उच्च स्तरीय आर्थिक और प्रौद्योगिकीय सहयोग और बहुत सी समान क्षेत्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों पर करीबी सहयोग से परिभाषित हुई।
आज सुबह, प्रधानमंत्री और मैंने हमारे आपसी संबंधों के पूरे विस्तार का जायजा लिया। हमने अपने आर्थिक संबंधों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, जबकि इन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए और प्रयास किए जाने की जरूरत पर बल दिया। हमने अपना व्यापार बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की। मैंने ब्रिटेन को अवसंरचना और ऊर्जा क्षेत्रों सहित भारत में निवेश बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया है। हमने अपने अधिकारियों को कहा है कि वे भारत के राष्ट्रीय विनिर्माण और निवेश क्षेत्रों तथा मुबंई-बैंगलौर क्षेत्र के संभावित औद्योगिक गलियारे में ब्रिटिश भागीदारी की संभावनाओं का पता लगाएं।
मैंने तटस्थ, संतुलित और प्रगतिशील व्यापक आधार वाले भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं निवेश समझौते को जल्द पूर्ण कराना सुनिश्चित करने के वास्ते प्रधानमंत्री डेविड कैमरून से सहयोग मांगा है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नये अवसर उत्पन्न होंगे।
हमने भारत के रक्षा औद्योगिक आधार के विकास में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, सह-विकास और सह-उत्पादन पर व्यापक बल प्रदान करने के माध्यम से सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की।
मैंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों के लिए 2010 में हुए समझौते में अनैतिक तरीके इस्तेमाल करने संबंधी आरोपों के बारे में प्रधानमंत्री को अपनी गंभीर चिंताओं से भी अवगत कराया है। मैंने उन्हें बताया कि हमने यह पता लगाने के लिए कंपनी से 22 फरवरी तक स्पष्टीकरण मांगा है कि कहीं अनैतिक तरीकों से समझौते के प्रावधानों और समझौते की सत्यनिष्ठा का उल्लंघन तो नहीं किया गया। मैंने इस मामले में ब्रिटेन से पूर्ण सहायता मांगी है। प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने मुझे भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार जांच में सहयोग करेगी।
शिक्षा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत-ब्रिटेन सहयोग के विशेष क्षेत्र हैं। मैंने प्रधानमंत्री को वीजा तंत्र की जरूरत से अवगत कराया है, ताकि दोनों देशों के लोगों की आवाजाही सुगम हो और इस सहयोग को और बढ़ाया जा सके।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह तथा अन्य बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण तंत्रों में भारत की पूर्ण सदस्यता के लिए ब्रिटेन के समर्थन के वास्ते मैं प्रधानमंत्री कैमरून को धन्यवाद देता हूं। हमने द्विपक्षीय असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू करने का भी फैसला किया है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरून और मैंने क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर बहुत ही स्पष्ट और उपयोगी विचार-विमर्श किया। हमने अफगानिस्तान की सुरक्षा और राजनीतिक परिवर्तन पर अपने दृष्टिकोणों से एक-दूसरे को अवगत कराया। मैंने परिवर्तन के दौर और उसके बाद भी अफगानिस्तान की आर्थिक तरक्की और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण में उसकी सहायता तथा शासन प्रणाली, विकास और सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी क्षमता विकसित करने के लिए उसके साथ हमारे रणनीतिक भागीदारी समझौते के अनुरूप सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। हमारे बीच, ईरान और पश्चिम एशिया सहित करीबी पड़ोसी क्षेत्र के अन्य मसलों पर उपयोगी विचार-विमर्श हुआ। हमने आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। हमने साइबर सुरक्षा में भी सहयोग बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरून और मैं अपने रणनीतिक संबंध बनाये रखने पर सहमत हैं। दोनों पक्षों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे विचार-विमर्श जारी रखे और एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहें।
प्रधानमंत्री की यात्रा हमारे आपसी संबंधों में एक और मील का पत्थर है। उनके साथ काम करके बहुत प्रसन्नता हुई और मैं हमारी उपयोगी भागीदारी को निरंतर आगे बढ़ाने की आशा करता हूं।"