भाषण [वापस जाएं]

January 15, 2013
नई दिल्‍ली


परमाणु ऊर्जा विभाग के लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवार्ड्स 2011 प्रदान करने के अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन

परमाणु ऊर्जा विभाग के लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवार्ड्स 2011 प्रदान किए जाने के अवसर पर आज नई दिल्‍ली में प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह के संबोधन का मूल पाठ निम्‍नलिखित है:-

मुझे खुशी है कि आज हम अपने चार अति विशिष्‍ट वैज्ञानिकों का उनकी उत्‍कृष्‍ट उपलब्धियों तथा देश में परमाणु ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रगति की दिशा में उनके द्वारा दिए गए महत्‍वपूर्ण योगदान के लिए सम्‍मान कर रहे हैं।

मैं श्री के. बलराममूर्ति, प्रो0 आर. बालासुब्रह्मण्‍यम, डॉ0 आर.बी. ग्रोवर और डॉ. एस. के. सिक्‍का को परमाणु ऊर्जा विभाग के वर्ष, 2011 के लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवार्ड प्राप्‍त करने के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। आप में से प्रत्‍येक वैज्ञानिक इस सम्‍मान का सही मायनों में हकदार है। मुझे यकीन है कि आप सभी हमारे वैज्ञानिकों और प्रौद्योगविज्ञों की आने वाली पीढि़यों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। मैं आप सभी के परिजनों, विशेष रूप से आपकी पत्नियों का आभारी हूं, जिन्‍होंने देश के कल्‍याण की खातिर किए जाने वाले आपके प्रयासों को बढ़ावा दिया और आपका समर्थन किया।

इन अवार्ड्स की स्‍थापना के लिए मैं परमाणु ऊर्जा विभाग का भी अभिनन्‍दन करता हूं। परमाणु ऊर्जा विभाग विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अभियांत्रिकी के अत्‍यंत जटिल, अत्‍याधुनिक और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करता है। दशकों तक विदेशों से प्रौद्योगिकी संबंधी सहायता न मिलने के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों और प्रौद्योगविज्ञों ने अचूक प्रतिबद्धता, समर्पण और कौशल के साथ काम किया। उन्‍हीं की बदौलत आज भारत अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों में प्रभुत्‍व हासिल कर चुका है और पूरे परमाणु ईंधन चक्र के लिये स्‍वदेशी क्षमताएं विकसित कर चुका है। उनके प्रयासों की वजह से हमें न सिर्फ प्रतिरोधक क्षमतायें और परमाणु ऊर्जा प्राप्‍त हुई है, बल्कि कृषि और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी देखभाल जैसे क्षेत्रों में परमाणु विज्ञान के फायदों का इस्‍तेमाल करने की राष्‍ट्रीय क्षमता भी हासिल हुई है।

जनता की बढ़ती महत्‍वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम अपने राष्‍ट्रीय विकास के उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए प्रयासरत हैं, ऐसे में किफायती स्‍वच्‍छ ऊर्जा की आपूर्ति हमारी एक प्रमुख राष्‍ट्रीय चुनौती और हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता होगी। हमारे ऊर्जा भंडार के लिए परमाणु ऊर्जा एक अनिवार्य और बेहद महत्‍वपूर्ण घटक बनी रहेगी। हम अपने स्‍वदेशी परमाणु बिजली कार्यक्रम का विस्‍तार करने की प्रक्रिया में हैं। हम जल्‍द ही एक नया मील का पत्‍थर स्‍थापित करेंगे, क्‍योंकि कुडनकुलम में रूस के सहयोग से पहला परमाणु रिएक्‍टर चालू हो जाएगा और दूसरा रिएक्‍टर भी इसी वर्ष आगे चलकर काम करने लगेगा।

हम अपना बिजली कार्यक्रम लागू कर रहे हैं, ऐसे में हम यह सुनिश्चित करते रहेंगे कि परमाणु बिजली पूरी तरह सुरक्षित हो। वर्ष 2011 की फुकुशिमा घटना की वजह से परमाणु बिजली के बारे में सुरक्षा की वाजिब चिंतायें उत्‍पन्‍न हुई हैं। मुझे खुशी है कि हमारे सभी परमाणु बिजली घरों का निरीक्षण किया जा चुका है। अंतराष्‍ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ हमारा सहयोग बढ़ा है और उसकी पहली ‘ऑपरेशनल सेफ्टी रिव्‍यू टीम’ ने हाल ही में राजस्‍थान परमाणु बिजली घर का दौरा किया था। संसद भी नए परमाणु सुरक्षा नियामक प्राधिकरण के गठन के लिए एक विधेयक पर विचार कर रही है। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि परमाणु बिजली बनाने के प्रयास में हमारी जनता की सुरक्षा और आजीविका जोखिम में नहीं डाली जाएगी।

परमाणु ऊर्जा विभाग हमारे राष्‍ट्रीय प्रयासों का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है, जिसने वैश्विक परमाणु व्‍यवस्‍था के साथ समायोजन किया है और शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय परमाणु व्‍यापार से भारत को फिर से जोड़ा है। मुझे खुशी है कि परमाणु ऊर्जा विभाग ‘इंटरनेशनल थर्मोन्‍यूक्‍लीयर एक्‍सपेरीमेंटल रिएक्‍टर’ और ‘लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर’ जैसी महत्‍वपूर्ण विज्ञान परियोजनाओं में भागीदारी के माध्‍यम सहित अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग कर रहा है। मैं परमाणु ऊर्जा विभाग के विविध प्रयासों में उसकी सफलता की कामना करता हूं।

मुझे यकीन है कि परमाणु ऊर्जा विभाग, परमाणु ऊर्जा और उस संबद्ध क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में बहुमूल्‍य योगदान देता रहेगा। हम सुनिश्चित करेंगें कि हम अपनी युवा पीढि़यों में से बेहतरीन युवाओं को इन क्षेत्रों की ओर आकृष्‍ट करना जारी रख सके। इतना ही नहीं, मुझे उम्‍मीद है कि हमारे परमाणु वैज्ञानिक जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक गतिविधियों का इस्‍तेमाल करने के बुनियादी लक्ष्‍य से मार्गदर्शित होते रहेंगे।

मुझे बड़ी खुशी है कि डॉ0 आर. चिरदम्‍बरम यहां उपस्थित हैं। मैं इस अवसर का लाभ उठाते हुए भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का उत्‍कृष्‍ट मार्गदर्शन करने के लिए उनकी सराहना करूंगा। उनका जीवन और कार्य हमारे देश के सभी वैज्ञानिकों और प्रौद्योगविज्ञों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। परमाणु ऊर्जा विभाग के वर्ष, 2011 के लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवार्ड प्राप्‍त करने वाले चारों वैज्ञानिकों को मैं एक बार फिर बधाई देता हूं तथा उन्‍हें और परमाणु ऊर्जा विभाग को शुभकामनाएं देता हूं।