प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा
प्रबंधित कराई गई सामग्री
राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र
द्वारा निर्मित एंव संचालित वेबसाइट
प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण पर राष्ट्रीय समिति की कल हुई पहली बैठक में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समापन भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-
"हमने सरकार द्वारा की गई अत्यंत महत्वपूर्ण पहल के बारे में काफी उपयोगी विचार-विमर्श किया।
सरकार आज आम आदमी और समाज के उपेक्षित वर्गों के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों पर काफी मात्रा में धन खर्च कर रही है। इन योजनाओं से बड़ी संख्या में हमारे लोगों का जीवन सुधर सकता है बशर्तें इन्हें सही तरीके से लक्षित करते हुए प्रभावकारी तरीके से लागू किया जाये। पेंशन, छात्रवृत्ति और स्वास्थ्य देखभाल जैसे प्रत्यक्ष लाभों के लिए निर्धारित राशि बिना किसी देरी और लीकेज के लाभान्वितों तक पहुंचे। इन प्रत्यक्ष लाभों के अलावा सरकार 3 लाख करोड़ रूपये सब्सिडी के रूप में देती है। जिसे उन लोगों तक पहुंचाना जरूरी है जो इसके हकदार हैं।
अब प्रौद्योगिकी और देश भर में फैली बैंकिंग की आधुनिक व्यवस्था के इस्तेमाल से प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण संभव हो गया है। इसने बर्बादी को खत्म करने, लीकेज कम करने और लाभान्वितों को बेहतर तरीके से लाभ पहुंचाने के दरवाजे खोल दिये है। हमें यह सुनिश्चित करना हेागा कि सरकार द्वारा खर्च किया गया रूपया सही दिशा में खर्च किया जाये और उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इनकी जरूरत है।
मुझे प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण के लिए व्यापक सहयोग की बातें सुनकर खुशी मिली है। मैंने उन चुनौतियों के बारे में भी ध्यानपूर्वक जानकारी हासिल की है जो प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण की प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ने में आड़े आती है। आने वाले दिनों में हमें इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे।
प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण प्रणाली की सफलता के दो स्तम्भ हैं जिनकी हमने कल्पना की है। वे हैं आधार मंच और वित्तीय समावेशन। अगर इनमें से एक भी स्तम्भ कमजोर होगा तो वह हमारी पहल की सफलता को खतरे में डाल देगा। मैं आशा करता हूं कि एक सामूहिक लक्ष्य हासिल करने के लिए वित्त मंत्रालय और विशिष्ट पहचान प्राधिकरण मिलकर काम करेंगे।
वित्तीय समावेशन के लक्ष्य की तरफ बढ़ने के लिए बैंकिंग प्रणाली को विशेष रूप से देश के ग्रामीण इलाकों में डाकघर नेटवर्क को जोड़ने की जरूरत पड़ेगी। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि बैंकिंग की वर्ततान व्यवस्था और नये-नये प्रयोगों से महत्वपूर्ण बुनियादी ढ़ांचा देशभर में बना रहे ताकि, लोगों को बैंक खाता खोलने और पैसा निकालने तथा जमा करने में कोई परेशानी न हो। आदर्श स्थिति यह होगी कि आम आदमी के पास यदि आधार नबंर है तो वह जरूरत पड़ने पर साधारण बैंक खाता खोल सके। इससे नकद हस्तांतरण के अलावा कई अन्य फायदे होंगे। खाता धारकों की संख्या बढ़ने से निवेश के कारण बैंको की अपनी स्थिति मजबूत होगी। विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करना होगा कि आधार की सुविधा पर्याप्त रूप से काम करे और इससे कोई भी वंचित न रहे। मांग पर आधार नंबर उपलब्ध होना चाहिए।
मैं प्रत्येक मंत्रालय से आग्रह करना चाहता हूं कि वे प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण पहल के कार्यान्वयन के लिए सही दिशा में कार्य करें। इन्हें अपने आधारभूत आंकड़ों का डिजीटलीकरण करना होगा जो अधिकतर राज्यों के पास मौजूद हैं। इन्हें आधार नंबरों के साथ आरंभ किया जाये। आपको विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मदद दी जायेगी लेकिन बदले में आपको राज्यों की सहायता करनी होगी।
इस कार्यक्रम में हमारी सरकार की कार्यान्वयन क्षमता की परीक्षा होगी। हमें सुनिश्चित करना होगा कि प्रयास का दोहराव न हो और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रभावोत्पादकता के लिए किया जाये।
हमने खुद के लिए एक महत्वकांक्षी क्रम तय किया है। अगले वर्ष जनवरी से 51 जिलों और अप्रैल से 18 राज्यों में इसे शुरू किया जायेगा। बाकी देश में 2013 के अंत तक इसे शुरू किया जायेगा। मुझे संदेह नहीं है कि अगर हम ईमानदारी और सामूहिक तौर पर कार्य करे तो इन लक्ष्यों को हासिल करना कठिन नहीं होगा।
मैं प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण प्रणाली के लिए आपके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं"।