प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा
प्रबंधित कराई गई सामग्री
राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र
द्वारा निर्मित एंव संचालित वेबसाइट
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति श्री लुईज इनाशियो लूला दा सिल्वा को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए 2010 का इंदिरा गांधी पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के भाषण का पाठ इस प्रकार हैः
मुझे व्यक्तिगत तौर पर ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री लूला दा सिल्वा का स्वागत करने का अवसर मिला है। वह शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए 2010 का इंदिरा गांधी पुरस्कार ग्रहण करने के लिए आज हमारे साथ हैं। राष्ट्रपति लूला का व्यक्तित्व अदम्य साहस से भरा है। यह उनकी यात्रा से झलकता है जिस पर वह अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों का मुकाबला करने के बाद आए हैं।
श्री लूला को यह पुरस्कार उनकी अनेक उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया है और इस अवसर पर उन भारतीय राजनीतिज्ञों और नेताओं के स्थायी गुणों की याद आती है जिनके नाम पर यह पुरस्कार बनाया गया है।
श्रीमती इंदिरा गांधी ने सुरक्षा और विकास के क्षेत्र में अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए दूरदर्शिता और साहस के साथ भारत का नेतृत्व किया। वह भारत की एकता और अखंडता की रक्षक थी। वह समाज के उपेक्षित तबके के कल्याण की पैरोकार थीं। गरीबों, उपेक्षितों के लिए उनकी चिंता उनके काम में दिखाई देती थी और उन्होंने इस वर्ग के हित के लिए काम किया। एक शांतिपूर्ण विश्व, एक न्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, समान विकास और निरंतर प्रगति की दिशा में कार्य करने की दिशा में वह समय से काफी आगे थी।
राष्ट्रपति लूला कठिन परिस्थितियों में उस महान देश के राष्ट्रपति चुने जाने के लिए खड़े हुए। उनकी गिनती देश के सबसे प्रिय और विश्वस्तर के कद्दावर नेताओं में होने लगी। उनके नेतृत्व में ब्राजील मजबूत, समृद्ध और ऐसा राष्ट्र बना जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल किया। उनके कार्यकाल के दौरान देश में जबरदस्त आर्थिक परिवर्तन देखने को मिला जो राष्ट्रपति लूला के नए विचारों, त्वरित विकास और समग्र विकास पर आधारित था। इससे ब्राजील से गरीबी, भुखमरी को खत्म करने और सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देने में मदद मिली।
राष्ट्रपति लूला का स्पष्ट वैश्विक दृष्टिकोण था। उन्हें विभिन्न देशों की एक दूसरे पर निर्भरता की पूरी तरह जानकारी थी। वह इस बात को लेकर सचेत रहे कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी की सीमा निश्चित नहीं की जा सकती। एक तरफ उन्होंने स्वदेश में अथक कार्य किया और साथ ही विश्व को भी दिल से गले लगाया। आज उनकी गिनती विश्व की सबसे ज्यादा पहचान पाने वाली और सम्मानित हस्तियों में होती है। विकासशील देशों और उभरी अर्थव्यवस्थाओं के महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी आवाज का महत्व रहा जिसमें उन्होंने गरीबों के कल्याण और मानवाधिकारों तथा लोकतंत्र की बात की।
मुझे न केवल वैश्विक मुद्दों पर बल्कि हमारे दो महान देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को आगे बढ़ाने में मुझे राष्ट्रपति लूला के साथ काम करने का सौभाग्य मिला। मैंने पाया कि उनके साथ मुलाकात में अनेक मुद्दों पर मेरा दृष्टिकोण न केवल मजबूत हुआ बल्कि वैश्विक महत्व के विवादपूर्ण विषयों पर आम सहमति कायम करने के हमारे प्रयासों को आकार देने में काफी मदद मिली। उनके उत्साह और विवेक, जोश और उनकी प्रतिप्रद्धता, गरीबों की भावनाओं के बारे में उनकी गहरी समझ तथा विश्व के बारे में उनकी चिंता ने मुझ पर अमिट छाप छोड़़ी।
राष्ट्रपति लूला के कार्यकाल में भारत और ब्राजील के संबंध और मजबूत हुए। हम दोनों के संबंध ऐसे थे कि हमारा मानना था कि चाहे हमारे देशों को गहरे समुद्र विभाजित करते हैं, लेकिन मूल्यों, चुनौतियों और महत्वाकांक्षाओं के मामले में हम एकजुट हैं और बेहतर विश्व के लिए मिलकर कार्य कर सकते हैं।
आज हम आधुनिक भारत की महान नेता के नाम पर दिये जाने वाले इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति लूला के दिल्ली आगमन पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। श्रीमती इंदिरा गांधी के लिए शांति, आजादी, विकास, सशक्तिकरण, समानता और निरंतरता अविभाज्य थे। वे मनुष्य की इच्छाओं का सार और राष्ट्रीय प्रयास का उद्देश्य रहे। आज दुनिया में ऐसे बहुत कम नेता हैं जिनका जीवन और कार्य उस दृष्टिकोण को साकार करते हों। इस पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति लूला के अलावा कोई अन्य कोई सुपात्र नहीं हो सकता था। उनकी नीतियां अब तक विकासशील देशों के लिए आदर्श हैं और उनका व्यक्तिगत जीवन दुनिया के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है। मुझे विश्वास है कि लेटिन अमरीका और अफ्रीका में लोकतंत्र और विकास के लिए उनके द्वारा किया गया निरंतर कार्य आने वाले वर्षों में लाखों लोगों को प्रेरित करेगा।
माननीय सहयोगी, शांति और विकास के रक्षक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता हासिल करने वाले और कद्दावर नेता के इंदिरा गांधी पुरस्कार हासिल करने पर उन्हें शुभकामना देने में मुझे बेहद खुशी हो रही है। इन सबसे ज्यादा मुझे खुशी है कि यह पुरस्कार एक सम्मानित व्यक्ति को और एक घनिष्ठ मित्र को दिया गया है। मैं कामना करता हूं कि वे आने वाले वर्षों में मानवता की लगातार सेवा करते रहें।