प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा
प्रबंधित कराई गई सामग्री
राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र
द्वारा निर्मित एंव संचालित वेबसाइट
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत-आसियान भागीदारी के लिए कम्बोडिया के समर्थन और इस भागीदारी को और सुदृढ़ एवं विस्तृत बनाने के प्रति उनकी प्रतिवद्धता के लिए कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हून सेन को धन्यवाद दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि वे भविष्य में इस संबंध की दिशा पर उनके मूल्यवान विचार और परामर्श के लिए भी उनके प्रति कृतज्ञ हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि वे उनके साथ नोम पेन्ह और दिल्ली में द्वीपक्षीय बैठक के प्रति काफी आशान्वित हैं। डॉ. सिंह ने भारत-आसियान भागीदारी पर रिपोर्ट देने के लिए आसियान- भारत के विख्यात लोगों के समूह को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस समूह की अनुशंसाओं से पारस्परिक लाभ के साथ-साथ व्यापक एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि के लिए हमारी भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।
डॉ. सिंह ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वस्तुओं के कारोबार पर हमारे वर्तमान समझौते के साथ सेवाओं और निवेशों में कारोबार पर समझौता होने से हमारे आर्थिक संबंधों का तेजी से विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए उठाये गए कदमों से हमारा सहयोग ज्यादा सुदृढ़ और व्यापक होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का विशाल बाजार और तीव्र विकास निवेश के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि भारत सरकार निवेश के वातावरण में और सुधार लाने और विकास की गति तेज करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। उन्होंने भारत में आसियान के सदस्य देशों से ज्यादा निवेश प्राप्त होने को लेकर आशा व्यक्त की। डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर आसियान देशों में विकास में सहयोग करने के लिए भारत अपना संसाधन, अनुभव और विशेषज्ञता प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि भारतीय निजी क्षेत्र ने इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। डॉ. सिंह ने एक ऐसा वातावरण तैयार करने के महत्व पर जोर दिया जहां भारत और आसियान देशों के बीच हमारे पेशेवरों, उद्यमियों, छात्रों और पर्यटकों को यात्रा करने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक और रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत बनाने के लिए भारत और आसियान के बीच सम्पर्क में सुधार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी, समुद्री डकैत विरोधी अभियानों और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत और आसियान के साझा हित हैं। डॉ. सिंह ने एक ऐसी मुक्त, संतुलित, सम्मिलित संरचना की कामना की जो, एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देती हो। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्रीय संरचना के निर्माण में भारत और आसियान एक महत्वपूर्ण और रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि वह कल 7वें पूर्वी एशियाई सम्मेलन में भाग लेंगे और आरसीईपी बातचीत की शुरूआत करेंगे।