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राष्ट्रपति हामिद करजई हमारे लिए कोई अजनबी नहीं हैं, बल्कि वे हमारे देश के गहरे मित्र और दोनों देशों के मध्य बेहतर संबंधों के प्रबल समर्थक हैं। उनके नेतृत्व में अफगानिस्तान ने अनेक चुनौतियों के बावजूद महत्वपूर्ण तरक्की की है। भारत की राजकीय यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने इस क्षेत्र में व्यापक चुनौतियों और द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से बातचीत की है और नीतिक भागीदारी अनुबंध लागू करने और इस अनुबंध के अनुसार अपने सहयोग के प्रति वचनबद्धता को मजबूत करने पर भी विचार विमर्श किया गया है।
हमने नीतिक आर्थिक भागीदारी, आपसी लाभ विकसित करने की आवश्यकता पर भी बातचीत की है तथा यह भी विश्वास व्यक्त किया है कि अफगानिस्तान का क्षेत्रीय आर्थिक समाकलन क्षेत्र में समग्र विकास और स्थिरता कायम करने में अपना योगदान देता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के विकास में योगदान देने के प्रति वचनबद्ध है। वर्तमान में अफगानिस्तान के लिए हमारी विकास सहायता लगभग दो बिलियन डॉलर है। हम क्षमता निर्माण, संस्थागत निर्माण और मानव संसाधन विकास से संबंधित कार्यक्रमों में योगदान दे रहे हैं। अफगानिस्तान और उसके आस-पास सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति से संबंधित परिवर्तनों के बारे में भी हमने विचार विमर्श किया तथा मैंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को यह विश्वास दिलाया कि आतंकवाद का मुकाबला करने सहित सभी चुनौतियों से निपटने में हम उनकी सहायता करेंगे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के मध्य यह मित्रता कई शताब्दियों से चल रहे आपसी लगाव पर आधारित है। शासन सुरक्षा एवं विकास से संबंधित क्षेत्रों में भारत अफगानिस्तान की सहायता करता है और हम उस देश में स्थाई शांति स्थापित करने के लिए समर्थन देते हैं, जिससे अफगान समाज के सभी वर्गों में एकता स्थापित हो सके। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति करजई की वर्तमान यात्रा दोनों देशों के मध्य बेहतर संबंधों को और मजबूत बनाने में मददगार साबित होगी। मैं उन्हें चुनौतीपूर्ण समय में अपने देश का कुशल नेतृत्व करने के लिए बधाई देता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि भारत उनके तथा अफगानिस्तान के लोगों के साथ हमेशा मजबूती से खड़ा रहेगा।