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भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर बातचीत अगले वर्ष पूरे करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन हार्पर की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से हुई बातचीत में दोनों देश कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हो गए हैं।
इस संबंध में जारी किये गए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के वक्तव्य का विवरण इस प्रकार है: -
कनाडा के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन हार्पर के भारत की यात्रा पर दूसरी बार आने पर उनका हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। 2009 में उनकी पिछली यात्रा के बाद दोनों देशों के आपसी संबंधों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। मुझे विश्वास है कि आगे आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच और अधिक लाभकारी सहयोग और बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री हार्पर और मैंने विभिन्न क्षेत्रों में हमारी भागीदारी की व्यापक समीक्षा की है। हम दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की सामरिक वार्ता शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। हम ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे, विशेष रूप से कनाडा से तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात में और नवीनीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में, जिसमें अत्यधिक संभावनाएं हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में मंत्री स्तर की बातचीत से सामरिक वार्ता भी मजबूत होगी और विशिष्ट परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। हमने 2010 में असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, उसके प्रभावी कार्यान्वयन के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए हाल में हुई प्रगति का भी हमने स्वागत किया है।
हमारी वैज्ञानिक संस्थाओं के बीच उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग है। प्रधानमंत्री हार्पर और मैंने इन संबंधों को और बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। द्विपक्षीय रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्र में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन-डीआरडीओ और यार्क विश्वविद्यालय के बीच हुआ ज्ञापन-समझौता स्वागत योग्य कदम है। इस क्षेत्र में कनाडा को विशेष दक्षता प्राप्त है।
कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यहां के लोगों साथ उनके संपर्कों ने हमारे दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज जिस सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, उससे दोनों देशों में काम कर रहे एक दूसरे के देश से आये पेशेवराना लोगों को बहुत लाभ होगा।
खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों में कनाडा हमेशा महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। इस संदर्भ में दोनों पक्ष कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं।
हमारा आर्थिक सहयोग क्षमता से कम है, दोनों देशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के फोरम की स्थापना से और हमारे वाणिज्य मंत्रियों के बीच वार्ता के संकल्प से व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी। हमने अगले वर्ष में व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते की बातचीत को पूरा करने का भी संकल्प किया है। मैंने प्रधानमंत्री हार्पर को आश्वासन दिया है कि द्विपक्षीय निवेश अनुरक्षण और संवर्धन समझौते के बारे में जो बातचीत चल रही है, उसे अंतिम रूप देने के लिए भारत कृत संकल्प है। मैंने यह भी कहा है कि जिस तरह से कनाडा में भारत का पूंजी निेवेश बढ़ रहा है, उसी तरह मुझे उम्मीद है कि भारत में भी कनाडा का निवेश बढ़ेगा।
भारत और कनाडा ऐसे देश हैं, जिनके लोकतंत्र, समग्रता और विविधता के प्रति एक जैसे दृष्टिकोण हैं। आतंकवाद, उग्रवाद और अतिवाद के विरुद्ध संकल्प में हमारी चिंताएं एक जैसी हैं। प्रधानमंत्री हार्पर और मैं आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। मैंने प्रधानमंत्री हार्पर से कहा है कि अफगानिस्तान में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए कनाडा द्वारा जो प्रयास किये जा रहे हैं, भारत उनकी सराहना करता है।
हमारे दोनों देश वैश्विक वित्तीय प्रणाली की स्थिरता में दिलचस्पी रखते हैं। जी-20 संगठन में हमारे बीच निकट और प्रभावी भागीदारी है, जहां भारत और कनाडा सुदृढ़, सतत और संतुलित विकास के फ्रेमवर्क से संबंधित कार्य दल के सह-अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री और मैं अंतर्राष्ट्रीय मंचों में दोनों देशों के बीच तालमेल बढ़ाने के बारे में भी सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री हार्पर की यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक और मील का पत्थर है। उनके साथ काम करके मुझे खुशी हुई है और मुझे उम्मीद है कि हमारी उपयोगी भागीदारी जारी रहेगी।