भाषण [वापस जाएं]

September 11, 2012
नई दिल्ली


फलस्तीन के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा के दौरान मीडिया के लिए प्रधानमंत्री का वक्तव्य

फलस्तीन के राष्ट्रपति श्री महमूद अब्बास के साथ नई दिल्ली में हुई शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा मीडिया के लिए जारी वक्तव्य का विवरण इस प्रकार है:

भारत की राजकीय यात्रा पर फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के आने पर उनका स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात है। वे भारत के लिए अपरिचित नहीं हैं और नि:संदेह हम उन्हें एक बहुत ही विशिष्ट मित्र के रूप में देखते हैं।

राष्ट्रपति अब्बास और मैंने भारत-फलस्तीन भागीदारी को बढ़ाने और मजबूत बनाने के लिए उपयोगी बातचीत की है। इस भागीदारी की जड़ें इतिहास में हैं और यह हमारे राष्ट्रीय आचार-विचार पर आधारित हैं।

फलस्तीन के ध्येय के लिए समर्थन भारत की विदेश नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। हमारी मुलाकात के दौरान मैंने फलस्तीन के लोगों के संघर्ष के प्रति भारत के दृढ़ समर्थन को दोहराया है, जो वे एक सार्वभौम, स्वतंत्र, व्यवहार्य और राजधानी के रूप में पूर्वी यरूशलम के साथ संयुक्त फलस्तीन राज्य की स्थापना के लिए कर रहे हैं, जिसकी शांतिपूर्ण इज़रायल के साथ लगती सुरक्षित और मान्य सीमाएं हों।

भारत ने यूनेस्को में पूर्ण सदस्य का दर्जा प्राप्त करने के फलस्तीन राज्य के प्रयासों को समर्थन देने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। हम संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण और बराबरी की सदस्यता के फलस्तीन के प्रयासों को भी समर्थन देते रहेंगे।

हम चाहते हैं कि फलस्तीन और इज़रायल के बीच शांति वार्ता जल्दी फिर से शुरू हो और दोनों पक्षों के बीच समस्या का व्यापक हल निकले।

द्विपक्षीय स्तर पर भारत फलस्तीन के विकास और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों को समर्थन देता रहेगा। आज जिस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं, वह सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक प्रशिक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में हमारे योगदान के वायदे को दर्शाता है।

भारत सरकार फलस्तीन की आर्थिक जरूरतों में मदद के लिए इस वर्ष फलस्तीन के बजट में एक करोड़ अमरीकी डालर का भी योगदान देगा।

राष्ट्रपति महमूद अब्बास आज नये फलस्तीनी दूतावास का उद्घाटन करेंगे, जिसका निर्माण भारत की सहायता से किया गया है। यह भवन दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के बीच शाश्वत मैत्री का प्रतीक है।

राष्ट्रपति अब्बास और मैंने क्षेत्रीय घटनाओं, विशेष रूप से पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र की घटनाओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया है। हमारे विचारों में बहुत समानता है। हम इस बात पर सहमत हैं कि क्षेत्र की समस्याओं को राजनीतिक वार्ता के जरिए और हिंसा तथा बाहरी हस्तक्षेप के बिना शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए और इसके साथ सभी लोगों की उचित आकांक्षाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

दोनों देशों के विशेष आपसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मैं राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ मिलकर कार्य करने की उम्मीद रखता हूं।