भाषण [वापस जाएं]

July 2, 2012
असम


प्रधानमंत्री का असम में बाढ़ग्रस्‍त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण के बाद मीडिया को वक्‍तव्‍य

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज असम के बाढ़ग्रस्‍त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण के बाद मीडिया को दिए गए वक्‍तव्‍य का अनूदित पाठ इस प्रकार है: 

श्रीमती सोनिया गांधी और मैंने जोरहाट, धेमाजी और लखीमपुर जिलों के बाढ़ग्रस्‍त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाढ़ से इन इलाकों को काफी नुकसान पहुंचा है। असम के लोग हाल के दिनों में आई अब तक की सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहे हैं । बाढ़ से कई लोगों की जानें गई हैं और फसलों, तटबंधों, सड़कों तथा अन्‍य बुनियादी ढांचे को भी काफी नुकसान हुआ है। मुझे यह जानकार बहुत दुख हुआ है कि बाढ़ के कारण 77 लोग मारे गए हैं, 5 लोग लापता हैं और 2000 हज़ार से ज्‍़यादा गांव और 19 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां मिलकर राज्‍य सरकार के साथ काम कर रही हैं और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल ने 71 नाव और बाढ़ राहत उपकरणों के साथ 640 जवानों की 16 टीमें तैनात की हैं। सेना ने राहत और बचाव कार्य के लिए 752 जवान तैनात किए हैं। 4000 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है। 400 कर्मियों को भेजा गया है तथा नौसेना ने 20 टन की राहत सामग्री पहुंचाई है। अगले दो दिनों में हमारा विशेष ध्‍यान, अभी भी बाढ में फंसे लोगों को बचाने तथा बाढ़ के कारण अपने घर से बेघर हुए लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने पर रहेगा।

मैं इस बात से संतुष्‍ट हूं कि राहत और बचाव कार्य काफी तेज़ी से हो रहा है। करीब 4 लाख 84 हज़ार लोगों ने 768 राहत शिविरों में शरण ली है। बाढ़ग्रस्‍त इलाकों में बड़ी संख्‍या में चिकित्‍सा सेवा उपलब्‍ध कराई जा रही है। मुझे यह बताया गया है कि राज्‍य में पर्याप्‍त मात्रा में अनाज और अन्‍य ज़रूरी सामग्री उपलब्‍ध है। राज्‍य सरकार पहले ही करीब 10,000 क्विंटल की खाद्य सामग्री वितरित कर चुकी है। आवश्‍यकता पड़ने पर केंद्र सरकार राज्‍य को तत्‍काल रूप से और ज़रूरी सामग्री उपलब्‍ध कराएगी।

बाढ़ के कारण धेमाजी जिले में रेल लाइन को नुकसान पहुंचा है। रेल मंत्रालय बराक घाटी, मणिपुर, त्रिपुरा और मिज़ोरम के साथ संपर्क रखने के लिए महत्‍वपूर्ण रेल लाइन की मरम्‍मत के लिए तत्‍काल रूप से कदम उठा रहा है । एक बार राहत और बचाव कार्य पूरा हो जाने पर हम क्षतिग्रस्‍त हुए बुनियादी ढांचे की मरम्‍मत पर ध्‍यान देंगे। राज्‍य में बाढ़ से फसलों,सड़कों, राष्‍ट्रीय राजमार्गों, नदियों के तटबंधों, स्‍कूल और अस्‍पताल की इमारतों, जल आपूर्ति प्रणाली आदि को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल के कुछ सदस्‍य आज असम पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री राहत कोष से बाढ़ में मारे गए प्रत्‍येक मृतक के निकट संबंधी को एक-एक लाख रूपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। केंद्रीय दल के रिपोर्ट सौंपने के बाद केंद्र सरकार, राज्‍य सरकार को दी जाने वाली वित्‍तीय सहायता की राशि पर निर्णय करेगी। मैं राज्‍य सरकार को 500 करोड़ रूपए की तदर्थ केंद्रीय सहायता उपलब्‍ध कराने की घोषणा करता हूं।

भारत सरकार योजनाबद्ध ढंग से क्षतिग्रस्‍त हुई संपत्तियों का पुनर्निर्माण और बाढ़ नियंत्रण कार्य करेगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्‍य में पर्याप्‍त मात्रा में अनाज और अन्‍य ज़रूरी सामग्री उपलब्‍ध हो। यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कृषि के लिए विभिन्‍न किस्‍म के आवश्‍यक बीज भी उपलब्‍ध हों। एक बार राहत कार्य समाप्‍त हो जाने के बाद हम बाढ़ राहत, बाढ़ नियंत्रण, भू-क्षरण और उससे संबंधित समस्‍याओं की मध्‍यीय और दीर्घकालिक समस्‍याओं पर और अधिक ध्‍यान देंगे।

मैं आप सब मीडिया कर्मियों के जरिए यह सब बताना चाहता था।

धन्‍यवाद।