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May 30, 2013
बैंकॉक, थाइलैंड

प्रधानमंत्री की थाईलैंड यात्रा पर जारी किया गया संयुक्‍त वक्‍तव्‍य

1. थाईलैंड की प्रधानमंत्री महामहिम सुश्री यिंगलुक शिंवात्रा के निमंत्रण पर भारतीय गणराज्‍य के प्रधानमंत्री महामहि‍म डा. मनमोहन सिंह ने 30-31 मई 2013 तक थाईलैंड की सरकारी यात्रा की। उनके साथ विदेश मंत्री, उच्‍च स्‍तरीय अधिकारी और मीडिया शिष्‍टमंडल भी था।

2. भारत के प्रधानमंत्री ने भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्‍कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में थाईलैंड के तेजस्‍वी  नरेश भूमिबल अदुल्‍यदेज को बोध गया  के  पवित्र बोधि वृक्ष का एक पौधा उपहार स्‍वरूप भेंट किया। 

3. भारत और थाईलैंड के बीच आधिकारिक बातचीत 30 मई 2013 को सद्भाव और मैत्रीपूर्ण माहौल में संपन्‍न हुई। प्रधानमंत्री यिंगलुक शिंवात्रा ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और भारतीय शिष्‍टमंडल  के सम्‍मान में राजकीय भोज का आयोजन किया।

4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने परस्‍पर हित के  द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर व्‍यापक विचार-विमर्श किया। उन्‍होंने हाल के वर्षों में साझा ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्‍कृतिक संबंधों पर आ‍धारित, मजबूत, व्‍यापक और घनिष्‍ठ रिश्‍ता कायम करने के लिए हाल के वर्षों में की गई प्रगति की समीक्ष की। उन्‍होंने इस बात पर संतोष व्‍यक्‍त किया कि भारत और थाईलैंड ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्‍तरों पर एक सुदृढ़ और परस्‍पर लाभदायक सहयोग विकसित किया है और इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास, शांति और स्थिरता कायम करने में योगदान किया है।

5. उन्‍होंने इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि महत्‍वपूर्ण प्रगति के बावजूद संबंधों में और विस्‍तार की पर्याप्‍त संभावनाएं हैं। थाईलैंड की 'लुक वेस्‍ट' और भारत की 'लुक ईस्‍ट' नीतियां दोनों देशों के संबंधों को कार्यनीतिक भागीदारी के रूप में विकसित करने का आधार सिद्ध होंगी।

आथिक, व्‍यापार और निवेश सहयोग

6. दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर संतोष व्‍यक्‍त किया कि हाल के वर्षों में भारत   और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार में महत्‍वपूर्ण वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्षों में भारत और थाईलैंड के बीच व्‍यापार में 15 प्रतिशत वार्षिक बढ़ोतरी हुई। पिछले वर्ष द्विपक्षीय व्‍यापार 8.6 अरब अमरीकी डालर से अधिक का रहा। दोनों देशों ने उम्‍मीद जाहिर की कि आपसी लाभ और स्‍थायी आर्थिक विकास के लिए द्विपक्षीय व्‍यापार में वृद्धि का सिलसिला जारी रहेगा।

7. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत और थाईलैंड के बीच हाल के वर्षों में निवेश में बढ़ोतरी की सराहना की, जिससे दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिली है। थाईलैंड के निवेश बोर्ड ने 20 करोड़ अमरीकी डालर के निवेश वाली 25 भारतीय परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की। पिछले वर्ष थाईलैंड से भी भारत में 1.2 करोड़ अमरीकी डालर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश हुआ।

8. भारत ने विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में, विशेषकर दिल्‍ली-मुम्‍बई और चेन्‍नई-बंगलौर औद्योगिक गलियारों, बौद्ध स्‍थलों तथा देश के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में थाईलैंड से निजी निवेश आमंत्रित किया है। भारत बंदरगाहों और राजमार्गों, इलेक्‍ट्रोनिक्‍स, ऑटमॅबील कल-पुर्जों, खाद्य प्रसंस्‍करण और बिजली उत्‍पादन तथा पर्यटन एवं आवभगत सुविधाओं में भी थाईलैंड के निवेश का स्‍वागत करेगा। भारत ने थाईलैंड में परिवहन और बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि प्रर्दिशत की।

9. दोनों प्रधानमंत्रियों ने थाईलैंड-भारत व्‍यापार मंच की स्‍थापना का स्‍वागत किया। निजी क्षेत्र की भागीदारी से बनाया गया यह मंच द्विपक्षीय व्‍यापार एवं निवेश के विस्‍तार को बढ़ावा देगा और व्‍यापार साझेदारी के विकास में मदद करेगा।

10. व्‍यापार और निवेश प्रोत्‍साहन के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाने तथा दोनों देशों के व्‍यापारियों की एक-दूसरे देश में यात्राओं में सुविधा पहुंचाने के लिए भारत और थाईलैंड ने एक-दूसरे के पात्र उद्यमियों को फास्‍ट ट्रैक व्‍यापार वीसा सेवा प्रदान करने पर सहमति व्‍यक्‍त की।

11. दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक-दूसरे देश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए एक संस्‍थागत व्‍यवस्‍था की आवश्‍यकता रेखांकित की। इससे दोनों देशों में श्रम और निवेश की गतिशीलता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की इस बारे में समझौते को जल्‍द ही अंतिम रूप दिया जायेगा।

12. दोनों प्रधानमंत्रियों ने थाईलैंड-भारत मुक्‍त व्‍यापार वार्ताओं को व्‍यापक एवं संतुलित मुकाम पर पहुंचाने का संकल्‍प दोहराया। दोनों देशों ने नवम्‍बर 2012 में इस बारे में नई दिल्‍ली में हुई बातचीत के बाद इस दिशा में हुई प्रगति पर संतोष व्‍यक्‍त किया।

13. दोनों देशों ने भारत और आसियान के बीच व्‍यापक आर्थिक सहयोग समझौते के बृहत फ्रेमवर्क के तहत सेवाओं के व्‍यापार और निवेश संबधी भारत-आसियान समझौते की बातचीत सफलतापूर्वक संपन्‍न होने का स्‍वागत किया।

14. उन्‍होंने इस बात पर भी स‍हमति व्‍यक्‍त की कि बिमस्‍टेक मुक्‍त व्‍यापार समझौता (एफटीए) इस क्षेत्र के लिए लाभदायक होगा और उम्‍मीद जाहिर की कि बीमस्‍टेक सदस्‍य इसे अंतिम रूप देने के लिए बातचीत की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करेंगे।

संचार

15. दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग के जरिए संचार सुविधा बढ़ाने की आवश्‍यकता पर बल दिया। इसके लिए भारत और थाईलैंड के बीच सड़क और जहाजरानी ढांचे के विकास की आवश्‍यकता पर विचार किया गया। उन्‍होंने संचार और बुनियादी ढांचे के बारे में थाईलैंड-भारत संयुक्‍त कार्यदल के गठन का स्‍वागत किया। दोनों नेताओं ने सितम्‍बर 2012 में हुई कार्यदल की पहली बैठक के नतीजों को उपयोगी बताया, जिसमें दावेई डीप सी पोर्ट और विशेष आर्थिक क्षेत्र परियोजनाओं में सहयोग की संभावनाएं भी शामिल हैं।

16. दोनों नेताओं ने भारत-म्‍यांमां-थाईलैंड त्रि-पक्षीय राजमार्ग परियोजना को महत्‍वपूर्ण बताया क्‍योंकि इससे मेकांक उप-क्षेत्र और भारत के बीच संचार संपर्क में जबरदस्‍त इजाफा होगा। उन्‍होंने इस बात पर भी ध्‍यान दिया कि सितम्‍बर 2012 में त्रिपक्षीय राजमार्ग से संबंधित संयुक्‍त कार्यदल की बैठक में इस बात पर सहमति हुई कि 2016 तक त्रिपक्षीय सड़क सम्‍पर्क का निर्माण कार्य पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

17. इस सिलसिले में भारतीय पक्ष ने थाईलैंड के इस प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया कि वह जून-जुलाई 2013 में त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना से संबंधित भारत-म्‍यांमां-थाईलैंड संयुक्‍त कार्य दल और संचार से संबधित थाईलैंड-भारत संयुक्‍त कार्यदल की बैठकों  की मेजबानी करेगा।

18. थाईलैंड ने परिवहन से संबंधी तीसरी भारत-म्‍यांमां-थाईलैंड मंत्री स्‍तरीय बैठक की मेजबानी करने का प्रस्‍ताव किया। इसका उद्देश्‍य क्षेतीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में  त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करना है।

19. थाइलैंड ने भारतीय पक्ष को इस बात से अवगत कराया कि दक्षिणी म्‍यांमां में दावेई विशेष आर्थिक क्षेत्र के विकास संबंधी परियोजना के निर्माण में थाइलैंड और म्‍यांमां ने कितनी प्रगति की है, जिसके चालू हो जाने पर क्षेत्रीय संचार व्‍यस्‍था मजबूत होगी और क्षेत्र में व्‍यापार के अवसरों में वृद्धि होगी।

20. दोनों देशों ने इस बात पर संतोष व्‍यक्‍त किया गया कि भारत और थाइलैंड के बीच विमान संपर्क का निरंतर विकास हुआ है और विमान सेवाओं में इजाफा हुआ है।

रक्षा एवं सुरक्षा

21. दोनों प्रधानमंत्रियों ने थाइलैंड और भारत की सशस्‍त्र सेनाओं के बीच घनिष्‍ठ और नियमित विचार-विमर्श और दिसम्‍बर 2012 में  थाइलैंड के रक्षा मंत्री की भारत यात्रा, फरवरी 2013 में भारत-थाईलैंड रक्षा वार्ता और भारतीय नो-सेना तथा थाईलैंड की शाही सेना द्वारा नियमित रूप से समन्वित गश्‍त लगाए जाने जैसी गतिविधियों की सराहना की।

22. थाईलैंड ने भारत के रक्षा उद्योग में रुचि प्रदर्शित की, जिसका उत्‍पादन प्रतिस्‍पर्धी है और प्रौद्योगिकी अत्‍याधुनिक है। दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रों में रक्षा सहयोग पर सहमति जतायी।

23. उन्‍होंने सुरक्षा सहयोग के बारे में संयुक्‍त कार्यदल के जरिए सहयोग मजबूत
किए जाने का भी स्‍वागत किया। सुरक्षा सहयोग के बारे में भारत-थाईलैंड संयुक्‍त कार्यदल की 7वीं बैठक जुलाई 2012 में हुई थी, जिसमें इस बात पर सह‍मति हुई थी कि संयुक्‍त कार्यदल द्वारा अंतिम रूप दिए गए पांच वर्षीय कार्यक्रम को तेजी से लागू किया जाये। इसकी प्रगति पर संयुक्‍त कार्यदल की अगली बैठक में समीक्षा की जायेगी जो भारत में होगी।

24. दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय पर्त्‍यपण संधि पर हस्‍ताक्ष्‍ार किए जाने का स्‍वागत किया, जो राष्‍ट्रीय हितों के खिलाफ काम करने वाले तत्‍वों से निपटने में एक कानूनी प्रदान करती है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद, सुनियोजित अपराधों, नशीले पदार्थों की तस्‍करी, जाली मुद्रा और मानव तस्‍करी से निपटने में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का संकल्‍प दोहराया।

25. दोनों प्रधानमंत्रियों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग के महत्‍व को स्‍वीकार किया। दोनों सरकारों के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विषयक संगठनों के बीच संबधों को व्‍यापक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और कौशल का आदान-प्रदान किया जा रहा है। दोनों नेताओं ने वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समन्‍वय में सुधार करने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की।

26. दोनों नेताओं ने वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी में सहयोग के कार्यक्रम की प्रगति पर विचार किया और संयुक्‍त अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन का स्‍वागत किया। उन्‍होंने इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि मौजूदा संस्‍थागत व्‍यवस्‍थाओं और समझौतों के अंतर्गत अंतरिक्ष अनुप्रयोग संबंधी क्षमता निर्माण और संयुक्‍त परियोजनाओं के जरिए लोगों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।

संस्‍कृति शिक्षा और लोगों के स्‍तर पर आदान-प्रदान

27. दोनों देशों ने विभिन्‍न सांस्‍कृतिक आदान-प्रदानों को बढ़ावा देते हुए सांस्‍क़तिक और ऐतिहासिक संबंध मजबूत करने पर सहमति व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने थाईलैंड-भारत विनिमय कार्यक्रम की स्‍थापना का स्‍वागत किया जिससे दोनों देशों के समुदायों के लाभ के लिए संस्‍कृति और अन्‍य क्षेत्रों में लोगों के स्‍तर पर संपर्क तेज करने में मदद मिलेगी।

28. शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग का महत्‍व समझते हुए दोनों प्रधान मंत्रियों ने सभी स्‍तरों पर अधिक संख्‍या में  विद्यार्थियों के आदान- प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्‍त की। थाईलैंड ने भारत द्वारा हर वर्ष भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) के अंतर्गत 90 स्‍कॉलरशिप और भारतीय सांस्‍कृतिक संबध परिषद के अंतर्गत 26 स्‍कॉलरशिप और अयूश के अंतर्गत अनेक छात्रवृत्तियां जारी रखने का स्‍वागत किया।

29. दानों प्रधानमंत्रियों ने महसूस किया कि दोनों देशों के बीच संस्‍थागत संपर्क का भली-भांति विकास हो रहा है। उन्‍होंने दोनों देशों के विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों के बीच सीधे सहयोग में बढ़ोतरी और आधुनिक नालंदा विश्‍वविद्यालय को उत्‍कृष्‍ट अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍थान बनाने के साझा लक्ष्‍य की दिशा में हुई प्रगति पर संतोष प्रकट किया। भारत ने थाईलैंड सरकार द्वारा इस विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना निधि में 1,00,000 अमरीकी डालर का योगदान करने और थाईलैंड के निजी क्षेत्र द्वारा कुल मिलाकर 33,000 डालर के योगदान की सराहना की।

30. दोनों देशों ने थाईलैंड-भारत सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान, को प्रोत्‍साहित करने का संकल्‍प दोहराया। थाईलैंड ने बैंकाक में भारतीय संस्‍कृति केन्‍द्र की गतिविधियों का स्‍वागत किया, जो थाईलैंड के लोगों को भारतीय संस्‍कृति को समझने में सहायता कर रहा है। 

31. दोनों देशों ने 2012-14 की अवधि के लिए द्विपक्षीय सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन पर विचार-विमर्श किया और इस सिलसिले में थाईलैंड के राष्‍ट्रीय संग्रहालय के सहयोग से बैंकाक में बौद्ध धर्म पर एक प्रदर्शनी आयोजित करने के कोलकाता के भारतीय संग्रहालय द्वारा की गई पेशकश का स्‍वागत किया।

32. थाईलैंड और भारत के बीच जनता के स्‍तर पर संपर्क बढ़ाना आपसी संबधों का आधार है। दोनों प्रधान मंत्रियों ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों देश सभी प्रकार की वैध यात्रियों का स्‍वागत करेंगे, जैसे पर्यटक, विद्यार्थी, कार्मिक और भिक्षुक।

33. दोनों देशों ने आसियान-भारत कार्यनीतिक भागीदारी और बिमस्‍टेक के संदर्भ में अपनी बहुमूल्‍य भागीदारी और सहयोग को और मजबूत करने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की।

34. दोनों नेताओं ने मेकांक-गंगा सहयोग (एमजीसी) के जरिए निचले मेकांक क्षेत्र में परियोजनाओं के विकास और क्षमता निर्माण का संकल्‍प दोहराया। इस सिलसिले में दोनों नेताओं ने कंबोडिया में सिएम रीप में एमजीसी एशियन ट्रेडिशनल टेक्‍स्‍टाइल म्‍यूजियम की स्‍थापना का समर्थन किया।

35. दोनों नेताओं ने स्‍वीकार किया कि पूर्वी एशिया सम्‍मेलन एशिया और प्रशान्‍तक्षेत्र शांति, स्थिरता और खुशहाली को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय सहयोग के एक मुक्‍त, समावेशी, पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण ढांचे के रूप में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।

36. दोनों प्रधान मंत्रियों ने विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर भारत और थाईलैंड के घनिष्‍ठ सहयोग की सराहना की और इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि वे आपसी हित के मामलों में संयुक्‍त राष्‍ट्र और अन्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर सहयोग को और सुदृढ़ करेंगे।

37. दोनों प्रधानमंत्रियों ने जलवायु के बारे में दोहा में हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र फ्रेमवर्क कन्‍वेंशन से सम्‍बद्ध देशों के 18 वें सम्‍मेलन के परिणामों पर संतोष व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने संयुक्‍त परन्‍तु अलग-अलग दायित्‍वों और समानता के  सिद्धांत के साथ डरबन मंच के अंतर्गत संतुलित परिणाम हासिल करने के लिए मिल कर काम करने की आवश्‍यकता पर बल दिया। उन्‍होंने स्‍थायी विकास के बारे में जून 2012 में हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र सम्‍मेलन (रियो + 20) के परिणामों पर संतोष प्रकट किया और स्‍थायी विकास तथा गरीबी उन्‍मूलन के प्रति राजनीतिक प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की।

38. दोनों नेताओं ने संयुक्‍त राष्‍ट्र और उसके प्रमुख अंगों में जारी सुधार प्रक्रिया के प्रति समर्थन दोहराया ताकि यह विश्‍व संगठन समसामयिक विश्‍व की विशाल चुनौतियों से निपटने में अधिक लोकतांत्रिक, पारदर्शी और सक्षम ढंग से काम कर सके। थाईलैंड ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए भारत के दावे का समर्थन किया।

39. यात्रा के दौरान निम्‍नांकित समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए-

• प्रत्‍यर्पण संधि

• निम्‍नांकित समझौतों के बारे में समझौता-ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गए :

• थाईलैंड-भारत आदान-प्रदान कार्यक्रम की स्‍थापना।

• मानचित्रण और भूस्‍थानिक प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सहयोग के लिए थाईलैंड की जिओ-इंफोर्मेटिक्‍स एंड स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी डिवेलॅप्‍मेंट एजेंसी और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच समझौता-ज्ञापन।

• मानचित्रण और भूस्‍थानिक प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सहयोग के लिए थाईलैंड की जिओ-इंफोर्मेटिक्‍स एंड स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी डिवेलॅप्‍मेंट एजेंसी और भारत के नेशनल एटलस एंड थीमैटिक मैपिंग आर्गेनाइजेशन के बीच समझौता-ज्ञापन।

• मनी लांडरिंग और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन दिए जाने के अपराधों  के बारे में वित्‍तीय खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में सहयोग के लिए भारत की फानेंशियल इं‍टेलिजेंस यूनिट और थाइलैंड के एंटी मनी लांडरिंग आर्गेनाइजेशन के बीच समझौता-ज्ञापन।

• थाम्‍मासैट विश्‍वविद्यालय में हिन्‍दी पीठ की स्‍थापना संबंधी समझौता-ज्ञापन।

• सजायाफ्ता व्‍यक्तियों को एक दूसरे देश को सौंपने संबंधी संधि की पुष्टि संबंधी दस्‍तावेज का आदान-प्रदान।

40. दोनों देशों ने विदेशी मंत्री स्‍तर के संयुक्‍त आयोग की अगली बैठक इस वर्ष बाद में बैंकाक में आयोजित करने पर सहमति व्‍यक्‍त की ताकि क्षेत्र वार कार्यक्रमों की समीक्षा की जा सके और सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाया जा सके।

41. भारत के प्रधानमंत्री ने सरकारी यात्रा के दौरान स्‍वयं के और शिष्‍टमंडल के सदस्‍यों के स्‍वागत एवं  सद्भाव पूर्ण आवभगत के लिए थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलुक शिंवात्रा, शाही सरकार और लोगों  के प्रति  कृतज्ञता पूर्वक आभार व्‍यक्‍त किया।