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May 27, 2013
नई दिल्ली

प्रधानमंत्री का जापान और थाईलैंड की यात्रा से पूर्व वक्तव्य

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा जापान और थाईलैंड की यात्रा पर जाने से पहले दिए गए वक्तव्य मूल पाठ इस प्रकार है:-

मैं आज पूरब की यात्रा पर रवाना हो रहा हूं, जो मुझे अपने महत्वपूर्ण मित्रों और भागीदारों जापान और थाईलैंड ले जाएगी।

मेरी जापान यात्रा दो देशों की शिखर बैठक के लिए है, जो पिछले वर्ष वहां होने वाले आम चुनाव के कारण स्‍थगि‍त कर दी गई थी। जापान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सहयोगी है। हमारे हितों में समानता भी बढ़ रही है और मैं इस संबंध को एशिया में स्थायित्व और समृद्धि के लिए आवश्‍यक घटक मानता हॅूं। मेरे अच्‍छे मि‍त्र प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे के नेतृत्‍व में जापान की नई सरकार के साथ शि‍खर बैठक में मैं भारत-जापान रणनीति‍क और वैश्‍वि‍क भागीदारी की लगातार शि‍खर बैठकों से बनी गति‍को और मजबूत बनाऊंगा।

इस यात्रा के दौरान जापान के साथ राजनीति‍क सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत बनाने का प्रस्‍ताव करुंगा। हम दोतरफा व्‍यापार और नि‍वेश संपर्कों को तेज और संतुलि‍त बनाकर व्‍यापक आर्थि‍क सहयोग भागदारी की पूरी क्षमता से उपयोग की राह तलाशेंगे। इस यात्रा से दोनों सरकारें भागीदारी से चलने वाली अग्रणी परि‍योजनाओं जैसे वेस्‍टर्न डेडि‍केटेड फ्रेट कॉरीडोर और दि‍ल्‍ली-मुम्‍बई इंडस्‍ट्रि‍यल कॉरीडोर और सार्थक तथा आपसी हि‍तों के एसोसि‍एशन के लि‍ए द्वि‍पक्षीय सहयोग में प्रगति ‍की समीक्षा भी करेगी। मैं साझा हि‍तों के क्षेत्रीय और वैश्‍वि‍क घटनाक्रमों पर भी प्रधानमंत्री ऐबे से वि‍चार-वि‍मर्श करुंगा।

मैं पहले की अपनी जापान यात्राओं की तरह इस बार भी जापान नरेश और महारानी से मुलाकात करूंगा। मैं जापान के सभी राजनीति‍क दलों के नेताओं, जापान के व्‍यापारि‍यों और उद्योगपति‍यों तथा जापान के सभी क्षेत्रों के भारतीय मि‍त्रों से भी बातचीत करुंगा। मेरा अलगा पड़ाव थाईलैंड है, जो महत्‍वपूर्ण द्वि‍पक्षीय भागीदार के साथ क्षेत्री नेता भी है। प्रधानमंत्री यिंगलुक शि‍नावात्रा के साथ बातचीत में मैं उस नई गति‍शीलता को आगे ले जाऊंगा जो 2012 में गणतंत्र दि‍वस पर मुख्‍य अति‍थि‍के रूप में उनकी यात्रा से बनी है।

थाईलैंड और भारत की जानता के बीच सदि‍यों पुराना सांस्‍कृति‍क और धार्मि‍क संबंध है। समुद्री सुरक्षा में भी हमारे साझा हि‍त हैं। थाईलैंड के साथ हमारे रक्षा और सुरक्षा सहयोग में प्रगति‍हो रही है और यात्रा के दौरान मैं उसे और बढ़ाने का प्रयास करूंगा। आसि‍यान में शीर्ष व्‍यापार और नि‍वेश सहयोगी थाईलैंड क्षेत्र के साथ भारत के एकीकरण में आवश्‍यक हि‍स्‍सा है।

भारत के लि‍ए थाईलैंड का महत्‍व भारत और दक्षि‍ण पूर्व एशि‍या के संपर्क केन्‍द्र के रूप में भी है। त्रि‍प‍क्षीय राजमार्ग परि‍योजना हमारे उत्‍तर-पूर्व को वाया म्‍यांमार थाईलैंड से जोड़ेगी और व्‍यापारि‍क और सांस्‍कृति‍क संपर्कों के लि‍ए मार्ग प्रशस्‍त करेगा। मैं आसि‍यान के साथ मजबूत भागीदारी के लि‍ए भी इस यात्रा का उपयोग करूंगा। थाईलैंड वि‍म्‍सटेक और मेकॉंग-गंगा सहयोग पहल में एक महत्‍वपूर्ण घटक है।

जापान और थाईलैंड की मेरी यात्राएं 'पूरब की ओर' नीति‍को नई सार्थकता प्रदान करेगी। एशि‍या-प्रशान्‍त में शांति‍, समृद्धि‍और स्‍थि‍रता में योगदान देगी।