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April 10, 2013
नई दिल्‍ली

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एलपीजी सब्‍सि‍डी के प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण पर पेट्रोलि‍यम और प्राकृति‍क गैस मंत्रालय को पत्र लि‍खा

प्रधानमंत्री के मुख्‍य सचिव ने प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण (डीबीटी) के माध्‍यम से एलपीजी सब्‍सिडी के अन्‍तरण को प्रारंभ करने के‍ लिए पेट्रोलि‍यम और प्राकृतिक गैस सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में डीबीटी पर राष्‍ट्रीय समिति के निर्णय को स्‍मरण कराया गया है जिसमें यह तय किया गया था कि 15 मई, 2013 से 20 जिलों में डीबीटी के माध्‍यम से एलपीजी सब्‍सिडी के अन्‍तरण को प्रारंभ कर दिया जाएगा। पत्र में यह भी अपील की गई है कि इस प्रक्रिया के प्रारंभ को समय से सुनिश्‍चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए जाने वाले कदमों में तेजी लायी जाए। मुख्‍य सचिव के पत्र का उद्धरण इस प्रकार है:-

विषय: प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण के माध्‍यम से एलपीजी सब्‍सिडी का अन्‍तरण प्रारंभ करना।

डीबीटी पर राष्‍ट्रीय समिति ने 5 अप्रैल, 2013 को आयोजित अपनी बैठक में 15 मई, 2013 से 20 जिलों में डीबीटी के माध्‍यम से एलपीजी सब्‍सिडी के अन्‍तरण को प्रारंभ करने का महत्‍वपूर्ण फैसला लिया था। यह प्रक्रिया प्रत्‍येक जिले में आधार नामांकन की निश्‍चित कार्य प्रणाली पूर्ण होने के बाद अन्‍य जिलों में भी लागू की जानी है। वित्‍त, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को विश्‍वास दिलाया है कि योजना के अनुरूप इस प्रक्रिया के प्रारंभ को सुनिश्चित करने के‍ लिए सभी आवश्‍यक कदम उठाए जाएंगे।

मैं यह पत्र आपको इसलिए लिख रहा हूं ताकि इस प्रक्रिया को समय से प्रारंभ करने के लिए आपके मंत्रालय द्वारा उठाए जाने वाले कदमों में तेजी लाने की महत्‍ता पर जोर दिया जाये। जहां तक एलपीजी सब्‍सिडी का प्रश्‍न है पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उपभोक्‍ताओं के अधिक अथवा कम डिजिटल डाटा बेस को पूरा करने के लिए एक प्रक्रिया की शुरूआत कर रहा है।

इसके पश्‍चात, मध्‍यस्‍थ एजेंसियों को शामिल किये बिना तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के द्वारा वित्‍तीय लेन-देनों को प्रबंधित किया जाएगा। यह प्रारंभ करने के लिए एक अच्‍छा आधार है।

इस काम में मुख्‍य चुनौती यह सुनि‍श्‍चि‍त करना है कि‍ तेल वि‍पणन कंपनि‍यों के पास उपभोक्‍ताओं का डाटाबेस हों और उपभोक्‍ताओं के बैंक खाते आधार संख्‍याओं के साथ जुड़े हों। इस कार्य के लि‍ए चुने गए जि‍ले पहले चरण में शामि‍ल 43 जि‍लों की मौलि‍क सूची का हि‍स्‍सा हैं और उन जि‍लों में आधार पंजीकरण की दर काफी उंची है। मुझे इस बात की जानकारी मि‍ली है कि‍ तेल वि‍पणन कंपनि‍यां के डाटाबेस में आधार को जोडने के काम में वि‍गत चार महीनों में काफी प्रगति‍ हुई है। तेल वि‍पणन कंपनि‍यों को यह सुनि‍श्‍चि‍त करने के लि‍ए जोरदार प्रयास करना चाहि‍ए कि‍ अगले समय में इन दरों में और भी सुधार हो। पेट्रोलि‍यम और प्राकृति‍क गैस मंत्रालय के वि‍त्‍तीय सेवा वि‍भाग के साथ समन्‍वय की जरूरत होगी और बैंकों को यह सुनिश्‍चि‍त करना होगा कि‍ उपभोक्‍ताओं के बैंक खातों में इन्‍हें जोड़ा जा सके। इस काम सहयोग के लि‍ए पेट्रोलि‍यम और प्राकृति‍क गैस मंत्रालय ने एक समर्पि‍त टीम बनाई गई है।

सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि‍ पेट्रोलि‍यम और प्राकृति‍क गैस मंत्रालय की ओर से मंत्रि‍मंडल के पास एक नोट भेजकर प्रक्रिया प्रारंभ करने के लि‍ए आवश्‍यक स्‍वीकृति‍ प्राप्‍त करना जरूरी होगा, क्‍योंकि‍ फरवरी, 2013 में आयोजि‍त एक बैठक में इस बात पर सहमति‍ हुई थी।

प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण के अधीन शामि‍ल संख्‍याएं और लेन-देन से जुड़ी धनराशि‍ अब तक की कि‍सी भी योजना की तुलना में काफी अधि‍क है। मुझे पूरा वि‍श्‍वास है कि‍ अपने समर्पि‍त प्रयासों के बल पर पेट्रोलि‍यम और प्राकृति‍क गैस मंत्रालय 15 मई, 2013 को प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण के माध्‍यम से एल.पी.जी. की राज्‍य सहायता के अन्‍तरण में सक्षम हो सकेगा।