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March 25, 2013
नई दिल्‍ली

दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होने से पूर्व प्रधानमंत्री का वक्तव्य

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के निमंत्रण पर मैं आज पांचवे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में डरबन के लिए रवाना हो रहा हूं।

पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय मंच पर महत्वपूर्ण आवाज के रूप में उभरा है। इसके सदस्य देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन और साथ ही क्षेत्र विशिष्ट बैठकों के जरिए समन्वय ने आपसी सहयोग और इस मंच के प्रभाव को सुदृढ़ किया है। खासतौर पर विकासशील विश्व के हित के संदर्भ में, समग्र ब्रिक्स देशों के आर्थिक मान और वैश्विक स्थिति के मुद्देनज़र यह मंच क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का प्रतिनिधित्व करने वाला विशिष्ट मंच है।

मौजूदा ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में भारत को मार्च 2012 के नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अपनाए गए महत्वकांक्षी एजेंडे के सफलतापूर्ण कार्यान्वयन में सदस्य देशों का बहुत अधिक समर्थन प्राप्त हुआ। शिखर सम्मेलन अंतः ब्रिक्स सहयोग को और मजबूत करने तथा हमारे अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने के लिए दिल्ली में की गई शुरूआत को डरबन में और अधिक प्रगति प्रदान करेगा। हमारे लक्ष्‍यों को पूरा करने के लिए डरबन में मैं नये विचारों पर चर्चा की अपेक्षा करता हूं।

ऐसे समय में जब विश्‍व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, डरबन शिखर सम्‍मेलन हमारे ब्रिक्‍स साझेदारों के साथ अनेक मुद्दों पर उपयोगी और सही समय पर आपसी परामर्श और समन्‍वय का मौका देता है। हम वैश्विक वृद्धि को पटरी पर लाने और सूक्ष्‍म आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करने के साथ ही बुनियादी ढाँचे और सतत विकास में निवेश को प्रोत्‍साहित करने के तंत्र और उपायों पर चर्चा करेंगे। भारत वैश्विक राजनीति और आर्थिक सुशासन संस्‍थानों के सुधारों में तेजी लाने पर भी बल देगा। यह महत्‍वपूर्ण है कि ब्रिक्‍स वैश्विक शांति और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले बदलावों पर परामर्श जारी रखे।

अफ्रीकी जमीन पर यह पहला ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन होगा। ब्रिक्‍स और अफ्रीका के बीच ‘विकास, एकीकरण और औद्योगीकरण के संबंध में साझेदारी’ डरबन शिखर सम्‍मेलन का एक महत्‍वपूर्ण विषय होगा। अफ्रीका के साथ भारत के पुराने और गहरे संबंध तथा भारत अफ्रीका मंच शिखर प्रणाली सहित इस महाद्वीप के साथ हमारी बढ़ती हुई आर्थिक साझेदारी के मुद्देनज़र मैं ब्रिक्‍स के सदस्‍य देशों के नेताओं के बीच आपसी चर्चा के प्रति आशान्वित हूं जिसमें बड़ी संख्‍या में अफ्रीकी नेता भी भाग लेंगे। अफ्रीका में समावेशी विकास के महत्‍वपूर्ण साझेदार के रूप में और अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर समान हितों पर एकसाथ खड़े होने के प्रति मैं अपनी सुदृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।

अपनी इस यात्रा के दौरान मुझे ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ अर्थपूर्ण द्विपक्षीय बैठक का अवसर भी प्राप्त होगा। इस दौरान मैं चीन के राष्ट्रपति ज़ी जिनपिंग के साथ बैठक के प्रति भी आशान्वित हूं। यह न केवल नए चीनी राष्ट्रपति को व्यक्तिगत रूप से शुभकामना देने का मौका होगा बल्कि इसके साथ ही हमारे संबंधों में सकारात्मकता को बनाए रखने और इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने के बारे में चर्चा करने का अवसर भी होगा। दिल्ली में दिसंबर 2012 के सफल शिखर सम्मेलन के बाद मैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ भारत-रूस संबंधों की प्रगति की समीक्षा की भी अपेक्षा रखता हूं। इसके अलावा मैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रॉसैफ के साथ बैठक के प्रति भी आशान्वित हूं। ये दोनों जून में दिल्ली में आयोजित इब्सा शिखर सम्मेलन में भी हमारे साथ होंगे।