प्रेस विज्ञप्तियां[वापस जाएं]

January 11, 2013
नई दिल्ली

कुंभ मेला- गंगा नदी में पानी और प्रदूषण का मुद्दा

प्रधानमंत्री द्वारा कुंभ मेले के दौरान इलाहबाद स्थित गंगा नदी में टिहरी बाँध से पर्याप्त जल उपलब्धता की निगरानी की जा रही है। कुंभ मेले के दौरान यमुना नदी में प्रदूषण के भार को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।

टीएचडीसीआईएल (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) ने इलाहबाद में कुंभ स्नान के लिए पानी की मांग के मद्देनजर 21 दिसंबर 2012 से 20 फरवरी 2013 तक 250 क्यूमेक पानी और 21 फरवरी 2013 से 28 फरवरी 2013 के दौरान 220 क्यूमेक पानी जारी करने की सहमति दी है ।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को हाल ही में केशवपुरम में नवीनीकृत/शुरुआत किए गए 72 एमजीडी एसटीपी (सीवर उपचार संयंत्र) के व्यवस्थित प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यह उचित तौर पर कार्य कर सके। गुणवत्ता के मानदंडों के लिए दिल्ली सरकार को एसटीपी तथा सीईटीपी (समान अपगामी उपचार संयंत्र) के प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

इलाहाबाद में संगम पर यमुना और गंगा की बीओडी (जैवरसायनिक ऑक्सीजन मांग) आम तौर पर 6 एमजी प्रति लीटर से कम होती है लेकिन मुख्य मुद्दा लुगदी और कागज उद्योगो से निकलने वाले अपशिष्ट के रंग का है जो कि राम गंगा और काली ( दोनों गंगा की सहायक नदियां) नदियों में बहाया जाता है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में कागज इकाईयों द्वारा बहाया जाने वला अपशिष्ट निर्धारित मानदंडों के अनुसार ही हो। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्य बोर्डों ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समन्वय से राम गंगा और काली नदियों तथा साथ ही इनकी सहायक नदियों में दैनिक आधार पर जल की गुणवत्ता की निगरानी शुरु कर दी है। मानदंडों का उल्लंघन करने पर उद्योगों के विरुद्ध कदम उठाए जाएंगे। उन्नाव और बांथेर में 23 चर्मशोधन इकाइयों के बंद होने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं और प्राप्त की गई प्रतिक्रिया/ की गई कार्रवाई के अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे।