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November 30, 2012
नई दिल्ली

प्रधानमंत्री ने श्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है।

प्रधानमंत्री के संदेश का पाठ इस प्रकार है:

'मुझे श्री आई.के.गुजराल के निधन का बेहद अफसोस है। उनके निधन से देश ने एक बुद्धिजीवी, विद्वान व्‍यक्ति और एक कुशल राजनेता खोया है। उनका उदारवादी और मानवतावादी दृष्टिकोण हमारे स्‍वतंत्रा आंदोलन के नेताओं की शिक्षाओं पर आधारित था। मुझे वयक्तिगत तौर पर लगता है कि मैंने एक खास दोस्‍त खोया है जिसके ज्ञान, आदर्शवाद और सामाजिक समानता के प्रति उनकी गंभीर चिंता ने मेरे ज़हन में गहरी छाप छोड़ी। मैं अक्‍सर उनके परामर्श और राय लेता था तथा उसे काफी महत्‍व भी देता था।

श्री गुजराल एक शांत और आदर्शवादी व्‍यक्ति थे जो अपने सिद्धांतो पर चलते थे । वे एक बुद्धिजीवी और संवदेनशील व्‍यक्ति थे। उन्‍होंने अपने लंबे और उत्‍कृष्‍ट करियर के दौरान कई राजनीतिक और राजनयिक जिम्‍मेदारियां निभाईं। उन्‍होंने जो भी पद ग्रहण किया उस पर पूरी निष्‍ठा से काम किया। वे अपने साथ कार्य करने वाले व्‍यक्तियों के प्रति बेहद स्‍नेहशील और दयालु थे। युवा जीवन में अपने अनुभवों से वे पक्‍के समाजवादी धारणा के विचारक थे।

अपनी इन विशेषताओं के कारण उन्‍होंने जो भी कार्यालय संभाला उस पर अपनी छाप छोड़ी। वे एक राजनयिक थे जिन्‍होंने रूस और तटस्‍थ विश्‍व के साथ भारत के रिश्‍ते प्रगाढ़ किए। विदेश मंत्री के रूप में उन्‍होंने गंगा जल समझौते के साथ भारत-बांग्‍लादेश के संबंधों को फिर से मजबूत किया। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के साथ वार्ता का माहौल बनाया तथा भारत-श्रीलंका के ऐतिहासिक मुक्‍त व्‍यापार समझौते पर बातचीत शुरू की। एक समृद्ध दक्षिण एशिया के उनके दृष्टिकोण के लिए उन्‍हें हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्‍होंने प्रधानमंत्री के रूप में दबाव और कठिन परिस्थितियों में धैर्य से काम करने का उदाहरण दिया तथा अपने सिद्धांतो के प्रति निष्‍ठा का प्रदर्शन किया।

पंजाब में विद्यार्थी के रूप में राजनीतिक सक्रियता और गतिविधियों से शुरूआत करते हुए उनके सार्वजनिक सेवा के लंबे वर्ष का समापन उच्‍च कार्यकारी कार्यालय में पदभार ग्रहण करने के साथ हुआ।

भारत सरकार और अपनी ओर से मैं श्री गुजराल के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्‍वर उन्‍हें यह दुख सहने की शक्ति और धैर्य प्रदान करे।'