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September 28, 2012
नई दिल्‍ली

प्रधानमंत्री ने नकद अंतरण व्‍यवस्‍था गठित की लक्ष्‍य में सुधार, अपव्‍यय कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

लक्ष्य में सुधार लाने तथा अपव्यय एवं कमियों को कम करने तथा पारदर्शिता बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाए।

अपव्यय, नकल और कमियों को कम करने तथा कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री ने सरकार से प्राप्त व्यक्तिगत लाभों को लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे अंतरित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसे फास्ट-ट्रैक एवं तीव्र पद्धति के जरिए समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। ऐसा करने का विचार देश की पूरी जनसंख्या के लिए संपूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक नकद अंतरण व्यवस्था को अमल में लाना है।

इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, जिसे अभी छोटे पैमाने पर पायलट रूप में प्रयोग किया जा रहा है और जिसके परिणाम काफी उत्साहवद्धर्क हैं, प्रधान मंत्री ने "आधार" की क्षमता को बढ़ाते हुए इलेक्ट्रॉनिक नकद अंतरण को शुरु करने के लिए इसकी व्यवस्था तैयार की है।

1. नकद अंतरण के लिए ढ़ाँचा

कार्य में गति लाने और इलेक्ट्रॉनिक नकद अंतरण प्रणाली की तेजी से शुरुआत करने के लिए, प्रधान मंत्री ने नकद अंतरण के लिए व्यवस्था तैयार की है, जो एक समन्वित व्यवस्था होगी। इस व्यवस्था में निम्नलिखित शामिल होंगे-

(i). राष्ट्रीय मंत्रालयी समिति- यह समिति प्रधान मंत्री के अधीन होगी जिसमें सभी संबंधित मंत्री (वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी, सामाजिक न्याय, मानव संसाधन विकास, अल्पसंख्यक, श्रम, स्वास्थ्य, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, उर्वरक, योजना आयोग, यूआइडीएआइ) इसके सदस्य होंगे। यह समिति उच्चतम स्तर पर समन्वय और निर्णय लेने की प्रक्रिया को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करेगी और कार्यक्रम को आवश्यक शीघ्रता प्रदान करेगी।

(ii). राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति-  इस समिति में सभी संबंधित मंत्रालयों के सचिव इसके सदस्य होंगे। यह समिति, कार्य में समन्वय लाने, समय अनुपालन सुनिश्चित करने एवं कार्यक्रम शुरु होने के समय आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए निरंतर चर्चा करेगी।

(iii). कार्यान्वयन मिशन एवं समितियां-  अंतरण प्रणाली के डिजाइन एवं प्रचालन से संबंधित सभी प्रचालन एवं कार्यान्वयन संबधी विवरणों पर कार्य करेगी और उन्हें अंतिम रूप देगी। इस संबंध में प्रणाली की निर्बाध शुरुआत करने के लिए मिशन मोड में विभिन्न ऐजेंसियों के साथ समन्वित रूप में काफी काम करना होगा। इस मिशन में निम्नलिखित उप-समितियां होंगी -

(क). कैश ट्रान्सफर मिशन-  प्रौद्योगिकी समिति जो प्रौद्योगिकी, व्यवस्था एवं सूचना प्रौद्योगिकी विषयों पर कार्य करेगी।

(ख). कैश ट्रान्सफर मिशन-  वित्तीय समावेशी समिति जो बैंकिंग में वैश्विक पहुंच को सुनिश्चित करने एवं संपूर्ण वित्तीय समावेशन को प्राप्त करने हेतु कार्य करेगी।

(ग). कैश ट्रान्सफर मिशन-  इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर (इबीटी) कमिटी जो इबीटी से संबंधित विवरण जैसे कि डाटा बेस, ट्रान्सफर रूल्स, कंट्रोल्स, ऑडिस्ट्स आदि पर कार्य करेगी। प्रत्येक मंत्रालय के लिए एक समिति होगी जो बेनिफिट ट्रान्सफर का कार्य संभालेगी।

इस सभी समितियों के लक्ष्य एवं समयबद्धता स्पष्ट रूप से स्थापित किये जाएंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति इसकी प्रगति पर निगरानी रखेगी और इसे समय पर आरंभ करने हेतु सुनिश्चित करेगी।

2. "आधार" की पृष्ठभूमि-
  
"आधार" की तेज़ी से शुरुआत होने, जिसके तहत 20 करोड़ लोगों को इस योजना के अंतर्गत लाया गया एवं अब यह संख्या तेज़ी से 60 करोड़ हो रही है तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, जिसके तहत बाकी आधी जनसंख्या शामिल है, के साथ गरीबों को सीधे ही नकद लाभों को अंतरित करने की प्रणाली को शुरु करना संभव हो सकेगा।

नकद अंतरण प्रणाली का उपयोग नकद लाभों जैसे कि मनरेगा मजदूरी, छात्रवृत्ति, पेंशन, अन्य प्रकार की आय सहायता एवं स्वास्थ्य लाभों को अंतरित करने के उद्देश्य से किया जा सकता है। इलेक्ट्रानिक ट्रान्सफर ऑफ बेनिफिट्स (इटीबी) एक सामान्य परिवर्तन है। चूंकि अंतरण पहले से ही हो रहे हैं और इसमें केवल संशोधन यह है कि इस पद्धति से कागज आधारित, नकद प्राप्ति प्रणाली के स्थान पर एक इलेक्ट्रॉनिक डायरेक्ट ट्रान्सफर सिस्टम की प्रणाली शुरु होगी।

नकद अंतरण प्रणाली से लक्ष्य में सुधार, भ्रष्टाचार में कमी, अपव्यय की समाप्ति, व्यय में नियंत्रण तथा सुधार लाने में मदद मिलेगी।

3. पायलट - पायलट प्रयोगों के परिणाम उत्साहवर्द्धक हैं। अनेक मामलों में इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर पहले ही शुरु हो चुके हैं। सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को इटीबी लागू करने हेतु दिशानिर्देश जारी किये गए हैं। पायलट प्रयोग अभी कार्यान्वयन के स्तर पर हैं, जिसमें आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, पुडुचेरी एवं सिक्किम शामिल हैं।