प्रेस विज्ञप्तियां[वापस जाएं]

July 27, 2012
नई दिल्‍ली

ढांचागत क्षेत्र की महत्वूपर्ण परियोजनाओं के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार

हाल की बैठकों में महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की फ्लैगशिप परियोजनाओं के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। बुनियादी ढांचे की इन परियोजनाओं की पहचान और अनुमोदन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 6 जून, 2012 की बैठक में की थी। यह परियोजनाएं अच्छी दिशा में चल रही हैं और विभिन्न चरणों के लिए विस्तृत समय सीमा निर्धारित की गई है। नियमित निगरानी और समस्याओं के समाधान के लिए भी व्यवस्था की गई है।

क. जहाजरानी

आंध्र  प्रदेश और पश्चिम बंगाल में दो नए महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर काम शुरू हो चुका है। आंध्र प्रदेश में मुख्य बंदरगाह के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान के लिए तकनीकी समिति ने तीन स्थलों का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। पोत परिवहन मंत्रालय 31 अगस्त, 2012 तक मुख्य बंदरगाह के लिए आंध्र प्रदेश में जगह को अंतिम रूप देगा। आंध्र प्रदेश में मुख्य बंदरगाह परियोजना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी लेने के वास्ते 30 सितंबर, 2012 तक मंत्रिमंडल के समक्ष नोट प्रस्तुत किया जाएगा। सागर में मुख्य बंदरगाह के लिए राज्य समर्थन समझौते को पहली अगस्त, 2012 तक अंतिम रूप दिया जाएगा और निष्पादित किया जाएगा तथा विचार और अनुमोदन के लिए यह मामला 30 सितंबर, 2012 तक मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा। संबंधित राज्य सरकारों से 26 प्रतिशत इक्विटी और भारत सरकार से 74 प्रतिशत इक्विटी के साथ पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में दोनों परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एसपीवी (विशेष उद्देश्य वाहन) बनाया जाएगा। इसके बाद एसपीवी सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर परियोजना के लिए बोली लगाएगा। एसपीवी की संरचना को अंतिम रूप देने, बोली प्रक्रिया का निगरानी, दस्तावेज तैयार करने और कार्य सौंपने सहित समय-समय पर दोनों बंदरगाहों की स्थापना की प्रगति की निगरानी, के लिए पोत परिवहन मंत्रालय परियोजना संचालन समूह बनाएगा जिसके अध्यक्ष पोत परिवहन सचिव होंगे तथा आर्थिक मामले एवं आयोजना सचिव या उनके प्रतिनिधि इस समूह के सदस्य होंगे। 

ख. नागरिक उड्डयन

नवीं मुंबई में हवाई अड्डे के लिए, नोडल एजेंसी सिडको है। सिडको ने कार्यसंपादन दस्तावेज तैयार किए हैं। नवीं मुंबई बंदरगाह के लिए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार के साथ इस मामले पर चर्चा करेगा तथा भारत सरकार की स्वीकृति से दस्तावेज तैयार होने के बाद सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत काम सौंपने की प्रक्रिया के प्रबंध के लिए अपनाए जाने वाले तरीके पर सहमति लेगा। यह सब 15 अगस्त, 2012 तक किया जाएगा। उसके बाद मंत्रालय समझौतों को भारत सरकार की अनुमति सहित अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर सीसीआई को नोट भेजेगा। हवाई अड्डे के निर्माण की परियोजना का कार्य मार्च 2013 तक सौंप दिया जाएगा। गोवा में मोपा हवाई अड्डे के संबंध में, मुख्यमंत्री के तहत संचालन समिति पहले ही बनाई जा चुकी है। इसके लिए सलाहकारों की नियुक्ति भी कर दी गई है तथा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जोर-शोर से जारी है। यह कार्य मार्च 2013 तक सौंपा जाना है। इसी प्रकार केरल के कन्नूर में राज्य सरकार ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए मैसर्स कन्नूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लि. नामक एजेंसी बनाई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय सार्वजनिक-निजी भागीदारी में बनने वाले सभी नए हवाई अड्डों के लिए स्थायी आईएमजी का प्रस्ताव करेगा जो इन हवाई अड्डों संबंधी विनियामक, यातायात और मूल्यन जैसे सभी मसलों का समाधान करेगा। वह केंद्र और राज्य सरकारों संबंधी मामलों के बारे में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा नीति में सामंजस्य बिठाएगा तथा ग्रीनफील्ड नीति के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी हवाई अड्डों को तेजी से पूरा करने के सुझाव देगा।

ग. रेलवे

मुंबई में एलीवेटिड रेल गलियारा रेलवे की परियोजना है जो बेहद अग्रिम चरण में है। तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन कर लिया गया है। राज्य समर्थन समझौते के मसौदे पर महाराष्ट्र सरकार और मंत्रालय के बीच सहमति बन गई है। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत पूरी की की जाएगी। अनुमोदन का काम 15 मार्च, 2013 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना को वहनीय बनाने के लिए राजस्व रीयल एस्टेट के विकास से जुटाया जाएगा जिसके लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ परामर्श किया जा रहा है। परियोजना के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं और उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। रेल मंत्रालय दस्तावेजीकरण को अंतिम रूप देने, बोली प्रक्रिया की निगरानी और समयबद्ध ढंग से अनुबंध प्रदान करने सहित परियोजना के कार्यान्वयन निगरानी, के लिए परियोजना संचालन समूह बनाएगा जिसका अध्यक्ष रेल बोर्ड का अध्यक्ष होगा तथा डीईए सचिव, आयोजना सचिव, महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव (या उनके प्रतिनिधि), सदस्य (अभियांत्रिकी) और पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक इस समूह के सदस्य होंगे।

मुंबई और अहमदाबाद के बीच तथा अन्य मार्गों पर हाई स्पीड रेल गलियारा परियोजना प्रौद्योगिकीय रूप से बेहद अग्रिम चरण में है। मैसर्स राइट्स ने अन्य विशेषज्ञ सलाहकारों के साथ मिलकर पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन कर लिया है। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए बहुत से वैकल्पिक विकल्प उपलब्ध हैं। इन सभी विकल्पों में से सिर्फ एसपीवी या सार्वजनिक-निजी भागीदारी के विकल्पों को ही व्यवहारिक पाया गया। रेल मंत्रालय परियोजना संचालन समूह बनाएगा जिसका अध्यक्ष अध्यक्ष रेल बोर्ड का अध्यक्ष होगा तथा डीईए सचिव, आयोजना सचिव, सदस्य (मकैनिकल), सदस्य (अभियांत्रिकी) और सदस्य (इलेक्ट्रिकल) इस समूह के सदस्य होंगे। परियोजना संचालन समूह की संदर्भ शर्तों में अन्य बातों के अलावा ये भी शामिल होंगे (क) इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध विकल्पों और स्वीकृत व्यवहार्य विकल्पों का परीक्षण, (ख) हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाएं डिज़ाइन और निष्पादित करने के लिए रेलवे की क्षमता मजबूत करने के तरीके सुझाना तथा (ग) चुने गए विकल्पों पर तेजी से आगे बढ़ने के लिए तंत्र सुझाना। परियोजना संचालन समूह राइट्स के जरिए हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाओं पर विशेषज्ञता हासिल कर सकता है। परियोजना संचालन समूह की बैठक हर पखवाड़े होगी।

स्टेशन पुनर्विकास के लिए नए निकाय भारतीय रेल स्टेशन विकास निगम बनाया  जाना है जो स्टेशनों को पुनः विकसित करने का कार्य करेगा। पुनः विकास के लिए पांच रेल स्टेशनों की छंटनी कर ली गई है। योजना आयोग ने मॉडल कनसेशन समझौता दस्तावेज तैयार किए हैं जो आधार दस्तावेज के रूप में उपयोग किए जाएंगे।