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March 23, 2012
नई दिल्‍ली

कोरिया गणराज्‍य के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह का बयान

कोरिया गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति ली माईउंग बाक के निमंत्रण पर मैं 2012 सियोल परमाणु सुरक्षा सम्‍मेलन में भाग लेने तथा कोरिया गणराज्‍य की आधिकारिक यात्रा के लिए सियोल रवाना हो रहा हूं।

परमाणु आतंकवाद के खतरे पर उल्‍लेखनीय परमाणु क्षमताओं वाले देशों पर ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए अप्रैल 2010 में वाशिंगटन में राष्‍ट्रपति बराक ओबामा द्वारा बुलाये गये पहले परमाणु सुरक्षा सम्‍मेलन के बाद सियोल परमाणु सुरक्षा सम्‍मेलन का आयोजन किया जा रहा है। परमाणु आतंकवाद का खतरा निरन्‍तर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत परमाणु सुरक्षा सम्‍मेलन की पहल को आगे बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी करता रहा है तथा जनवरी 2012 में नई दिल्‍ली में शेरपा बैठक का आयोजन भी किया।

भारत विभिन्‍न प्रकार की ऊर्जा हासिल करने तथा ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्‍तार कर रहा है। परमाणु ऊर्जा के लाभ हासिल करने के लिए जनता का समर्थन हासिल करने के वास्‍ते हमें उन्‍हें उच्‍च स्‍तर की परमाणु सुरक्षा और संरक्षा का आश्‍वासन देने में सक्षम होना चाहिए। पिछले वर्ष जापान में फुकुशिमा दुर्घटना के बाद तो ये ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हो गया है।

मैं उस सियोल सम्‍मेलन में उन कार्यों की समीक्षा की उम्‍मीद करता हूं जो विभिन्‍न देशों ने पिछले वर्ष वाशिंगटन में सम्‍मेलन के बाद से परमाणु सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किये हैं तथा मुझे वैश्विक परमाणु सुरक्षा बढ़ाने के लिए अन्‍य कदमों की सिफारिश की भी उम्‍मीद है। भारत ने राष्‍ट्रीय रिपोर्ट तैयार की है जो सम्‍मेलन के दौरान प्रस्‍तुत की जाएगी। मैं उस सर्वोच्‍च प्राथमिकता को रेखांकित करूंगा जो हमने परमाणु सुरक्षा, संरक्षा और निरस्‍त्रीकरण को दी है तथा इस संबंध में हमारा त्रुटिहीन रिकॉर्ड है। मैं परमाणु हथियारों से मुक्‍त विश्‍व के लिए भारत का समर्थन जारी रखने का इरादा भी प्रकट करूंगा।

इसके अतिरिक्‍त मेरी यात्रा उन अनेक विश्‍व नेताओं के साथ विचारों के आदान-प्रदान का अवसर भी उपलब्‍ध कराएगी जो परमाणु सुरक्षा सम्‍मेलन में भाग लेंगे।

मुझे कोरिया गणराज्‍य के साथ अपने संबंधों की व्‍यापक समीक्षा के लिए राष्‍ट्रपति ली के साथ आपसी बैठक से तथा भविष्‍य के लिए नये कदमों की पहचान करने के लिए बहुत उम्‍मीदें हैं। कोरिया गणराज्‍य हमारा रणनीतिक भागीदार है तथा हमारी ‘’पूर्व की और देखो’’ नीति का महत्‍वपूर्ण स्‍तम्‍भ है। हमारे व्‍यापार और निवेश संबंध बहुत गतिशील हैं। विज्ञान और टेक्‍नोलॉजी, शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी भागीदारी का भविष्‍य बहुत उज्ज्वल है।

पूर्व एशिया सम्‍मेलन तथा जी-20 जैसे विभिन्‍न बहुपक्षीय मंचों के सदस्‍यों के रूप में हमारे दोनों देशों के उभरते राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर साझा हित हैं। मैं राष्‍ट्रपति ली के साथ अपनी बैठक का इस्‍तेमाल महत्‍वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय घटनाक्रमों के बारे में विचारों के आदान-प्रदान के लिए करूंगा। मुझे कोरिया के प्रमुख उद्योगपतियों की बैठक से भी बहुत उम्‍मीदें हैं जो हमारे दोनों देशों को करीब लाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।