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भारत गणराज्य के जल संसाधन मंत्रालय और चीन जन गणराज्य के जल संसाधन मंत्रालय के बीच निम्न विषयों के बारे में सहमति हुई है:-
1) दोनों पक्ष इस बात को स्वीकार करते हैं कि सीमापारीय नदियां और संबद्ध प्राकृतिक संसाधन तथा पर्यावरण सभी तटवर्तीय देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अत्याधिक मूल्यवान संपदा हैं।
2) दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि सीमापरीय नदियों के बारे में सहयोग आपसी सामरिक विश्वास और संचार को और बढायेंगे तथा सामरिक एवं सहकारी भागीदारी को मजबूत बनायेंगे। दोनों पक्षों ने भारत और चीन के बीच सीमापारीय नदियों संबंधी विशेषज्ञ स्तर की जानकारी की भूमिका और महत्व की भी सराहना की।
3) भारत ने बाढ़ के मौसम में जलविज्ञान संबंधी आंकड़ों और आपातकालीन प्रबंधन में सहायता के लिए चीन की सराहना की।
4) चीन ने यलूजंगबू/ब्रहमपुत्र नदी के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने की अवधि बढाने पर सहमति जताई। इस बारे में चीन जन गणराज्य के जल संसाधन मंत्रालय और भारत गणराज्य के जल संसाधन मंत्रालय के बीच हुए समझौते में सहमति व्यक्त की गई है। यह संबद्ध वर्ष की 15 मई के स्थान पर अब 1 जून से 15 अक्तूबर के बीच शुरू होगा। दोनों पक्ष इसे संबद्ध कार्यान्वयन योजना के अनुसार इसे लागू करेंगे। भारतीय पक्ष ने इस बारे में चीनी पक्ष की सराहना की।
5) दोनों पक्ष सीमापारीय नदियों के बारे में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए। यह सहयोग बाढ़ के मौसम में जलविज्ञान संबंधी आंकड़े और आपातकालीन प्रबंधन के बारे में विशेषज्ञ स्तर की वर्तमान व्यवस्था तथा आपसी हित के अन्य मामलों पर विचारों के बारे में है।
यह सहमति पत्र हस्ताक्षर किये जाने पर लागू होगा और इसे आपसी सहमति के साथ संशोधित किया जा सकता है।
इससे पहले अप्रैल 2008 में चीन जन गणराज्य और भारत गणराज्य के बीच सीमापारीय नदियों के बारे में विशेषज्ञ स्तर की व्यवस्था के काम-काजी नियमनों की चर्चा की गई। साथ ही, दिसंबर 2010 में हुए सहमति पत्र में भी व्यवस्था है कि चीन जन गणराज्य के जल संसाधन मंत्रालय और भारत गणराज्य के जल संसाधन मंत्रालय के बीच इस सहमति पत्र के अधीन चीन भारत को बाढ़ के मौसम में लेंगकिन जेंगबो/सतलुज नदी के बारे में जल विज्ञान संबंधी सूचना उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इस बारे में मई 2013 में दोनों देशों के बीच एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया था।