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प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और अमरीका के राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा ने आज सबुह व्हाइट हाउस में मुलाकात की। अपनी तीसरी शिखर बैठक में दोनों नेताओं ने पिछले दशक के दौरान संयुक्त राज्य अमरीका और भारत के संबंधों में आए बदलाव का गर्व के साथ उल्लेख किया जिससे पुष्टि होती है कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंध 67 वर्ष के इतिहास में किसी भी समय की तुलना में ज्यादा मजबूत हैं।
साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के बीच मजबूत संपर्क की बुनियाद पर टिके अमरीका-भारत संबंध व्यापक वैश्विक भागीदारी से विकसित हुए हैं और नाम एवं महत्व दोनों ही लिहाज से उनके नागरिक ज्यादा सुरक्षित एवं ज्यादा समृद्ध हुए हैं।
राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने अगले दशक को इसी तरह अपनी सरकारों के लिए बदलाव भरा एवं चुनौतीपूर्ण बनाने का इरादा प्रकट किया ताकि खासतौर से सुरक्षा सहयोग, द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा एवं पर्यावरण, उच्च शिक्षा एवं वैश्विक संरचना के क्षेत्रों में इस संबंध की पूरी क्षमता हासिल की जा सके।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने, साइबर, अंतरिक्ष एवं वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्रों में 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में अमरीका और भारत के बीच सुरक्षा सहयोग के विस्तार का आह्वान किया।
व्यापार एवं सैन्य अभ्यासों सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने रक्षा सहयोग में इस तिथि तक हुई प्रगति पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच और प्रगाढ़ रक्षा सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। नेताओं ने रक्षा प्रौद्योगिकी तबादले, संयुक्त शोध, सह-विकास एवं सह-उत्पादन में अपनी भागीदारी बढ़ाने के माध्यम के रूप में रक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा की पुष्टि करते हुए रक्षा व्यापार सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा फिर दोहराई। राष्ट्रपति ओबामा ने 2014 में यू. एस. पैसिफिक कमांड द्वारा आयोजित पैसिफिक रिम नौसेना अभ्यास में भाग लेने के भारत के निर्णय का भी स्वागत किया।
आतंकवाद का खतरा जारी रहने पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करने और आतंकवाद के लिए सभी वित्तीय एवं रणनीतिक समर्थन को रोकने सहित संयुक्त एवं ठोस प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों नेताओं ने ज्ञात एवं संदिग्ध आतंकवादियों के बारे में सूचना के आदान-प्रदान के लिए आपसी संबंधों को मजबूत करने सहित अपने संबंधित देशों के समक्ष खतरों से निपटने के लिए सूचना साझा करने एवं खुफिया सहयोग के महत्वपूर्ण विस्तार का भी निर्णय लिया। उन्होंने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित बनाने और नकली सामान बनाने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए मेगासिटी पॉलिसिंग रणनीतियों पर आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए होमलैंड सुरक्षा सहयोग के विस्तार के बारे में सूचना के आदान-प्रदान के महत्व पर बल दिया। भारत ने संयुक्त राज्य अमरीका में भारतीय यात्रियों के प्रवेश को तेजी से सुगम बनाने के लिए यू एस ग्लोबल एंट्री ट्रस्टिड ट्रैवलर नेटवर्क कार्यक्रम में सदस्यता के अमरीकी प्रस्ताव का स्वागत किया।
दोनों देशों के बीच दुतरफा व्यापार 2001 से पांच गुणा बढ़कर करीब 100 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह सहमत हुए कि अतिरिक्त पांच गुणा वृद्धि के लिए आपसी व्यापार की राह में कोई अपराजेय बाधा नहीं है। राष्ट्रपति ओबामा ने विश्वास प्रकट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए वर्तमान में जारी भारतीय आर्थिक सुधारों और नीतिगत उपायों से आर्थिक वृद्धि तेज होगी और दोनों देशों में व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे और नए रोजगार मिलेंगे।
नेताओं ने उच्च स्तरीय द्विपक्षीय निवेश संधि को सम्पन्न करने के लिए प्रतिबद्धता प्रकट की जिससे निवेश, पारदर्शिता और संभाव्यता के लिए रास्ते खुलेंगे तथा इस प्रकार आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा और दोनों देशों में रोजगार पैदा होंगे।
दोनों नेताओं ने बाली में विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में सफल नतीजे की दिशा में कार्य करने के लिए अपने अधिकारियों की प्रतिबद्धता भी प्रकट की।
नेताओं ने दोनों देशों के नागरिकों के लाभ के लिए अत्याधुनिक वैज्ञानिक शोध और विज्ञान, नवाचार एवं उद्यमिता में संयुक्त सहयोग का स्वागत किया। अमरीका ने 2014 में भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में भागीदार देश बनने के भारत के निमंत्रण का भी स्वागत किया।
राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के द्विपक्षीय प्रयासों को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की।
असैन्य परमाणु बिजली क्षेत्र में राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने उल्लेख किया कि सरकार-से-सरकार प्रक्रियागत सहमति के साथ अमरीकी कंपनियों और भारतीय परमाणु बिजली निगम के बीच व्यवसायिक बातचीत आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस घोषणा का स्वागत किया कि भारतीय परमाणु बिजली निगम और अमरीकी परमाणु कंपनी ने भारत के गुजरात में परमाणु बिजलीघर विकसित करने का प्रारंभिक अनुबंध कर लिया है।
एडवांस क्लीन इनर्जी के लिए अमरीका-भारत भागीदारी की शुरुवात दोनों देताओं ने 2009 में की थी जिससे लाखों भारतीय घरों बिजली के लिए रास्ता साफ होने की उम्मीद है।
जलवायु परिवर्तन हमारे समय के लिए परिभाषित चुनौती है और इस क्षेत्र में सहयोग तेज करना दोनों देशों के हित में है, इसे मानते हुए राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने भारत-बमरीका जलवायु परिवर्तन की स्थापना की घोषणा की जो कार्रवाई केंद्रित सहयोग किवसित करेगा और 2020 के बाद की अवधि के लिए महत्वाकांक्षी जलवायु परिवर्तन समझौतो विकसित करने में मिलकर काम करेगा और इस दिशा में आपसी प्रयासों को मजबूत बनाएगा।
दोनों नेता हाइड्रोफ्लूरोकार्बन्स के उपभोग और उत्पादन को चरणबद्ध ढंग से कम करने के लिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की विशेषत एवं संस्था के उपयोग के आपसी दृष्टिकोण पर चर्चा के लिए भारत-अमरीका कार्य बल पर सहमत हुए।
नेताओं ने वर्तमान में जारी यूएनएफसीसीसी के साथ वार्ता के तहत सहमत नतीजों के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए समर्थन पर प्रतिबद्धता प्रकट की।
राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने इस खतरे पर बल दिया जो तेल की ऊंची कीमतों से विश्व अर्थव्यवस्था पर आ सकता है और उन्होंने तेल बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।
राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने विश्वास प्रकट किया कि अमरीका और भारत को वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे को प्रथम भागीदारों के रूप में देखना चाहिए।
नेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ अमरीका और भारत की महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदारी बनी है। उन्हांेने सुरक्षा एवं राजनीतिक बदलाव का सुगम बनाने के लिए पुनः प्रतिबद्धता प्रकट की। उन्होंने कहा कि भारत और अमरीका महत्वपूर्ण बदलाव के दशक (2015-2024) के दौरान अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह ने 26 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने पाकिस्तान से आह्वान किया कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए काम करे।
नेताओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम संबंधी बकाया मुद्दों को हल करने के लिए कूटनीतिक उपाय करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा ईरान का आह्वान किया कि वह आईएईए और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दायित्वों का पालन करे।
दोनों नेताओं ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर भी अफसोस प्रकट किया और इस बात पर जोर दिया कि हर जगह और सभी को रासायनिक हथियारों को इस्तेमाल करने के वैश्विक नियमों को पालन करना चाहिए।
नेताओं ने जापान, चीन और आसियान के साथ ज्यादा भागीदारी सहित एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा प्रकट की।
राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह सहमत हुए कि यह सुनिश्चित करना दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में सुरक्षा परिषद प्रभावी भूमिका निभाती रहे।
इस बैठक से पता चला कि अमरीका और भारत के हित बढ़ते जा रहे हैं और यह भागीदारी 21 वीं सदी को परिभाषित करने वाली होगी।