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1. उत्तर भारत के सघन जनसंख्या वाले राज्यों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए तैयारी कार्यक्रम शुरू करने को मंजूरी दे दी है।
2. अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारे का निर्माण दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) की तर्ज पर किया जा रहा है। डीएमआईसी पश्चिमी समर्पित माल गलियारे को मुख्य सहारे के रूप में इस्तेमाल करती है और इसका निर्माण औद्योगिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना है। इस गलियारे को वित्तीय मदद जापान की सरकार से मिली है और राजस्थान, गुजरात, हरियाणा एवं महराष्ट्र में तीव्र औद्योगिक विकास के लिए नए शहरों, औद्योगिक क्षेत्रों एवं विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए भावी निवेश आने की उम्मीद की जा रही है।
3. इसी तरह अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारा पूर्वी समर्पित माल गलियारे को प्रधान सहारे के रूप में इस्तेमाल करेगा। पूर्वी समर्पित माल गलियारा पंजाब में लुधियाना से लेकर पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास दानकुनी तक फैला हुआ है। इसलिए अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारे का निर्माण पूर्वी समर्पित माल गलियारे के चारों तरफ होगा। यह गलियारा राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के तहत बन रहे अंतरभूमि जलमार्ग से भी फायदा उठायेगा जिसका विस्तार इलाहाबाद से हल्दिया तक है।
4. अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारा पंजाब, हरियाणा, उत्तरी प्रदेश, उततराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। यह इलाका दुनिया में सबसे सघन आबादी वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में औद्योगिकीकरण और रोजगार सृजन की काफी जरूरत है। इलाके में विकास के लिए यह गलियारा उत्प्रेरक का काम करेगा। इस गलियारे के अंतर्गत अमृतसर, जालंधर, अम्बाला, सहारनपुर, दिल्ली, रूड़की, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, हजारीबाग, धनबाग, आसमसोल, दुर्गापुर और कालेकाता आयेंगे।
5. अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए तैयारी कार्यक्रम शुरू के उददेश्य से प्रधानमंत्री ने एक अंतर-मंत्रालयीय समूह गठित किया है जिसके सदस्य निम्नलिखित हैं:-
(i) सचिव, टीआईपीपी अध्यक्ष
(ii) सचिव, डीइए सदस्य
(iii) अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड सदस्य
(iv) सचिव, शहरी विकास सदस्य
(v) सचिव, आरटीएच सदस्य
(vi) सचिव, जहाजरानी/ अध्यक्ष, आईडब्ल्यूएआई सदस्य
6. यह अंतरमंत्रालयीय समूह अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के निर्माण की व्यवहार्यता के साथ ही इसके लिए आवश्यक ढांचागत और वित्तीय जरूरतों की भी जांच करेगा। यह समूह एक महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।