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प्रधान मंत्री (डा. मनमोहन सिंह): देवियों और सज्जनों, मैंने दो देशों की यात्राएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं- पहली यात्रा प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निमंत्रण पर जापान की और उसके बाद थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलुक शिंवात्रा के निमंत्रण पर बैंकाक की।
मुझे विश्वास है कि इन दोनों यात्राओं की समाप्ति पर जारी संयुक्त वक्तव्य आपको मिल गए होंगे। इसलिए उन वक्तव्यों में कही गई बातों को दोहरा कर आपका समय बर्बाद नहीं करना चाहूंगा। यदि आप कुछ सवाल पूछना चाहते हैं तो मैं प्रसन्नतापूर्वक जवाब देना चाहूंगा।
प्रश्न-1: मेरा सवाल आपकी जापान यात्रा से संबंधित है। आपने जापान यात्रा को सफल बतलाया है लेकिन सिविल परमाणु समझौते के बारे में आगे की कार्रवाई के संदर्भ में विचार करें तो क्या 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जापान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है?
प्रधान मंत्री: जापान के साथ विचार-विमर्श हुए हैं और इस यात्रा से इस दिशा में औपचारिक प्रस्ताव किया गया है। मुझे उम्मीद है कि सिविल परमाणु ऊर्जा समझौते पर शीघ्र ही हम जापान के साथ हस्ताक्षर करेंगे।
प्रश्न-2: लुक ईस्ट नीति के संदर्भ में हुई प्रगति को आप किस तरह देखते हैं, विशेषकर अपनी दो देशों की यात्रा के संदर्भ में? अब तक क्या प्रगति हुई है और क्या नीति के अंतर्गत कुछ नए मुद्दे सामने आए हैं जिन पर ध्यान केन्द्रित किए जाने की आवश्यकता है?
प्रधान मंत्री: भारत सरकार की लुक ईस्ट नीति कोई नई घटना नहीं है। जब श्री नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे और मैं वित्त मंत्री था, उस समय हमने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, विशेषकर आसियान के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने की योजना बनाई थी। उसके बाद से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता रहा है। आसियान के देश हमारे महत्वपूर्ण भागीदार हैं और उनके साथ व्यापारिक संबंधों के विस्तार, निवेश संबध बढ़ाने, समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, व्यापार और निवेश का दायरा बढ़ाने के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं, और अब हम एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां व्यापार और निवेश का व्यापक प्रवाह एक वास्तविकता बन गया है।
मसलन, हमारे पास प्रतिबद्ध माल ढुलाई मार्ग यानी डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर है, जिसमें जापानी हमारी मदद कर रहा है; हमारे पास मुम्बई-दिल्ली औद्योगिक कॉरीडोर है, जिसके लिए भी जापान की सहायता उपलब्ध होगी; मुम्बई-बंगलौर कॉरीडोर है, जिसमें जापान, थाईलैंड और मलेशिया जैसे पूर्वी देशों की रुचि है। अत: मुझे उम्मीद है कि भारत की लुक ईस्ट नीति से अच्छा लाभ हो रहा है और जैसे जैसे हम आगे बढ़ेंगे इसके परिणाम और भी बेहतर होंगे।
प्रश्न-3: पाकिस्तान में एक नई सरकार, एक नई व्यवस्था कायम हो रही है, और श्री शरीफ ने सद्भाव प्रदर्शित करते हुए आपको पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण दिया है। कृपया बताएं क्या इस वर्ष के अंत तक आपका पाकिस्तान जाने का कोई कार्यक्रम है? और यह भी बताएं कि आपको पाकिस्तान यात्रा से आप किस तरह के परिणामों की उम्मीद करते हैं, विशेषकर इसे देखते हुए कि आपने स्वयं कहा है कि पाकिस्तान के साथ एक बार फिर सामान्य कार्यव्यापार?
प्रधान मंत्री: मैंने उसी दिन नवाज शरीफ से फोन पर बातचीत की थी जब चुनाव परिणाम घोषित किए जा रहे थे। मैंने उन्हें बधाई दी और उनकी इस भावना से सहमति व्यक्त की थी कि भारत-पाकिस्तान सबंधों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। मैंने भी उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। पाकिस्तान सरकार की ओर से मुझे पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण मिला है। किसी भी तरफ से कोई ठोस निर्णय नहीं किया गया है। कोई तारीख तय नहीं हुई है। लेकिन हम पाकिस्तान के साथ निश्चित रूप से अच्छे पड़ोसी के संबंध रखना चाहते हैं। हमारी निरंतर यह नीति रही है कि भारत और पाकिस्तान को सभी बकाया मुद्दों का समाधान करना चाहिए। हम उनका शांतिपूर्वक समाधान करने के प्रति वचनबद्ध हैं। श्री नवाज शरीफ की ओर से भी ऐसी ही भावना व्यक्त की गई है।
प्रश्न-4: झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हुए पांच महीने हो गए हैं। हम यह जानना चाहते हैं कि ये कब तक जारी रहेगा। और निकट भविष्य में क्या वहां चुनाव संभव होंगे।
प्रधान मंत्री: इस बात पर विचार हो रहा है मैं इस समय इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता।
प्रश्न-5: आप 1991 से राज्यसभा सदस्य हैं और कल आप फिर निर्वाचित हुए हैं। इसके लिए मैं अपनी ओर से और असम की जनता कि ओर से हार्दिक बधाई देता हूं। पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास के लिए काफी सब्सिडी दी जा रही है, सब कुछ सब्सिडाइज्ड है, वहां कर होलिडे है, परन्तु सब्सिडी का रुपया वहां पूर्वोत्तर के विकास के लिए कोई भी इंडस्ट्री खर्च नहीं कर रही है। यह बहुत बड़ा मुद्दा है। एक सौ करोड़ रुपये की इंडस्ट्री लगा रहे हैं और दो सौ करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं। इसमें केन्द्र सरकार को एक्शन लेना चाहिए ताकि राज्य का विकास हो।
दूसरे, लुक ईस्ट पालिसी में नोर्थ-ईस्ट को सिवाय .....(सुनाई नहीं दिया) ....और कुछ वहां विकास नहीं हुआ है। तो डिवेलप्मेंट वहां पर लुक ईस्ट पॉलिसी में होना चाहिए। धन्यवाद।
प्रधानमंत्री: मुझे यकीन है कि हमारी लुक ईस्ट नीति से पूर्वोत्तर राज्यों को व्यापक लाभ पहुंचेगा। हमने भारत, म्यांमा और थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क सुधारने के प्रयास किए हैं। मेरा मामना है और आप भी इससे सहमत होंगे कि संचार सुविधाओं में सुधार से देश के पूर्वोत्तर राज्यों को भी लाभ पहुंचेगा।
जहां तक सब्सिडी का मामला है मैं यह मानता हूं कि शेष भारत की तुलना में और पूर्वोत्तर राज्यों में संचार सुविधाओं की कुछ विशेष कठिनाइयां और समस्याएं अवश्य हैं, जिन्हें देखते हुए कुछ वस्तुओं पर सब्सिडी दी जा रही है। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि देर सबेर पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग अपने पैरों पर खड़ा होना सीखेगे।
प्रश्न-6: मान्यवर जब आप जापान और थाईलैंड के दौरे पर थे उसी वक्त खबर मिली कि असम से आप राज्य सभा के लिए एक बार फिर निर्वाचित हुए हैं, अगले छह साल के लिए। क्या अगले प्रधानमंत्री के बारे में कोई सहमति बन गयी है, या अभी तक आपने इस बात का खुलासा नहीं किया कि अगर आपको एक बार फिर से प्रधानमत्री पद के लिए जिम्मेदारी मिलती है तो आप उसको स्वीकार करेंगे?
प्रधानमंत्री: देखिए जब मैंने अपने नोमिनेशन पेपर भरे थे तो उसी समय मैंने साफ कह दिया था कि मेरा यह सौभाग्य है कि मैं 1991 से राज्य सभा के लिए असम का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। असम के लोगों ने मुझे एक फिर सेवा का अवसर दिया है। मैं उनका कृतज्ञ हूं। मैंने असम के लोगों की सेवा अपनी पूरी योग्यता के साथ करने की कोशिश की है। मै। अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ असम के लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा।
प्रश्न-7: सर आपकी मंत्री परिषद में नौ स्ािान खाली हैं और चुनाव बहुत पास हैं, अधिक से अधिक एक साल के अंदर होंगे। क्या हम मंत्री मंडल में विस्तार की उम्मीद कर सकते हैं, और कब तक?
प्रधानमंत्री: देखिए मंत्री मंडल में कुछ सीटें खाली हैं, उनको भरने का विचार किया जा रहा है।
प्रश्न-8: सर, वास्तव में मेरा सवाल क्रिकेट जगत से है। भारत में आज सबसे बड़ी खबर मैच फिक्सिंग की है। सट्टेबाजी, हवाला और सब तरह के घोटाला आईपीएल में सामने आए हैं। इस खेल के साथ वरिष्ठ मंत्री, राजनेता भी जुड़े हुए हैं। बीसीसीआई चीफ श्रीयुत श्रीनिवासन ने अपने पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है और कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। क्या आपको लगता है कि इसमें सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए?
प्रधानमंत्री: मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। जो बातें आप कह रह हैं, उनकी जांच की जा रही है और मेरे लिए जांच के स्तर पर कुछ कहना उचित नहीं है। मैं यह उम्मीद करता हूं कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाएगा।
प्रश्न-9: सर, यूपीए-1, के दौरान वामपंथी पार्टियों ने आपको छोड़ दिया था। यूपीए-2 में ममता ने आपको छोड़ दिया। संभावित यूपीए-3 के लिए क्या आप वामपंथी दलों तक फिर से पहुंच बनाने की योजना बना रहे हैं या आपको उम्मीद है कि ममता यूपीए-3 में शामिल हो जाएंगी?
प्रधानमंत्री: राजनीति में कोई स्थाई मित्र और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। कुछ लोगों के आने और जाने की संभावनाएं बनी रहती हैं। हमें जो स्थितियां होती हैं, उन्हें स्वीकार करना पड़ता है।
प्रश्न-10: सर, विकास और मुद्रास्फीति केे इस समूचे प्रकरण में क्या आपको लगता है कि रिजर्व बैंक इस संकट के पीछे है?वित्त मंत्री ने कुछ समय पहले कहा था कि अगर आरबीआई नहीं सुनेगा तो वे अकेले चलना पसंद करेंगे, आपका क्या कहना है?
प्रधानमंत्री: देश की मौद्रिक नीति का फेसला रिजर्व बैंक करता है, और मैं रिजर्व बैंक के फेसले का सम्मान करता हूं। लेकिन यह एक विकास की प्रक्रिया भी है। जैसे-जैसे हम मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करते हैं, वैसे वैसे विकास नीतियों पर अमल करने की अधिक गंुजाइश रहती है और मेरा मानना है कि आने वाले महीनों में आप देखेंगे कि मुद्रास्फीति पर अधिक नियंत्रण किया जाएगा और विकास को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए स्थान बढ़ेगा।
प्रश्न-11: सर, अगर डीएमके एक मात्र राज्य सभा की सीट के लिए आपके पांच सदस्यीय विधायक दल से समर्थन के लिए अपील करेगा तो क्या कांग्रेस उनका समर्थन करेगी, जैसा कि वे उम्मीद करते हैं?
प्रधानमंत्री: मैं कांग्रेस हाईकमान की ओर से कुछ नहीं कह सकता। ये ऐसे मामले हैं जिन परे हमारी पार्टी में सर्वोच्च स्तर पर विचार किया जाता है, और मेरे लिए यह उचित नहीं होगा कि मैं पार्टी के फेसले के बारे में पहले से कोई अनुमान व्यक्त करूं।
प्रश्न-12: आपके कुछ प्रमुख विधेयक लम्बित हैं, जिन पर संसद में व्यवधान के कारण पिछले सत्र में विचार नहीं किया जा सका। आपने यूपीए सरकार की वर्षगांठ बैठक में विपक्ष से अपील की थी कि वे इन विधेयकों को पारित कराने में सरकार की मदद करें। क्या इसके लिए कोई विशेष अधिवेशन बुलाने की योजना है या फिर उनको पास कराने का कोई और उपाय किया जाएगा?
प्रधानमंत्री: हम संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देना सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करंेगे। मैं सभी राजनीतिक दलों से एक बार फिर अपील करता हूं कि वे इस प्रक्रिया में सरकार की मदद करें।
प्रश्न-13: सर, आपको बड़ा उद्देश्यपरक व्यक्ति समझा जाता है। प्रधानमंत्री के रूप में आप दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और इस दौरान उपलब्धियों की एक लम्बी सूची आपके पास है। क्या आप ऐसे तीन मुद्दे बता सकते हैं, जिन पर आपको अफसोस हो?
प्रधानमंत्री: मैं आपको यह बता नहीं सकता कि यूपीए-2 ने किन परिस्थितियों में काम किया है। यूपीए-1 और यूपीए-2 के बीच काफी हद तक निरंतरता बनी रही है लेकिन दुर्भाग्य से यह एक तथ्य है कि विपक्ष पहले की तुलना में अधिक बेचैन हो गया है। उन्हें यह उम्मीद कभी नहीं थी कि हम यूपीए-1 के लिए चुनाव जीतेंगे लेकिन उनको उस समय दोहरी निराश हुई जब हम यूपीए-2 के लिए चुनाव जीत गए। इसलिए हाल के वर्षों में विरोध करने की विपक्ष की भूमिका में भारी बढ़ोत्तरी हुई है और मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि विपक्ष और सरकार के बीच इस खींचतान के चलते सदन में कुछ अत्यंत जरूरी कार्य नहीं निपटाए जा सके।
प्रश्न-14: प्रधानमंत्री जी, ऐसी धारणाएं सामने आई हैं कि आपके और श्रीमती सोनिया गांधी के बीच विश्वास में कमी आई है और उन्होंने विधि मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफे की मामले में आप पर दबाव डाला और यह भी कि उस समय आपको एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा जब सीबीआई डायरेक्टर ने प्रधानमंत्री कार्यालय में एक संयुक्त सचिव का नाम लिया जिसने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए जाने वाले जांच एजेंसी के शपथ पत्र में संशोधन कराए?
प्रधानमंत्री: मैं सत्य निष्ठापूर्वक कह सकता हूं कि मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। हम उन सभी मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं, जिनमें आपसी परामर्श जरूरी होता है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष से सलाह लेता हूं। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मतभेद होने की धारणा में कोई सच्चाई नहीं है।