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प्रश्न 1- क्या आप विधि मंत्री से इस्तीफा मांगेंगे?
प्रधानमंत्री- विधि मंत्री के इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं उठता। ये मामला अब न्यायालय में है और उसके विचाराधीन है। मेरे द्वारा कुछ भी करना उचित नहीं होगा, लेकिन विधि मंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
प्रश्न 2- चीन-लद्दाख के बारे में, घुसपैठ संबंधी गतिरोध हल करने के लिए क्या सरकार के पास कोई योजना है?
प्रधानमंत्री- हमारे पास योजना है। हम स्थिति पर ज्यादा जोर देना नहीं चाहते। हमारा मानना है कि इस समस्या का हल संभव है। यह स्थानीय समस्या है। बातचीत जारी है (चीन के साथ)
प्रश्न 3- सरबजीत के बारे में, क्या आप हालात से वाकिफ हैं?
प्रधानमंत्री- हां, यह बहुत दुखद है, कुछ कैदियों ने जेल में उन पर हमला किया। मुझे लगता है कि यह बेहद दुखद घटना है।
प्रश्न 4- विपक्ष आपका भी इस्तीफा मांग रहा है?
प्रधानमंत्री- पिछले 9 वर्षों में यह पहला मौका नहीं है, जब विपक्ष ने मेरा इस्तीफा मांगा हो। लेकिन मैं विपक्ष से अपील करना चाहता हूं कि वह संसद को चलने दें। संसद को काम न करने देकर हम अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली का मजाक बना रहे हैं। पूरा विश्व हम पर हंस रहा है। चाहे कोई भी मामला हो, उस पर संसद में बातचीत की उचित प्रक्रिया के माध्यम से चर्चा और बहस हो सकती है तथा किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
प्रश्न 5- भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि प्रधानमंत्री कोलगेट मामले में खुद को कवर करने के लिए विधि मंत्री का इस्तेमाल कर रहे हैं?
प्रधानमंत्री- मैं इस विषय पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह मामला न्यायालय में है और उसके विचाराधीन है।
प्रश्न 6- चिट फंड मामले ने बहुत से आप लोगों को प्रभावित किया है?
प्रधानमंत्री- बहुत ज्यादा ब्याज का वादा करके अनाधिकृत तरीके से पैसा उगाहना, एक ऐसी प्रवृत्ति है जिस पर रोक लगाया जाना जरूरी है।