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प्रधानमंत्री की जर्मनी यात्रा के दौरान भारत-जर्मनी अंतर सरकारी वार्ता के दूसरे दौर में हस्ताक्षरित दस्तावेजों की सूची:-
क्र.सं. |
एमओयू के नाम |
हस्ताक्षरकर्ता |
टिप्पणियां |
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1. |
भारत में विदेशी भाषा के रूप में जर्मन के संवर्द्धन पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और जर्मनी के संघीय विदेश कार्यालय के बीच आशय पत्र की संयुक्त घोषणा। |
भारतीय: डॉ. एम मंगपति पल्लम राजू, मानव संसाधन विकास मंत्री |
जर्मन भाषा में बीएड कार्यक्रम लागू करने में सहयोग। आपसी विश्वास और अंतर सांस्कृतिक संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से जर्मन भाषा में परास्नातक डिग्री कार्यक्रम और लघु प्रवास के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। |
2. |
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और जर्मनी के बीच अंतर सरकारी एमओयू (आशय पत्र)। |
भारतीय: डॉ. एम मंगपति पल्लम राजू, मानव संसाधन विकास मंत्री |
विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और परियोजना सहयोग में जन आदान-प्रदान सुलभ कराना उद्देश्य। |
3. |
नागरिक सुरक्षा अनुसंधान क्षेत्र में आशय पत्र की संयुक्त घोषणा। |
भारतीय: श्री जयपाल रेड्डी, विज्ञान और टैक्नालॉजी मंत्री |
भारत-जर्मन अनुसंधान सहयोग के इस नए क्षेत्र का उद्देश्य 2013 में 5 नई पायलट परियोजनाओं का वित्त पोषण करना। चिह्नित प्राथमिकता के क्षेत्र हैं आपदा प्रबंधन, जीव विज्ञानी जोखिम स्थिति, शहरी सुरक्षा, लोगों की सुरक्षा व बचाव तथा नागरिक सुरक्षा संबंधी सामाजिक पक्ष। |
4. |
खाद्य, कृषि और उपभोक्ता मामलों के जर्मन संघीय मंत्रालय के कुपरेशंस कार्यक्रम पर कृषि और सहकारिता विभाग तथा जर्मन खाद्य, कृषि और उपभोक्ता संरक्षण संघीय मंत्रालय तथा भारत के राष्ट्रीय बीज एसोसिएशन और जर्मन एसोसिएशन आफ प्लांट ब्रीडर्स के बीच संयुक्त घोषणा। |
भारतीय: भारत के राजदूत |
इसका उद्देश्य निम्न क्षेत्रों में सहयोग है-1. पौध प्रकार संरक्षण 2. पौध जेनेटिक संसाधनों का संरक्षण 3. भारत और जर्मनी के कृषि अनुसंधान संस्थानों और बीज कंपनियों के बीच सहयोग। |
5. |
मानकीकरण अनुरूपता निर्धारण समीक्षा और उत्पाद सुरक्षा में सहयोग के लिए गुणवत्ता संपन्न संरचना पर भारत-जर्मन कार्यदल गठित करने के लिए उपभोक्ता मामलों, खाद्य और जन वितरण प्रणाली मंत्रालय तथा जर्मनी के इक्नॉमिक्स और टैक्नालॉजी संबंधी संघीय मंत्रालय के बीच आशय पत्र की संयुक्त घोषणा। |
भारतीय: विदेश सचिव/भारत के राजदूत |
इसका उद्देश्य मानकीकरण, अनुरूपता निर्धारण और आर्थिक और तकनीकी सहयोग के जरिए उत्पाद सुरक्षा तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों में बातचीत को तेज करना और समन्वित प्रयास करना है। गुणवत्ता संपन्न संरचना पर भारत-जर्मन कार्यदल की स्थापना। |
6. |
हरित ऊर्जा गलियारा (ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर) स्थापना के लिए भारत-जर्मन विकास सहयोग पर जर्मनी और भारत के बीच आशय पत्र की संयुक्त घोषणा। |
भारतीय: डॉ. फारुख अब्दुल्ला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री |
इसका उद्देश्य राष्ट्रीय ग्रिड के साथ अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को एकीकृत कर तकनीकी और वित्तीय सहयोग के जरिए भारत में नवीकरण ऊर्जा को बढ़ावा देना। तकनीकी सहयोग केएफडब्ल्यू और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एजेंसी (जीआईजी) जरिए किया जाएगा। इसका उद्देश्य अगले 6 वर्ष के लिए एक अरब यूरो से अधिक रियायती ऋण उपलब्ध कराना है। |