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पाँचवा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय कानून को बढ़ावा देने, बहुस्तरीय सहयोग बढ़ाने और संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को मजबूत बनाने की घोषणा के साथ समाप्त हो गया है। दो दिन के इस सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय नेताओं ने भाग लिया।
सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा में कहा गया है कि सम्मेलन से ब्रिक्स संगठन देशों के बीच एकजुटता तथा विश्वशांति, स्थिरता, विकास और सहयोग के लिए सकारात्मक प्रतिबद्धता बढ़ी है। अफ्रीका के विकास तथा गरीबी उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए ब्रिक्स देशों ने उपमहाद्वीप की एकीकरण प्रक्रियाओं के प्रति समर्थन दोहराया। सदस्य देशों ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, जानकारी के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और अफ्रीका से विविध आयात को बढावा देने के जरिए अफ्रीकी देशों के औद्योगिक विकास के प्रति समर्थन व्यक्त किया । विकासशील देशों में दीर्घावधि आर्थिक सहायता और निवेश की कमी के कारण बुनियादी सुविधाओं के विकास की चुनौतियां हैं। इसके लिए ब्रिक्स देशों और अन्य विकासशील देशों की सहायता के लिए एक नए विकास बैंक की स्थापना को महत्वपूर्ण बताया गया। अफ्रीका में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए मिलकर धन जुटाने के लिए एक बहुस्तरीय समझौता किया गया। मुक्त, पारदर्शी और नियम-आधारित बहुस्तरीय व्यापार का समर्थन करते हुए सम्मेलन में कहा गया कि विश्व व्यापार संगठन का अगला महानिदेशक किसी विकासशील देश से होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधित्व वाली प्रभावी और कुशल संस्था बनाने की बात कही गई। सम्मेलन में सभी रूपों में आतंकवाद की भर्त्सना की गई।