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26 नवंबर 2012 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रत्यक्ष नकद अंतरण पर राष्ट्रीय समिति के निर्देशों के अनुसार प्रत्यक्ष नकद अंतरण पर आगे की कार्यवाई के लिए कार्यकारी समिति की बैठक हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति ने इस बात पर विस्तार से चर्चा की कि चयनित 43 जिलों (चुनाव प्रक्रिया तक हिमाचल और गुजरात के आठ जिलों के अलावा) में चुनिंदा 34 योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष नकद अंतरण के क्रियान्वयन के मुख्य उद्देश्य को राष्ट्रीय समिति द्वारा तय किए गए समय में किस प्रकार लागू किया जाए। (अधिक जानकारी- http://archivepmo.nic.in/drmanmohansingh/press-details.php?nodeid=1549 पर उपलब्ध)
1. चयनित जिलों (20.12.12 तक गुजरात और हिमाचल के अलावा) में चुनिंदा 34 योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष नकद अंतरण लागू करने के लिए प्रत्येक मंत्रालय की तैयारी पर विस्तृत चर्चा के बाद निम्नलिखित निर्णय लिए गए-
i. 10-15 दिसंबर 2012 के बीच (गुजरात और हिमाचल के अलावा) संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों की एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया जाएगा। योजना आयोग बैठक के लिए तिथियों को तत्काल अंतिम रुप देगा और संबंधित पक्ष को इसकी सूचना दी जाएगी।
ii. इसके क्रियान्वयन में भागीदार राज्यों की तैयारी की समीक्षा के लिए योजना आयोग मुख्य सचिवों/वित्त सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंस का आयोजन करेगा। कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों को सूचित किया जाएगा और वीडियो कॉन्फ्रेंस में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
iii. कार्यक्षेत्र स्तर पर, डाटाबेस को पुख्ता करना और उसका डिजीटलीकरण, सभी लाभार्थियों द्वारा आधार नामांकन को पूरा करना, सभी लाभार्थियों के लिए बैंक खाते को सुनिश्चित करना, बैंक खातों के डाटाबेस और लाभार्थियों के डाटाबेस में आधार नंबर की प्रविष्टि को सुनिश्चित करना, इसे लागू करने वाले मंत्रालयों के लिए आने वाले सप्ताह में प्रमुख गतिविधि होगी। इसे पूरी तत्परता के साथ लागू करना होगा। शिविरों के माध्यम से इसे सबसे अच्छी तरह से पूरा किया जा सकता है। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में जिलाधीशों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश देने की आवश्यकता है। इस संबंध में ज़रुरी तैयारियों का समन्वय योजना आयोग करेगा।
iv. आधार संख्या की प्रविष्टि और बैंक खातों के ब्यौरे के लिए एकत्र किए जाने वाले मूलभूत डाटा को मानक प्रारुप देने का कार्य वित्तीय सेवा विभाग द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, बैंकों और कार्यान्वित करने वाले मंत्रालयों के परामर्श के साथ किया जाएगा और सभी संबंधित पक्ष तक जानकारी पहुंचाने के लिए योजना आयोग के पास भेजा जाएगा।
v. केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए मंत्रालय राज्यों के जरिए निधियन का अंतरण वर्तमान की तरह ही जारी रखेंगे। केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष नकद अंतरण सीधे भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा लाभार्थियों तक पहुंचाई जाएगी।
vi. वित्तीय सेवा विभाग, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, योजना आयोग और कार्यान्वित करने वाले मंत्रालयों के परामर्श से व्यय विभाग निधियन के प्रवाह और उपयोक्ता प्रमाणपत्रों के बारे में मौजूदा निर्देशों में आवश्यक किसी प्रकार के बदलावों आदि को अंतिम रुप देंगे ताकि यह सरकारी लेखांकन और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
vii. उन योजनाओं के लिए जहां लाभार्थी अवयस्क है वहां संयुक्त बैंक खाता होगा, प्राथमिकता मां को दी जाएगी। लाभार्थी पहचान के लिए योजना द्वारा बच्चे का आधार इस्तेमाल किया जाएगा। बैंक खाते के संचालन के लिए मां के आधार का प्रयोग होगा। अपनी योजनाओं के लिए मंत्रालय इसके अनुसार दिशानिर्देश जारी करेंगे।
viii. जमीनी वास्तविकताओं को समझने के लिए योजना को कार्यान्वित करने वाले मंत्रालयों के सचिव आस-पास के जिलों में दौरा कर सकते हैं और साथ ही उन प्रक्रियाओं पर भी ध्यान देंगे जो इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है।
ix. जहां शिविरों का आयोजन किया जाना है और इसके अलावा भी आधार संख्या के पंयीजक के तौर पर बैंक अधिकृत होंगे और आधार के लिए लाभार्थियों का नामांकन कर सकेंगे।
i. ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं से संबंधित मुद्दों पर एक अलग बैठक में विचार किया जाएगा।
ii. डीआईटी सभी विभागों को उनके कोर समूह के नाम बताएगी और प्रत्येक कोर समूह सदस्य को विशेष मंत्रालय भी सौंपेगी।
iii. सीधे नकद अंतरण को लागू करने हेतु सभी ज़रूरी तकनीकी उपकरणों के लिए मानदंडों से संबंधित सभी मुद्दों को तकनीकी समिति देखेगी और इस पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेगी।
iv. वित्तीय सेवा विभाग, यूआईडीएआई और व्यक्तिगत मंत्रालयों को सीधे नकद अंतरण को समर्थ बनाने के लिए हार्डवेयर उपलब्ध कराने होंगे।
v. वित्तीय सेवा विभाग व्यक्तिगत लेन-देन में बैंकों द्वारा सेवा शुल्क, नो-फ्रिल खातों में बकाया सीमा, निष्क्रिय खाते की परिभाषा, सीधे नकद अंतरण को प्रभावित करने वाले अन्य संबंधित मुद्दों पर ध्यान देगा।
vi. कार्यान्वित करने वाले सभी मंत्रालयों को 43 जिलों में त्वरित रूप से और हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात के 8 जिलों में 20 दिसंबर 2012 के बाद प्रचार/सूचना/निर्देश जारी करने होंगे।