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प्रधानमंत्री को श्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से लिखी 12 दिसम्बर, 2012 की चिट्ठी मिल गई है जिसमें नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ सर क्रिक के मसले पर बातचीत को लेकर अप्रमाणित आरोप और वक्तव्य दिए हैं। यह बातचीत 1998 में दोनों देशों के बीच वार्तालाप शुरू होने के बाद से लगातार सरकारों द्वारा आगे बढ़ाई गई जो अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा के बाद भी जारी रहा।
पत्र में निहित तत्व और इसे सार्वजनिक करने का समय इस मुददे के पीछे छुपे उद्देश्य को लेकर सवाल खड़े करता है। चुनाव से ठीक एक दिन पहले गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत क्षमता से लिखी गई यह चिट्ठी शरारतपूर्ण है।
चिट्ठी के जरिए लगाया गया यह आरोप किसर क्रिक को पाकिस्तान को दे दिया जाएगा, गलत है। इसी तरह चिट्ठी में मोदी द्वारा गया दूसरे आरोप भी आधाहीन है।