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प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र पर गठित अंतर- मंत्रालय समन्वय समिति की 13 अगस्त, 2012 को प्रधानमंत्री के कार्यालय में दूसरी बैठक आयोजित की गई। सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों के सचिव इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक के दौरान, प्रधान सचिव ने रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिए प्रमुख क्षेत्र के तौर पर पर्यटन की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों के समन्वित कार्यों की जरूरत पर भी बल दिया।
बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण फ़ैसले लिये गये:-
1. सचिव (पर्यटन), सचिव (श्रम और रोजगार) और सचिव (ग्रामीण विकास) की एक उप-समिति खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार संभावनाओं की पहचान करेगी।
2. संस्कृति मंत्रालय एक उपयुक्त एजेंसी के माध्यम से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा प्रबंधित 19 विश्व धरोहर स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं जैसे पर्यटक सुविधा केन्द्र, सूचना केन्द्र, स्मारिका दुकानें, शौचालय सुविधाओं आदि के विकास पर शीघ्र कार्य करेगा। मंत्रालय भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस संदर्भ में भेजे गए प्रस्तावों पर शीघ्र फैसला भी लेगा।
3. राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों से भी सभी 116 एएसआई स्मारकों में पर्यटन सुविधा और बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में सहभागी बनने की अपील की जाएगी। समिति ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि आम तौर पर देशों द्वारा पर्यटकों को दी जाने वाली जन सुविधाओं में उच्च स्तर की स्वास्थ्य एवं स्वच्छता व्यवस्था को बढ़ाना आवश्यक है।
4. एएसआई 116 स्मारकों में कम्प्यूटरीकृत टिकट और छह माह की अवधि में चरणों के आधार पर 36 स्मारकों में श्रव्य-दृश्य, गाइड की सुविधा प्रदान करेगा।
5. वीजा मामले पर फिलहाल चल रही प्रक्रिया को गृह मंत्रालय दो हफ्तों के भीतर पूरा करेगा।
6. पर्यटन मंत्रालय चार सप्ताह के भीतर अप्रवासी कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की एक कार्य योजना पर काम करेगा।
7. रेल मंत्रालय नवम्बर, 2012 तक आगरा-जयपुर शताब्दी की शुरूआत करेगा। रेल और पर्यटन मंत्रालय संयुक्त रूप से दो सप्ताह के भीतर पांच रेलवे स्टेशनों (अमृतसर, आगरा, रायबरेली, गया और तिरूवनन्तपुर) तथा तीन महीनों के भीतर अन्य 19 स्टेशनों के उन्नयन की एक कार्य योजना को तैयार करने पर कार्य करेंगे।
8. पर्यटन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के विद्यालयों के पाठयक्रम में पर्यटन से संबंधित व्यावसायिक पाठयक्रमों को प्रस्तुत करने में सहभागी होंगे। सीबीएसई के अंतर्गत पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में क्षमता विकास को भी और बढ़ाने के प्रयास किये जाएंगे। इस कार्य योजना को प्रोत्साहन देने के लिए औद्योगिक हितधारकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।