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प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद कल वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने निवेशकों के विश्वास को बहाल करने पर बल दिया।
अधिकारियों को दिए गए उनके संबोधन के अनूदित अंश इस प्रकार है-
“वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद आप सभी से एक नए परिप्रेक्ष्य में मुलाकात करते हुए मुझे काफी खुशी है। 2008 में कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय से जुडने के अलावा काफी समय से मैं वित्त मंत्रालय के ब्यौरों और बारीकियों से दूर रहा हूं।
इसलिए न केवल वित्त मंत्रालय बल्कि संपूर्ण रुप से सरकार और अर्थव्यवस्था के हर आयाम से जुडे मुद्दों के संबंध में, मैं आपसे उपयुक्त सलाह की आशा करता हूं। वित्त मंत्रालय स्वंय में काफी व्यापक है जिसकी पहुंच सरकार और राष्ट्र के सभी कोनों तक है।
इसके कामकाज का तरीका हमारे देश के असंख्य नागरिकों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए आर्थिक विकास तथा देश के संपूर्ण कल्याण के लिए हितकर आर्थिक नीतियों को तैयार करने में वित्त मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका है।
वर्तमान में हम आर्थिक रुप से चुनौतिपूर्ण समय से गुज़र रहे हैं। वृद्धि दर में गिरावट आई है औद्योगिक प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, निवेश के संदर्भ में भी चीजें अनुकूल नहीं हैं और मुद्रास्फीति की समस्या जारी है।
अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में, मैं विनिमय दर की स्थिति के बारे में चिंतित हूं। निवेशकों के विश्वास में कमी है और पूंजी प्रवाह कम हो रहा है।
इन सब के पीछे कुछ अंतरराष्ट्रीय कारण भी है और हमें इन चुनौतियों से निपटने की दिशा मे काम करना होगा। हालांकि इसके साथ ही कुछ घरेलू कारण भी है। हमें जल्द ही इन सबका हल निकालना होगा। हमें अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना होगा।
हमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर निवेशकों के भरोसे को बहाल करना होगा।
आम तौर पर निराशाजनक माहौल के कई कारण है। कर के क्षेत्र में समस्याएं हैं जिन्हें संबोधित करना होगा वित्तीय क्षेत्र की ओर से हमें यह देखना होगा कि चीजों को किस तरह ठीक किया जाए। म्यूचुयल फंड उद्योग में भी कुछ समस्याएं हैं जिन्हें हल करना होगा। बीमा क्षेत्र में भी गिरावट आ रही है जो कि हमारे जैसे देश के लिए सामान्य बात नहीं है। इसपर ध्यान देने की ज़रुरत है। कुछ ऐसे मुद्दें हैं जिन्हें हमें जल्दी से जल्दी संबोधित करना होगा और कुछ चीजों में हम समय के साथ-साथ सुधार करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि आप लोग दोनों ही तरह के कामों को बखूबी अंजाम देंगे।
उत्कृष्ट कार्य करने की वित्त मंत्रालय की गौरवशाली परंपरा रही है और आप सभी से मैं इसकी ही अपेक्षा करता हूं।”
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कौशिक बसु, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री पुलोक चटर्जी, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री आर. गोपालन, श्री आर. एस. गुजराल, श्री सुमित बोस, श्री डी. के. मित्तल, मोहम्मद हलीम खान और प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।