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1. म्यामां के राष्ट्रपति ऊं थीन सेंन के निमंत्रण पर भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 27 से 29 मई 2012 के बीच म्यामां की राजकीय यात्रा पर हैं। उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर भी उनके साथ गई हैं।
2. प्रधानमंत्री का में समारोहपूर्ण स्वागत किया गया और उनके सम्मान में म्यामां के राष्ट्रपति ने भोज का आयोजन भी किया।
3. 25 वर्षों के बाद भारत के प्रधानमंत्री की यह पहली म्यामां यात्रा भारत और म्यामां के संबंधों में ऐतिहासिक कदम है।
4. दोनों देशों के नेताओं के बीच बैठक हुई जिसके पश्चात आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच करीबी और दोस्ताना रिश्तों को प्रतिबिंबित करती यह वार्ता सौहार्दपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और रचनात्मक माहौल में हुई।
5. आधिकारिक वार्ता के दौरान भारत के प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री श्री एस. एम. कृष्णा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री एस. मेनन, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री पुलोक चटर्जी, विदेश सचिव श्री रंजन मथाई, म्यामां में भारत के राजदूत डॉ. वी. एस. शेषाद्रि और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
6. म्यामां के राष्ट्रपति के साथ केन्द्रीय विदेश मंत्री ऊं वुन्ना माउंग ल्विन और अन्य केन्द्रीय मंत्री तथा भारत में म्यामां के राजदूत ऊं ज़िन ज़ॉ और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे।
7. भारत के प्रधानमंत्री और म्यामां के राष्ट्रपति ने बहुमुखी द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक समीक्षा की और अक्तूबर 2011 में म्यामां के राष्ट्रपति ऊं थीन सेंन की सफल भारत यात्रा के बाद हुई प्रगति का जायज़ा लिया। उन्होंने मौजूदा आधिकारिक आदान-प्रदान और वृद्धिरत आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक गठजोड़ पर संतोष जाहिर किया।
8. दोनों नेताओं ने भविष्य के लिए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर समान हित के दृष्टिकोण के बारे में सहमति जताई। उन्होंने सीमा क्षेत्र विकास, परिवहन, संपर्कता, कृषि, व्यापार और निवेश, मैत्रीपूर्ण विनिमय के संवर्धन और मानव संसाधन विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति जताई। उन्होंने दोनों देशों की जनता के विकास और कल्याण के लिए क्षेत्र में शांति और स्थिरता के महत्व को स्वीकार किया। इस संदर्भ में उन्होंने भारत और म्यामां के बीच करीबी भागीदारी के महत्व पर बल दिया साथ ही उन्होंने दोनों देशों की जनता के कल्याण के लिए अपने-अपने देशों के संसाधनों के प्रभावी उत्पादन की बात भी कही।
9. भारत के प्रधानमंत्री ने म्यामां सरकार द्वारा अधिक लोकतांत्रिक और राष्ट्रीय सामंजस्य स्थापित करने के लिए उठाए गए सुधारवादी कदमों के लिए म्यामां के राष्ट्रपति को बधाई दी। उन्होंने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सुधार के लिए जारी प्रयासों की सराहना की जिसमें कुछ प्रजातीय समूहों के साथ प्रारंभिक शांति समझौते के संबंध में वार्ता शामिल है और साथ ही डॉ आन सान सू की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी सहित विभिन्न लोकतांत्रिक राजनैतिक दलों के साथ भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने हाल ही में वहां पर मुक्त, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों के आयोजन की भी सराहना की।
10. प्रधानमंत्री ने म्यामां में लोकतांत्रिक स्वरुप की तेजी और लोकतांत्रिक संस्थानों जैसे संसद, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और मीडिया की क्षमता विकास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने में भारत की तत्परता दोहराई। दिसंबर 2011 में पाइथू हूत्तॉ के सभापति थूरा यू स्वे मन के नेतृत्व में संसंदीय प्रतिनिधिमंडल की सफल भारत यात्रा का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने म्यामां के सांसदों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए भारत की तत्परता की भी जानकारी दी।
11. द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए-
i. 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता संबंधी सहमति ज्ञापन
ii. भारत और म्यामां के बीच वायु सेवा समझौता
iii. भारत-म्यामां सीमा क्षेत्र विकास पर सहमति ज्ञापन
iv. संयुक्त व्यापार और निवेश मंच की स्थापना पर सहमति ज्ञापन
v. कृषि अनुसंधान और शिक्षा के लिए उन्नत केंद्र (एसीएआरई) की स्थापना पर सहमति ज्ञापन
vi. ने पी ता में कृषि अनुसंधान विभाग में राइस बायो पार्क की स्थापना पर सहमति ज्ञापन
vii. म्यामां सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के लिए सहमति ज्ञापन
viii. दागोन विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय के बीच सहयोग पर सहमति ज्ञापन
ix. म्यामां इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज और इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के बीच सहयोग पर सहमति ज्ञापन
x. म्यामां इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज और इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनेलिसेस के बीच सहयोग पर समझौता
xi. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2012-2015)
xii. म्यामां और भारत की सीमा पर सीमा हाट स्थापित करने के लिए सहमति ज्ञापन
12. दोनों नेताओं ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और म्यामां के बीच द्विपक्षीय संबंधों की जड़ें परस्पर साझा इतिहास, भूगोल, संस्कृति और सभ्यता में समाहित है। मार्च 2011 में म्यामां के अधिक लोकतांत्रिक देश के रुप में तबदील होने की और रुख करने के बाद से दोनों देशों के बीच आपसी समन्वय में वृद्धि का स्वागत करते हुए उन्होंने इसे और आगे तक ले जाने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की ताकि द्विपक्षीय सहयोग को उच्चतर स्तर पर ले जाया जा सके। दोनों नेताओं ने जनवरी 2012 में म्यामां के विदेश मंत्री ऊं वुन्ना माउंग ल्विन और फरवरी 2012 में म्यामां के निर्माण मंत्री ऊं खिन माउंग मिन्त की भारत यात्रा तथा फरवरी 2012 में भारत के जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री श्री पवन कुमार बंसल की म्यामां यात्रा पर संतोष जाहिर किया। दोनों देशों ने नेतृत्व स्तर पर इस प्रकार की यात्राओं को जारी रखने पर सहमति जताई।
13. दोनों देशों ने आतंकवाद और आतंकी गतिविधियों के सभी रुपों और स्वरुपोँ के विरुद्ध लड़ाई के संदर्भ में साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन दोनों ने संपूर्ण विकास के लिए सीमा क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के वास्ते सुरक्षा बलों और सीमा निरीक्षण करने वाली एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग की ज़रुरत पर बल दिया। इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय क्षेत्रीय सीमा समिति की पहली बैठक के आयोजन का स्वागत किया। इस बैठक की चर्चाएं बेहतर सीमा प्रबंधन के लिए सहयोग और समझ को बढ़ावा देने में मददगार रही। दोनों नेताओँ ने इस बात का आश्वासन दिया कि एक दूसरे देश की सीमाओं का इस्तेमाल एक-दूसरे देश विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा जिसमें आतंकवादियों द्वारा प्रशिक्षण, शरण स्थली अथवा अन्य गतिविधियों और आतंकी संगठन और उनके द्वारा संचालित समूह शामिल है।
14. दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा बरकरार रखने के महत्वपूर्ण भाग के रुप में कुशल सीमा प्रबंधन के महत्व को इंगित किया। इस संदर्भ में उन्होंने संबंधित सर्वेक्षण विभागों को सिलसिलेवार तरीके से सीमा स्तंभों के निरीक्षण और रखरखाव का निर्देश दिया। उन्होंने सर्वेक्षण विभाग के संबंधित प्रमुखों को 17वीं राष्ट्र स्तरीय बैठक में संयुक्त रुप से चिह्नित क्षेत्रों के जल्द से जल्द संयुक्त निरीक्षण के लिए तिथियां निर्धारित करने का निर्देश भी दिया।
संपर्कता
15. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और अन्य प्रकार के आदान प्रदान को बढ़ावा देने के साधन के रुप में संपर्कता को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कलादान बहुविध पारगमन परिवहन परियोजना की प्रगति पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने ज़ोरिनपुरइ (मिजोरम) में लैंड कस्टम्स स्टेशन के लिए स्थल निर्धारित किए जाने और अप्रैल 2012 में भारत और म्यामां द्वारा इसके संयुक्त निरीक्षण का भी स्वागत किया। यह उल्लेखनीय है कि इस परियोजना से द्विपक्षीय व्यापार, लोगों के बीच संपर्क और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के विकास और समृद्धि में योगदान को बढ़ावा मिलेगा।
16. भारत के प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत तमू-कलेवा मैत्री सड़क पर 71 पुलों के मरम्मत/उन्नयन का बीडा उठाएगा। दोनों नेताओं ने निर्णय किया कि 2016 तक भारत कलेवा-यारगई सड़क के हिस्से का उन्नयन कर इसे राजमार्ग के स्तर का बनाएगा और म्यामां यारगई-मोनईवा सड़क का उन्नयन करेगा। इस परियोजना से भारत में मोरेह से म्यामां के रास्ते थाइलैंड में माई सोत तक त्रिस्तरीय संपर्कता स्थापित करने में सहायता मिलेगी। दोनों नेताओं ने भारत-म्यामां-थाइलैंड के बीच त्रिपक्षीय राजमार्ग पर संयुक्त कार्य बल के पुनरुद्धार का स्वागत किया। 2016 तक बाधारहित त्रिपक्षीय संपर्कता स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की गई।
17. दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के महत्व को समझते हुए दोनों पक्षों ने भारत के इम्फाल से मांडले तक सीमापार बस सेवा शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने संबंधित अधिकारियों को यह सेवा जल्दी से जल्दी चालू करने के लिए सभी तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
18. उन्होंने नए हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए जिससे दोनों देशों बीच सीधी विमान उड़ाने मुमकिन हो सकेंगी तथा व्यावसायिक संबंध,पर्यटन और लोगों के बीच विचारों का आसानी से आदान- प्रदान संभव हो सकेगा।
19. दोनेां नेताओं ने सीमापार रेल-लाइन जोड़ने और दोनों देशों के बीच सीधी शिपिंग सेवा की तकनीकी और व्यावसायिक व्यवहार्यता निर्धारित करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह गठित करने का फैसला किया।
20. दोनों पक्षों ने म्यामां में देवाई बंदरगाह जैसी मुख्य अवसंरचना परियोजनाओं के विकास में भारत की भागीदारी की संभावना पर भी चर्चा की।
विकास सहयोग
21. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच बढ़ रहे विकास सहयोग पर संतोष व्यकत किया है तथा नुदान और रियायती ऋण के रूप में म्यामां को दी जा रही वित्तीय सहायता आज की तारीख तक 1.2 बिलियन अमरीकी डॅालर हो गई है। बुनियादी ढांचे, कृषि, मानव संसाधन विकास, औद्योगिक विकास, विद्युत, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं पर ध्यान देते हुए दोनों नेताओं ने म्यामां के लोगों के लिए और अधिक लाभकारी परियोजनाओं की पहचान करने पर सहमति व्यक्त की।
22. भारत सरकार के म्यामां सरकार को 500 मिलियल अमरीकी डॉलर का ऋण देने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं । इस ऋण का इस्तेमाल म्यामां में कृषि, रेल, परिवहन तथा इलैक्ट्रिक विद्युत सहित बुनियादी ढांचे की विकास संबंधी परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।
23. सीमा क्षेत्रों में लोगों के विकास और समृद्धि पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत को देखते हुए दोनों नेताओं ने सड़कों के उन्नयन और स्कूलों का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, पुल, कृषि तथा भारत-म्यामां सीमा क्षेत्र विकास के सहमति पत्र के अनुसार क्ष्ेात्र में अन्य प्रशिक्षण गतिविधियों सहित बुनियादी ढांचा विकास और सूक्ष्म-आर्थिक परियोजनाओं में सीमा क्षेत्रों के समग्र सामजिक-आर्थिक विकास में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की। म्यामां के राष्ट्रपति ने नगा .के प्रभाव वाले ज़ोन में बड़ी इलायची के उत्पादन में भारत के सहयोग की पेशकश का भी स्वागत किया।
24. विज्ञान और प्रौद्यागिकी में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर दोनों नेताओं ने 3 अप्रैल, 2012 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर हुई भारत-म्यामां संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक पर संतोष व्यक्त किया। संयुक्त कार्य समूह ने कृषि जैवप्रौद्योगिकी, कटाई के बाद की प्रौद्योगिकी, चिकित्सा जैवप्रौद्योगिकी, चिकित्सा अनुसंधान और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग के लिए कुछ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है। दोनों नेताओं ने इन फैसलों का स्वागत किया तथा सहमति व्यक्त की कि म्यामां प्राथमिकता संबंधी अपनी कुछ परियोजनाओं के लिए विशेष प्रस्ताव बनाएगा ताकि कार्यान्वयन के लिए उन्हें आगे बढ़ाया जाए।
25. यात्रा के दौरान एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें भारत की वित्तीय और तकनीकी सहायता के साथ म्यामां सूचना प्रौद्यौगिकी संस्थान बनाने का फैसला किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्ष की अवधि के लिए यंगाओं में भारत-म्यामां सूचना प्रौद्योगिकी कौशल उत्थान केंद्र को तकनीकी और वित्तीय सहायता जारी रखने की घोषणा की। भारत के प्रधानमंत्री ने भारत के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में कार्य करने के लिए म्यामां के शोधकर्ताओं के लिए फैलोशिप की घोषणा भी की, जिसके अंतर्गत हर वर्ष 10 स्लॉट आवंटित किए जाएंगे। वायुमंडलीय और भू विज्ञान, रसायन विज्ञान, अभियांत्रिकी विज्ञान, जैविक विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, गणित और कंप्यूटेशनल विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में प्रत्येक फैलोशिप 4-6 महीनों की अवधि के लिए होगी।
26. म्यामां में मानव संसाधन क्षमता विकास में अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि म्यामां के लिए भारतीय आर्थिक और तकनीकी सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के अंतर्गत मौजूदा प्रशिक्षण स्लॉटों की संख्या को दुगुना कर 250 से 500 किया जाएगा। म्यामां के राष्ट्रपति ने भारत के इस कदम का स्वागत किया है।
27. म्यामां के राष्ट्रपति ने सम्मेलन प्रबंधन में राजनयिकों को प्रशिक्षत करने तथा ने पी ता और यंगाओं में भाषा प्रयोगशाला तथा सम्मेलन कक्ष और विदेश मंत्रालय के लिए ने पी ता में ई-अनुसंधान केंद्र स्थापित करने में भारतीय पक्ष की सहायता की पेशकश पर आभार व्यक्त किया।
28. दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में भी अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर की। म्यामां के राष्ट्रपति ने 10 मिलियन डॉलर के अनुदान के तहत म्यामां को दी गई कृषि मशीनरी के लिए भी भारत को धन्यवाद दिया तथा कहा कि मशीनरी को म्यामां के विभिन्न स्थानों में वितरित किया गया है और इसका इस्तेमाल म्यामां के कृषि समुदाय के लाभ के लिए किया जा रहा है। यात्रा के दौरान एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें दोनों नेताओं ने कृषि अनुसंधान और शिक्षा उन्नत केंद्र को भारत की वित्तीय और तकनीकी सहायता सहित अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पारंपरिक ज्ञान एवं पारिस्थितिक संरक्षण के साथ उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित करना का निर्णय लिया। उन्होंने ने पी ता में येज़ीन में कृषि अनुसंधान विभाग के सहयोग से राइज़ बायो पार्क बनाने पर भी सहमति व्यक्त की। यह दोनों संस्थान म्यामां कृषि, शैक्षिक और व्यावसायिक समुदायों को तकनीकी और अनुसंधान सहयोग प्रदान करेंगे। म्यामां के राष्ट्रपति ने आधुनिक साइक्लोन-प्रूफ राइज़ साइलों के निर्माण में भारत के सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
29- म्यामां ने दुग्ध विकास, पशु पालन, टीककरण प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम/फैलोशिप व्यवस्थित करने तथा शेआन राज्य में दूध और दूध के उत्पादों की फैक्ट्री लगाने में भारत से सहायता मांगी है। भारतीय पक्ष ने इस प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की है।
व्यापार एवं निवेश
30- वर्ष 2015 तक द्विपक्षीय व्यापार को दुगुना करने के आपसी सहमति से निर्धारित किए गए लक्ष्य का उल्लेख करते हुए दोनों नेताओं ने इस बात पर बल दिया कि व्यापार की असीम क्षमता का उपयोग किया जाना बाकी है तथा बिजनेस समुदाय से इस क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया। बंदरगाह, राजमार्गों, तेल एवं गैस, बागान, विनिर्माण, आतिथ्य सत्कार और आईसीटी जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के निवेश को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस संदर्भ में, दोनों नेताओं ने सूचनाओं और विचारों के समय पर और सटीक आदान-प्रदान को सुगम बनाने के लिए नव सृजित व्यापार एवं निवेश मंच के महत्व को रेखांकित किया।
31- उन्होंने आश्वासन दिया कि दोनों सरकार द्विपक्षीय व्यापार की राह में विभिन्न बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए काम करेंगी। इस संदर्भ में उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यवसाय के अनुकूल बैंकिंग लेने-देन को सुगम बनाने में पहले कदम के रूप में रंगून में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि कार्यालय की स्थापना का स्वागत किया। म्यामां ने बैंकिंग क्षेत्र में म्यामां के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए तथा कृषि बैंकिंग क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय बैंकों के प्रस्तावों का स्वागत किया। दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की असीम संभावना के मद्देनजर दोनों नेता सहमत हुए कि भारतीय रिजर्व बैंक निकट भविष्य में भारत और म्यामां के बीच मुद्रा समझौतों के बारे में म्यामां के केंद्रीय बैंक के साथ सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर करेगा। इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक आपसी हित के मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के मंच के रूप में सेवा करने के लिए म्यामां के केंद्रीय बैंक के साथ सहमति-पत्र भी तैयार करेगा। दोनों पक्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या किसी अन्य बैंक के साथ आपसी सहमति से बैंकिंग अनुभवों और तकनीकी जानकारी साझा करने पर भी सहमत हुए।
32- दोनों नेताओं ने बिजनेस समुदाय से अनुरोध किया कि एक दूसरे के व्यापार मेलों में भग लेने तथा सेमिनार आयोजित करने एवं आपसी हित के विशेष क्षेत्रों में बिजनेस संबंधी आयोजनों के व्यापार एवं निवेश की मौजूदा नीतियों के बारे में सूचना के आदान-प्रदान के लिए भी उत्साहपूर्वक भागीदारी करें। इस संदर्भ में उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ और यूएमएफसीसीआई द्वारा नवंबर 2011 में रंगून में पहले उद्यमी भारत शो के आयोजन तथा इसे हर साल आयोजित करने के निर्णय का भी स्वागत किया।
33- सीमा के निकट रहने वाले समुदायों की जरूरतों के मद्देनजर दोनों नेताओं ने सीमा के निकट सीमा हाट स्थापित करने तथा इस उद्देश्य के लिए सहमति-पत्र पर सहमत होने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीमा व्यापार चौकियों पर बैंकिंग संबंधी बुनियादी ढांचे के उन्नयन के निर्णय से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच ज्यादा व्यापार हो सकेगा।
34- दोनों नेताओं ने निर्देश दिया कि तामू-मोरे और रि-जॉखतर में सीमा व्यापार अधिकारियों और व्यपारियों के बीच नियमित रूप से बैठकें आयोजित करने के निर्णय को जल्दी से जल्दी लागू करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समिति स्थापित की जानी चाहिए।
बिजली और ऊर्जा
35- दोनों नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस सन्दर्भ में उन्होने म्यामां सरकार और जुबिलैंट ईनर्जी ऑफ इंडिया के बीच उत्पादन के आदान-प्रदान सम्बंधी समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। उन्होंने उपलब्ध ब्लाक (जो निवेश के लिए उपलब्ध कराए जा रहे है तथा जिनके लिए अच्छी सम्भावनायें मौजूद हैं) सहित म्यामां में तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के निवेश को प्रोत्साहित किया। वे पैट्रोलियम उद्योग में निचले स्तर की परियोजनाओ में भारतीय कंपनियों के निवेश को बढावा देने पर भी सहमत हुए।
36- म्यामां के राष्ट्रपति ने तमाकी और श्वेजाए जल विद्युत परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए भारत की सराहना की। दोनों नेताओं ने अपने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि डीपीआर की विषय वस्तु का अध्ययन किया जाए और तकनीकी, वाणिज्यिक एवं सामाजिक-पर्यावरणीय पहलुओं के मद्देनजर भावी कार्रवाई को अंतिम रूप दें।
संस्कृति और जनता के बीच आदान-प्रदान
37- दोनों नेताओं ने भारत और म्यामां के लोगों के बीच प्रगाढ़ होते रिश्तों में संस्कृति के केंद्रीय तत्व पर बल दिया तथा 2012-2015 की अवधि के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर होने पर संतोष प्रकट किया। यह उल्लेख किया गया कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम से भारत के पूर्वौत्तर राज्यों और म्यामां के सीमा से लगे इलाकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा।
38- उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, म्यामां के धार्मिक मामलों के मंत्रालय और सितागु वर्ल्ड बुद्धिस्ट एसोसएिशन के सहयोग से दिसंबर 2012 में म्यामां में बौद्ध विरासत पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के लिए की जा रही तैयारियों का भी स्वागत किया।
39- म्यामां ने वर्ष के अंत में सारनाथ बुद्ध की 16 फुट की बलुआ पत्थर की बनी प्रतिकृति उपहार में देने के निर्णय के लिए भारत को धन्यवाद दिया जो श्वेदागोन पगौड़ा के अहाते में स्थापित की जाएगी। ऐसी ही प्रतिकृति का अनावरण प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान करेंगे। म्यामां ने भारत आने वाले म्यामां के धार्मिक यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं और आतिथ्य सत्कार के लिए भारत की सराहना की।
40- दोनों नेताओं ने म्यामां के बागन में आनंद मंदिर के संरक्षण और जीर्णोद्धार की परियोजना के लिए जारी भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण के कार्य पर संतोष प्रकट किया। यह कार्य अगले 2 वर्ष में पूरा हो जाने की संभावना है।
41- दोनों नेताओं ने भारत और म्यामां के प्रबुद्धजनों और शैक्षिक संस्थाओं के बीच अनुबंधों का स्वागत किया तथा विद्वानों से दोनों देशों में होने वाले शैक्षिक आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेने और विचारों के आदान-प्रदान का आग्रह किया।
42- म्यामां के राष्ट्रपति ने भारत से तकनीकी सहायता के साथ स्कूल की स्थापना के लिए भारत सरकार के समर्थन की प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत किया।
क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग
43- दोनों नेताओं ने आपसी हित के व्यापक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर साझा हित के मुद्दों पर अपना समन्वय जारी रखने पर सहमत हुए।
44- दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। भारत के प्रधानमंत्री ने अगला बिम्सटेक सम्मेलन आयोजित करने प्रस्ताव सहित बिम्सटेक की सफल अध्यक्षता के लिए म्यामां को शुभकामनाएं दी। दोनों नेताओं ने 2014 में आसियान की म्यामां की अध्यक्षता के तहत आसियान-भारत सहयोग के प्रगाढ़ होने की आशा प्रकट की। भारत के प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारत की पूर्व की ओर देखो नीति में आसियान के एकीकरण की पहल के तहत आसियान देशों के साथ सहयोग में म्यामां का महत्वपूर्ण स्थान है। दोनों नेता आगामी आसियान-भारत स्मारक सम्मेलन के संबंध में जारी गतिविधियों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
45- भारत के प्रधानमंत्री ने म्यांमा यात्रा के दौरान अपना और अपने शिष्टमंडल के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत और सम्मान करने पर म्यामां के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया।
46- प्रधानमंत्री ने म्यामां के राष्ट्रपति को आपसी सुविधा की तिथि पर भारत आने का निमंत्रण दिया जो राजनयिक माध्यम से तय की जाएगी। म्यामां के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री का निमंत्रण स्वीकार कर लिया।