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प्रधानमंत्री के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख बंदरगाहों में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के कार्यान्वयन में की गई प्रगति और ड्रेजिंग गतिविधियों का पुनरीक्षण किया गया। इस बैठक का आयोजन तीन माह पूर्व हुई बैठक के बाद आगे की कार्यवाही के लिए किया गया था जिसमें मंत्रालय को पीपीपी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए गये थे।
पिछली बैठक के दौरान एक प्रमुख मुद्दा विभिन्न मंत्रालयों जैसे गृह, रक्षा और पर्यावरण से स्वीकृतिलेने का था। पिछले तीन महीनों में, करीबी निगरानी और प्रधानमंत्री कार्यालय की देखरेख के परिणामस्वरूप लगभग सभी परियोजनाओं के लिए स्वीकृतिप्राप्त कर ली गई है। भविष्य में सुरक्षा स्वीकृतिको शीघ्रता से प्राप्त करने के लिए नई प्रक्रियाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
79 मिलियन से ज्यादा की अतिरिक्त क्षमता के निर्माण के लिए मुंबई (जेएनपीटी), कांडला और विशाखापत्तनम में तीन प्रमुख पीपीपी परियोजनाओं के लिए करीब 8000 करोड़ रूपए आबंटित किए जा चुके हैं। अन्य तीन पीपीपी परियोजनाएं भी शीघ्रता के साथ आगे बढ़ रही हैं और उन्हें इस वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में आबंटन दिया जाएगा और कुछ और परियोजनाओं को अगले दो माहों में आबंटन दिया जाएगा।
पीपीपी परियोजनाओं के माध्यम से बदंरगाह क्षेत्र में गतिविधियों को अंजाम देने के लिए यह शीघ्रता से उठाए गये कदमों में से एक है। परियोजनाओं की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा समय-समय पर की जाएगी।