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टाईम्स ऑफ इंडिया में ‘कोयला खदानों की नीलामी न करने से सरकार को 10.7 लाख रूपए करोड़ का नुकसान: सीएजी’ शीर्षक से आज छपी खबर के संदर्भ में प्रधानमंत्री को भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक से आज दोपहर डेढ बजे एक प्रत्र मिला है।
इस पत्र में अन्य चीजों के अलावा यह स्पष्टीकरण दिया गया है-
इस मामले में जो विवरण सामने आया है, यह वे निरीक्षण है जिसपर प्रारंभिक स्तर पर अभी विचार-विमर्श किया जा रहा है तथा इस मसौदे को अभी अंतिम रूप भी नहीं दिया गया है। यह पूरी तरह से गलतफहमी फैलाने वाला है। 9.02.2012 तथा 9.03.2012 को आयोजित सम्मेलन में मंत्रालय द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के आधार पर हमने अपना विचार बदला है। वास्तव में यह हमारे संज्ञान का विषय नहीं है कि आवंटी को होने वाला गैर इरादतन लाभ राष्ट्रीय कोषागार को होने वाले नुकसान के बराबर है। प्राथमिक मसौदे के लीक होने से बहुत परेशानी हुई है क्योंकि लेखा परीक्षण रिपोर्ट को अभी तैयार किया जा रहा है। इस तरह की खबरों से बहुत दुख पहुंचता है।