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March 4, 2014


तीसरे बिम्‍सटेक शिखर सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री

हम सभी देश स्‍वाभाविक तौर पर एक समूह हैं। भौगोलिक सीमाओं ने हमें जोड़ा है और इतिहास ने हमें बाँध रखा है। हमारी जमीनी और समुद्री सीमाएं साझा हैं। हमारी संस्‍कृति, धर्म और वास्‍तुशिल्‍प हमारे प्राचीन संबंधों का स्‍पष्‍ट प्रमाण प्रस्‍तुत करते हैं। बंगाल की खाड़ी के पार मॉनसून हमारी धरती को नवजीवन देता है, जबकि हमारा समुद्री व्‍यापार हमारी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को समृद्ध करता है। हम प्राकृतिक आपदाओं से लेकर आतंकवाद तक कई समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। साथ ही हम व्‍यापार, आर्थिक सहयोग और सम्‍पर्क के क्षेत्र में कई अवसरों को साझा करते हैं, ये सभी बातें हमारे सुखद भविष्‍य की पूर्व संकेत हैं।

एक साथ आकर, हम न सिर्फ दक्षिण एशिया अथवा दक्षिण पूर्व एशिया जैसी क्षेत्रों की संकुचित, परम्‍परागत परि‍भाषाओं के दायरे से बाहर निकल रहे हैं, बल्कि हम एशिया के सबसे ज्‍यादा उज्‍ज्‍वल और गतिशील वृत्‍तखंड पर पुल भी बाँध रहे हैं। पूरे एशिया में, आज जहां संपर्क और एकीकरण, क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने का माध्‍यम बन रहे हैं, ऐसे में बिम्‍सटेक इस दिशा में किए गए प्रयासों के सबसे उज्‍ज्‍वल उदाहरणों में से है।


संक्षेप ट्विटर यूआरएल: http://pm.nic.in/:6to5&ln=hindi