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September 19, 2013
Sipat, Chhattisgarh


PM’s address at the function to dedicate to the nation, the Sipat Super Thermal Power Station, and lay the foundation stone of the Lara Super Thermal Power Project

Following is the address of the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh, delivered in Hindi, at the function to dedicate to the nation, the Sipat Super Thermal Power Station, and lay the foundation stone of the Lara Super Thermal Power Project, at Sipat, Chhattisgarh, today:

“आज यहां छत्तीसगढ़ में NTPC सिपत Super Thermal Power Station को राष्ट्र को समर्पित करना मेरे लिए एक बहुत खुशी की बात है। यह Power Station 13000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है और इसके द्वारा उत्पादन की जा रही 2980MW बिजली की आपूर्ति न सिर्फ छत्तीसगढ़ को बल्कि पश्चिमी भारत के कई राज्यों और जम्मू-कश्मीर को भी की जा रही है।

आज ही के मौके पर रायगढ़ में NTPC के लारा सुपर थर्मल पावर project के पहले phase की आधारशिला भी रखी गई है। लारा project की कुल स्थापित क्षमता 4000MW होगी। इससे प्राप्त होने वाली कुल बिजली का पचास प्रतिशत भाग छत्तीसगढ़ राज्य को मिलेगा। मुझे बताया गया है कि पहले phase के लिए NTPC ने लगभग 12000 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दे दी है।

हमारे देश के तेज़ आर्थिक विकास के लिए वाजिब दामों पर बिजली की पर्याप्त उपलब्धता बेहद ज़रूरी है। चाहे कृषि हो या उद्योग या services sector, बिना बिजली के अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र मज़बूत नहीं बन सकता है। हालांकि सिपत और लारा power plants से देश के अन्य हिस्सों में भी बिजली की आपूर्ति की जाएगी लेकिन इनका खास फायदा आपके सुंदर राज्य छत्तीसगढ़ को मिलेगा। सिपत और लारा power stations की बदौलत बड़ी मात्रा में बिजली मिलने के अलावा राज्य सरकार को इनसे आमदनी भी होगी जिसे वह विकास के कामों में लगा सकती है। मेरा मानना है कि बिलासपुर और रायगढ़ जिलों की जनता को इन दो power stations से सबसे अधिक लाभ होगा, विशेष रूप से रोज़गार के नए-नए अवसर पैदा होने के ज़रिए।

मैं आज के मौके पर केन्द्रीय विद्युत मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी team और NTPC के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी बधाई देता हूँ । NTPC हमारे देश की महारत्न कंपनियों में से एक है और राष्ट्र निर्माण के काम में बहुत बड़ा योगदान दे रही है। कठिन परिस्थितियों में काम करके NTPC ने जो कामयाबियां हासिल की हैं वे तारीफ़ के क़ाबिल हैं। मुझे पूरा यक़ीन है कि लारा plant को बनाने में भी NTPC को वही सफलता मिलेगी जो उसे सिपत में मिली है।

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से मालामाल राज्य है। हमारी सरकार जानती है कि इस राज्य में विकास की बहुत सारी संभावनाएं हैं। हमने बराबर यह कोशिश की है कि विकास की इस क्षमता का पूरा फ़ायदा यहाँ की जनता को मिल सके। मैं NTPC की मिसाल देना चाहूंगा जिसका छत्तीसगढ़ के साथ बहुत पुराना और गहरा रिश्ता है।

छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन की मौजूदा क्षमता में से NTPC का हिस्सा एक तिहाई से भी ज़्यादा है। यह कंपनी राज्य में लगभग 17000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है और भविष्य में लगभग 23000 करोड़ रुपये का और निवेश करने की योजना बनाई है। जैसा आप सब जानते हैं कि कोरबा को राज्य की विद्युत राजधानी माना जाता है। कोरबा में अधिकतर बिजली उत्पादन NTPC द्वारा ही किया जा रहा है।

मुझे बताया गया है कि NTPC ने राज्य में अपनी Corporate जिम्मेदारी के तहत कोरबा के पास पाली के ITI और रायगढ़ के पास पसोर के ITI को अपनी देखरेख में ले लिया है। बलोदा, सिपत और कोरबा में भी NTPC की नए ITI स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा, NTPC रायपुर में भारतीय सूचना तकनीक संस्थान की स्थापना, रायगढ़ मेडिकल कालेज के निर्माण और कोरबा में एक इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण में भी सहायता करेगी। मुझे यह भी बताया गया है कि NTPC ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए और खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। इन तमाम कदमों से इस क्षेत्र की प्रगति में मदद मिलेगी। मैं इन तमाम कामों के लिए NTPC को हार्दिक बधाई देता हूं।

हमारी सरकार ने बड़े पैमाने पर देश में बिजली के उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने की भरपूर कोशिश की है। 11वीं योजना में देश में उत्पादन क्षमता में 55000MW की रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई। जो 10वीं योजना के दौरान हुई बढ़ोत्तरी क्षमता से दुगुनी से भी ज्यादा है। NTPC ने इस कोशिश में 9500MW से ज़्यादा का योगदान दिया है। 12वीं योजना के दौरान हमारा लक्ष्य है कि हम देश में लगभग 118000MW बिजली उत्पादन की नई क्षमता पैदा करें।

बिजली उत्पादन की लागत को कम रखने और उससे पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने देश में Super Critical Power Plants के साजो सामान के उत्पादन को आसान बनाने का काम भी शुरू किया है। इसकी वजह से दुनिया की सभी बड़ी बिजली कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में World-class technology वाले प्लान्ट लगाने की इच्छा जाहिर की है।

हमने यह शर्त रखी है कि Super Critical इकाईयों को भारत में ही तैयार किया जाए और Tender में सफल होने वाली कंपनियां पूरे तौर पर Technology भारतीय कंपनियों को सौंपे।

विद्युत मंत्रालय ने Super Critical Units स्थापित करने के लिए Bulk Tendering की कार्रवाई भी शुरु कर दी है। लारा में 800MW की इकाईयां इसी प्रक्रिया के जरिए लगाई जा रही हैं। इसकी वजह से इस परियोजना की लागत को कम रखने में बहुत सहायता मिलेगी।

13वीं पंचवर्षीय योजना से भारत में सिर्फ Super Critical Technologies पर आधारित प्लांट ही लगाए जाएंगे।

हमने बिजली के क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के अलावा Transmission और Distribution में सुधार करने, बिजली के लिए ईंधन की आपूर्ति को पक्का करने और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। हमारा मकसद यह है कि हम निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करें कि बिजली का क्षेत्र भविष्य में भी विकास करता रहे।

अब बिजली क्षेत्र से संबंधित Research and Development में पहले से ज़्यादा निवेश हो रहा है। मुझे खुशी है कि NTPC, BHEL और Indira Gandhi Centre for Nuclear Research एक साथ मिलकर Advanced Ultra Super Critical Technology के विकास के लिए काम कर रहे हैं। इससे हम भविष्य में ज़्यादा बेहतर Power Plants लगा सकेंगे।

मुझे यह कहते हुए ख़ुशी है कि हमने इस पॉवर प्लांट का नाम राजीव गाँधी सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन रखने का फैसला किया है।

अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं छत्तीसगढ़ की जनता को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। हमारी सरकार की बराबर यह कोशिश रहेगी कि ऐसे और भी projects छत्तीसगढ़ में लागू हों जिनसे इस प्रांत के लोगों की खुशहाली और समृद्धि और बढ़े। मैं NTPC को भी भविष्य में नई सफलताओं के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।”